पंचकर्म में छिपा है असाध्य रोगों का इलाज-

शरीर की शुद्घि की प्राचीन आयुर्वेदिक पद्घति है पंचकर्म। आयुर्वेद के अनुसार, चिकित्सा के दो प्रकार होते हैं- शोधन चिकित्सा एवं शमन चिकित्सा। जिन रोगों से मुक्ति औषधियों द्वारा संभव नहीं होती, उन रोगों के कारक दोषों को शरीर से बाहर कर देने की पद्घति शोधन कहलाती है। यही शोधन चिकित्सा पंचकर्म है। पंचकर्म चिकित्सा में केरल विश्वप्रसिद्घ है। अब भारत के बाकी राज्यों में भी इसका बोलबाला बढ़ रहा है।

ॐ (OM) उच्चारण के 11 शारीरिक लाभ

*ॐ (OM) उच्चारण के 11 शारीरिक लाभ -*

*ॐ*:- ओउम् तीन अक्षरों से बना है।
*अ उ म्*

*"अ"*का अर्थ है उत्पन्न होना..
*"उ"* का तात्पर्य है उठना, उड़ना अर्थात् विकास..
*"म्"*का मतलब है मौन हो जाना अर्थात् "ब्रह्मलीन" हो जाना..

ॐ सम्पूर्ण ब्रह्मांड की उत्पत्ति और पूरी सृष्टि का द्योतक है।
ॐ का उच्चारण शारीरिक लाभ प्रदान करता है।

*जानिए कैसे??*

ॐ कैसे है स्वास्थ्यवर्द्धक और अपनाएं आरोग्य के लिए ॐ के उच्चारण का मार्ग...

● *उच्चारण की विधि*

आयुर्वेद-मूल अवधारणाएं

आयुर्वेद भारतीय उपमहाद्वीप की एक प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है। ऐसा माना जाता है कि यह प्रणाली भारत में 5000 साल पहले उत्पन्न हुई थी। शब्द आयुर्वेद दो संस्कृत शब्दों ‘आयुष’ जिसका अर्थ जीवन है तथा ‘वेद’ जिसका अर्थ 'विज्ञान' है, से मिलकर बना है’ अतः इसका शाब्दिक अर्थ है 'जीवन का विज्ञान'। अन्य औषधीय प्रणालियों के विपरीत, आयुर्वेद रोगों के उपचार के बजाय स्वस्थ जीवनशैली पर अधिक ध्यान केंद्रित करता है। आयुर्वेद की मुख्य अवधारणा यह है कि वह उपचारित होने की प्रक्रिया को व्यक्तिगत बनाता है।

पाइल्स का क्या हैं? यौगिक क्रियाएँ से इलाज

क्या होते हैं पाइल्स
बवासीर या पाइल्स को मेडिकल भाषा में हेमरॉइड्स के नाम से जाना जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें गुदा (ऐनस) के अंदरूनी और बाहरी क्षेत्र और मलाशय (रेक्टम) के निचले हिस्से की शिराओं में सूजन आ जाती है। इसकी वजह से ऐनस के अंदर और बाहर या किसी एक जगह मस्से जैसी स्थिति बन जाती है, जो कभी अंदर रहते हैं और कभी बाहर भी आ जाते हैं। करीब 70 फीसदी लोगों को अपने जीवन में किसी न किसी वक्त पाइल्स की समस्या रही है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ पाइल्स की समस्या बढ़ सकती है। अगर परिवार में किसी को यह समस्या रही है तो इसके होने की आशंका बढ़ जाती है। आनुवांशिक समस्या है।

टीवी देखते वक्त करें ये पांच काम, थम जाएगा बुढ़ापा

प्रदूषण, तनाव और असंतुलित जीवनशैली की वजह से चेहरे पर वक्त से पहले झुर्रियां पड़ने लगती हैं और वे अपनी उम्र से बड़े लगने लगते हैं। इसके लिए वे मंहगी क्रीम खरीदते हैं जो अप्रत्यक्ष रूप से त्वचा को नुकसान पहुंचाती हैं। 

अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो आपको फेशियल योगा जरूर करना चाहिये। इसकी सबसे खास बात ये है कि इसे आप दफ्तर या घर में बैठे-बैठे आराम से कर सकते हैं। 

तन और मन को शांत करता है शशांकासन

तनाव है, उदर विकार है, मांसपेशियों में दिक्कत है, अत्यधिक क्रोध आता है, वगैरह-वगैरह। अगर आपको इस तरह की कोई भी दिक्कत है तो जाहिर है आप डॉक्‍टर का दरवाजा खटखटाएंगे। लेकिन अगर आप शशांकासन का हाथ थाम लें तो चिकित्सकों के द्वार पर भटकना नहीं पड़ेगा। जी, हां! शशांकासन कई मर्ज की अकेली दवा है। शशांक का शाब्दिक अर्थ खरगोश होता है। चूंकि इस आसन को करते हुए हम खरगोश की तरह हो जाते हैं इसलिए इसे शशांकासन कहा जाता है। इस आसन के असंख्य लाभ हैं। लेकिन इस आसन को करते हुए हमें अपनी सांस की गति का खास ख्याल रखना चाहिए नहीं तो अच्छे परिणाम की बजाय बुरे परिणाम सामने आ सकते हैं।

पञ्च तत्व और हाथ का संबंध

योग के अभ्यासकों में मुद्रा विज्ञान अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। कुछ योग विशेषज्ञ मुद्रा को 'हस्त योगा' भी कहते हैं। मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए विभिन्न योगासन और प्राणायाम के साथ इन मुद्राओं का अभ्यास करना भी जरूरी हैं। योग मुद्रा का अभ्यास करने से शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक लाभ होता हैं।

कसरत के समय उर्जा का इस्तेमाल

फिटनेस या तंदुरुस्ती यह अब जीवन का एक नया मंत्र है। इसके बारे में अपने परिवार और मित्रों में जागृती फैलाएं। लेकिन पहले आप स्वयं फिट रहने की जरुरत है। तंदुरुस्ती से अनेक बीमारियाँ टलती है और जीवन का सही आनंद भी इसी से मिलता है।

बचपन से इसकी आदत होनी चाहिए। आप स्वयं सोचे की आप फिट या तंदुरुस्त है या नहीं। उम्र और कामकाज के अनुरुप फिटनेस के मायने बदलते है। हर एक खेल के लिए फिटनेस की अलग जरूरतें होती है। फिटनेस के लिए हमको अलग अलग व्यायाम जरुरी है। आमतौर पर ऐसे व्यायाम के लिए शरीर में सिंपथॅटीक तंत्रिका तंत्र कृतीशील होती है। इसके चलते एक मस्ती का अनुभव होता है।

 

जापान के लोग हमेशा गर्म पानी ही क्योँ पीते हैं?

1. पाचन तंत्र को साफ करता है: पानी का तापमान शरीर के अंदरूनी अंगों पर उसके प्रभाव को बदल देता है. ठंडा पानी जहां अंदरूनी मांसपेशियों को सिकोड़ने का काम करता है, वहीं गर्म पानी उन्हें रिलैक्स कर विभिन्न क्रियाओं में सहयोग करता है. इसीलिए पाचन की अनियमितता, कब्ज, एसिडिटी जैसी रोजमर्रा की समस्याओं से निजात दिलाती हैं. दरअसल गर्म पानी पेट में मौजूद भोजन को छोटे-छोटे हिस्सों में तोड़ देता है, जिससे उन्हें पचाना आसान हो जाता है. साथ ही घी, तेल और वसा को आंतों में जमने से रोकता है.

किन-किन खुशबू से महकाएं अपना घर कि मिले सकारात्मक ऊर्जा, पढ़ें रोचक जानकारी

प्राचीनकाल में राजा-महाराजाओं द्वारा अपने महल, वस्त्रों, विभिन्न कक्षों, मुख्य द्वार आदि पर अलग-अलग अवसरों के अनुरूप इत्र एवं सुगंधित तेलों के प्रयोग का वर्णन मिलता है। इसमें कोई संदेह नहीं कि किसी खुशबू विशेष का प्रयोग कर आप अपने आसपास के वातावरण को सजीव बना सकते हैं।

 

विभिन्न प्रकार की खुशबुओं व उनके उपयोग पर शोध कर चुके ब्रिटिश शरीरक्रिया-विज्ञानी डॉ. एडवर्ड बैच के अनुसार फूलों की खुशबू में वह गुण है, जो एक प्राकृतिक औषधि की तरह नुकसान पहुंचाए बिना हर प्रकार के रोगों को ठीक करने में सक्षम है।

 

 

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