उत्कटासन

उत्कटासन का शाब्दिक अर्थ है - तीव्र मुद्रा या शक्तिशाली मुद्रा।

उत्कटासन में ज्यादा देर तक रुकने के लिए आपको थोड़ी दृढ़ता दिखानी होगी! उत्कटासन करने से पूर्व इसके अंतर्विरोध पढ़ना जरूर सुनिश्चित करें।

 

उत्कटासन करने की प्रक्रिया 

  1. दोनों पैरों के बीच थोडा फासला रखते हुए सीधे खड़े हो जाएँ।
  2. हाथों को सामने की ओर फैलाते हुए हथेली ज़मीन की ओर, कुहनियां सीधी रहे। घुटनो को मोड़ते हुए धीरे से श्रोणि को नीचे लाएँ जैसे कि आप एक काल्पनिक कुर्सी पर बैठे हैं।
  3. इसी स्थिति में बने रहें। उत्कटासन में अच्छा महसूस करने के लिए कल्पना करें कि बैठे बैठे आप अखबार पढ़ रहे हैं या लैपटॉप पर टाइपिंग कर रहे हैं।
  4. ध्यान रहे की आपके हाथ जमीन के समानांतर हों।
  5. सजगता के साथ रीढ़ की हड्डी को खींचते हुए सीधा बैठें, विश्राम करें।
  6. साँस लेते रहें और अखबार के पन्नें पलटते हुए राष्ट्रीय व् अन्तर्राष्टीय खबरों का आनंद लें।
  7. धीरे धीरे कुर्सी में और नीचे बैठे लेकिन ध्यान रहे कि आपके घुटने आपकी उँगलियों से आगे न जाएँ।
  8. धीरे धीरे नीचे जाते रहें और फिर सुखासन में बैठ जाएँ। अगर आप चाहे तो पीठ के बल लेट सकते हैं, और विश्राम कर सकते हैं।

श्री श्री योग विशेषज्ञ द्वारा हिदायत: मुस्कुराते हुए यह आसान करें, इससे आसन में बने रहना आसान रहेगा। खड़े होकर किये जाने वाले सभी आसनों के बाद(तदोपरांत) कुर्सी आसन करना एक उत्तम विचार है।फिर आप (उसके पश्चात) बैठकर किये जाने वाले आसन या लेटकर किये जाने वाले आसन कर सकते हैं।

उत्कटासन के लाभ 

  1. रीढ़ की हड्डी,कूल्हों एवं छाती की मांसपेशियों का अच्छा व्यायाम हो जाता है।
  2. पीठ के निचले हिस्से को मज़बूती प्रदान करता है।
  3. जांघो, एड़ी,पैर व् घुटनो की मांसपेशियों को ताकत मिलती है।
  4. शरीर में संतुलन व् मन में दृढ़ता आती है।

Comments

अब फिट रहने के लिए आपको घंटो जिम में पसीना बहाने की बिल्कुल जरुरत नहीं. FitTak पर आपको मिलेंगी बहुत सी आसान एक्सरसाइज और योगा टिप्स जिन्हें आप अपने रोज़ाना के रूटीन में शामिल करके रह पाएँगे एकदम फिट और हैल्दी. 

साथ ही मिलेंगे घरेलू नुस्खे जिनसे आप हेल्थ और ब्यूटी रिलेटेड तमाम परेशानियों से घर बैठे निजात पाएंगे. 

बिना हेल्दी फ़ूड के हेल्थ की बात करना अधूरा सा है इसीलिए FitTak पर आपको मिलेंगी ढेरों हेल्दी रेसिपीज़ भी जो हैल्दी होने के साथ-साथ होंगी इतनी स्वादिष्ट की आप उंगलियां चाट-चाट कर खाएंगे और हैल्दी खाने को मना नहीं कर पाएंगे. 
 

Yogasan for page

Chair Pose

उत्कटासन

Some yoga poses may come to you quickly and easily, with little struggle in flexibility or strength. Other poses can feel nearly impossible, even after years of practice. Utkatasana (Chair Pose) falls into a category of its own: It looks deceptively easy and straightforward; yet, when you try it, you’ll find it demands a great deal of flexibility in the shoulders as well as stability in the core and strength in the legs.

That is the challenge of Chair Pose. Its simple form offers little promise of glory. For all the effort it requires, you won’t end up with your leg wrapped behind your head or in some other fancy position. When I teach Chair, at first it produces more frowns and even moans than almost any other pose. Yet when I ask my students to persevere, they are always glad they did. It’s hard while you’re in it, but in the end this pose brings a satisfying sense of accomplishment. It teaches you the determination you need to meet a challenge and the perseverance to return to it repeatedly over time, despite its difficulty.

Chair Pose will strengthen your thighs, helping to stabilize your knees. Your ankles will become more limber and sturdy, and your arms and shoulders will gain power and flexibility. As you reach your arms up and stretch the muscles between your ribs, you’ll increase your breathing capacity. The pose can also help improve your posture. All of the core muscles fire as you hold the pose, lifting your pelvis into a more upright alignment and working against the tendency to exaggerate the arch of the spine as you reach up and back with the arms. Whew! Sound like a lot? That’s the point of Chair Pose: You learn to handle many actions all at the same time for what feels like way too long.

It’s helpful to practice Chair in two parts. First, practice the pose with the lower half of your body. Before adding the arms, work on bending your knees toward a right angle while shifting your weight back into your heels. Then, stand tall in Tadasana (Mountain Pose) and work on extending your straight arms up and overhead without letting your rib cage jut forward or your back overarch. Finally, you can bring all the elements together into a cohesive and powerful whole. Unite the work of the legs and arms by bringing your awareness to your torso as you lift your core muscles and lengthen your spine.

If you commit to a steady practice, you will gain stamina in this pose after a few months. When you take a break from your practice, it might feel as if all of your progress is gone once you return to the mat. If this is your situation—if your muscles are burning in Chair and it’s a sweaty struggle of will—don’t be discouraged. The pose is teaching you its most important lesson and a key concept in yoga: Steady practice over time is better than occasional, intense spurts. It’s worth maintaining a regular daily practice rather than feeling like you have to start all over again each time you do a pose. Consistency in yoga yields deep and lasting results.

Feeling fierce? Utkata means “powerful” or “fierce,” and while this pose calls for fiery power in the body, it’s best practiced with a cool mind. Notice if you crunch your brow or clench your jaw; if so, relax them. If your breathing starts to turn into panting, lengthen your exhalations. You’ll feel cooler and more focused.


उत्कटासन का शाब्दिक अर्थ है - तीव्र मुद्रा या शक्तिशाली मुद्रा।

उत्कटासन में ज्यादा देर तक रुकने के लिए आपको थोड़ी दृढ़ता दिखानी होगी! उत्कटासन करने से पूर्व इसके अंतर्विरोध पढ़ना जरूर सुनिश्चित करें।

 

उत्कटासन करने की प्रक्रिया 

  1. दोनों पैरों के बीच थोडा फासला रखते हुए सीधे खड़े हो जाएँ।
  2. हाथों को सामने की ओर फैलाते हुए हथेली ज़मीन की ओर, कुहनियां सीधी रहे। घुटनो को मोड़ते हुए धीरे से श्रोणि को नीचे लाएँ जैसे कि आप एक काल्पनिक कुर्सी पर बैठे हैं।
  3. इसी स्थिति में बने रहें। उत्कटासन में अच्छा महसूस करने के लिए कल्पना करें कि बैठे बैठे आप अखबार पढ़ रहे हैं या लैपटॉप पर टाइपिंग कर रहे हैं।
  4. ध्यान रहे की आपके हाथ जमीन के समानांतर हों।
  5. सजगता के साथ रीढ़ की हड्डी को खींचते हुए सीधा बैठें, विश्राम करें।
  6. साँस लेते रहें और अखबार के पन्नें पलटते हुए राष्ट्रीय व् अन्तर्राष्टीय खबरों का आनंद लें।
  7. धीरे धीरे कुर्सी में और नीचे बैठे लेकिन ध्यान रहे कि आपके घुटने आपकी उँगलियों से आगे न जाएँ।
  8. धीरे धीरे नीचे जाते रहें और फिर सुखासन में बैठ जाएँ। अगर आप चाहे तो पीठ के बल लेट सकते हैं, और विश्राम कर सकते हैं।

श्री श्री योग विशेषज्ञ द्वारा हिदायत: मुस्कुराते हुए यह आसान करें, इससे आसन में बने रहना आसान रहेगा। खड़े होकर किये जाने वाले सभी आसनों के बाद(तदोपरांत) कुर्सी आसन करना एक उत्तम विचार है।फिर आप (उसके पश्चात) बैठकर किये जाने वाले आसन या लेटकर किये जाने वाले आसन कर सकते हैं।

उत्कटासन के लाभ 

  1. रीढ़ की हड्डी,कूल्हों एवं छाती की मांसपेशियों का अच्छा व्यायाम हो जाता है।
  2. पीठ के निचले हिस्से को मज़बूती प्रदान करता है।
  3. जांघो, एड़ी,पैर व् घुटनो की मांसपेशियों को ताकत मिलती है।
  4. शरीर में संतुलन व् मन में दृढ़ता आती है।

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अब फिट रहने के लिए आपको घंटो जिम में पसीना बहाने की बिल्कुल जरुरत नहीं. FitTak पर आपको मिलेंगी बहुत सी आसान एक्सरसाइज और योगा टिप्स जिन्हें आप अपने रोज़ाना के रूटीन में शामिल करके रह पाएँगे एकदम फिट और हैल्दी. 

साथ ही मिलेंगे घरेलू नुस्खे जिनसे आप हेल्थ और ब्यूटी रिलेटेड तमाम परेशानियों से घर बैठे निजात पाएंगे. 

बिना हेल्दी फ़ूड के हेल्थ की बात करना अधूरा सा है इसीलिए FitTak पर आपको मिलेंगी ढेरों हेल्दी रेसिपीज़ भी जो हैल्दी होने के साथ-साथ होंगी इतनी स्वादिष्ट की आप उंगलियां चाट-चाट कर खाएंगे और हैल्दी खाने को मना नहीं कर पाएंगे. 
 

उत्कटासन

उत्कटासन

उत्कटासन का शाब्दिक अर्थ है - तीव्र मुद्रा या शक्तिशाली मुद्रा।

उत्कटासन में ज्यादा देर तक रुकने के लिए आपको थोड़ी दृढ़ता दिखानी होगी! उत्कटासन करने से पूर्व इसके अंतर्विरोध पढ़ना जरूर सुनिश्चित करें।

 

उत्कटासन करने की प्रक्रिया 

  1. दोनों पैरों के बीच थोडा फासला रखते हुए सीधे खड़े हो जाएँ।
  2. हाथों को सामने की ओर फैलाते हुए हथेली ज़मीन की ओर, कुहनियां सीधी रहे। घुटनो को मोड़ते हुए धीरे से श्रोणि को नीचे लाएँ जैसे कि आप एक काल्पनिक कुर्सी पर बैठे हैं।
  3. इसी स्थिति में बने रहें। उत्कटासन में अच्छा महसूस करने के लिए कल्पना करें कि बैठे बैठे आप अखबार पढ़ रहे हैं या लैपटॉप पर टाइपिंग कर रहे हैं।
  4. ध्यान रहे की आपके हाथ जमीन के समानांतर हों।
  5. सजगता के साथ रीढ़ की हड्डी को खींचते हुए सीधा बैठें, विश्राम करें।
  6. साँस लेते रहें और अखबार के पन्नें पलटते हुए राष्ट्रीय व् अन्तर्राष्टीय खबरों का आनंद लें।
  7. धीरे धीरे कुर्सी में और नीचे बैठे लेकिन ध्यान रहे कि आपके घुटने आपकी उँगलियों से आगे न जाएँ।
  8. धीरे धीरे नीचे जाते रहें और फिर सुखासन में बैठ जाएँ। अगर आप चाहे तो पीठ के बल लेट सकते हैं, और विश्राम कर सकते हैं।

श्री श्री योग विशेषज्ञ द्वारा हिदायत: मुस्कुराते हुए यह आसान करें, इससे आसन में बने रहना आसान रहेगा। खड़े होकर किये जाने वाले सभी आसनों के बाद(तदोपरांत) कुर्सी आसन करना एक उत्तम विचार है।फिर आप (उसके पश्चात) बैठकर किये जाने वाले आसन या लेटकर किये जाने वाले आसन कर सकते हैं।

उत्कटासन के लाभ 

  1. रीढ़ की हड्डी,कूल्हों एवं छाती की मांसपेशियों का अच्छा व्यायाम हो जाता है।
  2. पीठ के निचले हिस्से को मज़बूती प्रदान करता है।
  3. जांघो, एड़ी,पैर व् घुटनो की मांसपेशियों को ताकत मिलती है।
  4. शरीर में संतुलन व् मन में दृढ़ता आती है।

Comments

अब फिट रहने के लिए आपको घंटो जिम में पसीना बहाने की बिल्कुल जरुरत नहीं. FitTak पर आपको मिलेंगी बहुत सी आसान एक्सरसाइज और योगा टिप्स जिन्हें आप अपने रोज़ाना के रूटीन में शामिल करके रह पाएँगे एकदम फिट और हैल्दी. 

साथ ही मिलेंगे घरेलू नुस्खे जिनसे आप हेल्थ और ब्यूटी रिलेटेड तमाम परेशानियों से घर बैठे निजात पाएंगे. 

बिना हेल्दी फ़ूड के हेल्थ की बात करना अधूरा सा है इसीलिए FitTak पर आपको मिलेंगी ढेरों हेल्दी रेसिपीज़ भी जो हैल्दी होने के साथ-साथ होंगी इतनी स्वादिष्ट की आप उंगलियां चाट-चाट कर खाएंगे और हैल्दी खाने को मना नहीं कर पाएंगे. 
 

ઉત્કટાસન

उत्कटासन

ઉત્કટાસન : શરીરના સંતુલન પર આધારિત આ આસન શરીરની તાકાત, સ્થિરતા અને સંતુલન વધારે છે. આ આસન આપણા સંપૂર્ણ શરીર અને મુખ્યત્વે પગને શક્તિ, સહનશીલતા અને પ્રમાણબદ્ધતા આપવા ખૂબ જ ઉત્તમ આસન છે.

મૂળ સ્થિતિ : સાવધાનની સ્થિતિમાં ઊભા રહેવું.

પદ્ધતિ :

  • બન્ને પગ સાથે રાખીને સાવધાનની સ્થિતિમાં ઊભા રહો.
  • પગના પંજા ઉપર ઊભા થઈ અને બન્ને હાથને ચિત્રમાં દર્શાવ્યા પ્રમાણે આગળ સીધા લઈ જાઓ.
  • ત્યાર બાદ ધીરે ધીરે શરીર નીચે નમાવો.
  • આ સ્થિતિમાં શ્વાસ બહાર કાઢો.
  • શરીરનું સમતોલન જાળવો.
  • ઘૂંટણમાંથી પગને વાળી થાપાનો ભાગ નીચે કરો. આ સ્થિતિમાં યથાશક્તિ રોકાઈ રહો.
  • હવે, શ્વાસ લઈ ઊભા થાઓ અને મૂળ સ્થિતિમાં પાછા આવો.
  • આ ક્રિયાનો યથાશક્તિ મહાવરો કરો.

ધ્યાનમાં રાખવાની બાબતો :

  • વધુ સમય શ્વાસ રોકી ન રાખવો.
  • શ્વાસ લેતી વખતે પણ સાવધાની રાખવી.
  • શરીરની સ્થિરતા જાળવવી અને સંતોલન પણ જાળવવું.
  • જે વ્યક્તિઓને ઘૂંટણની ઈજા હોય તેવા વ્યક્તિઓએ કોઈ યોગ નિષ્ણાતના માર્ગદર્શનમાં આ આસન કરવું.
  • મન કેંદ્રિત રાખવું જેથી શરીરનું સંતુલન જળવાઈ રહે.

ફાયદા :

  • આ આસનની જઠરાગ્નિ પ્રદિપ્ત થાય છે.
  • પગની ઘૂંટીઓ શક્તિ સંપન્ન બને છે.
  • મળ અવરોધ દૂર થાય છે.
  • પીઠનો દુખાવો મટે છે.
  • જાંઘના સ્નાયુઓ શક્તિશાળી બને છે.
  • કમરને વ્યાયમ મળે છે.
  • પેટની બધી જ વ્યાધિઓ થતી અટકે છે.
  • હૃદય અને ફેફસાંની દુર્બળતા અટકે છે.
  • સંધિવા રોગ નાશ પામે છે.
  • શરીરના તમામ સાંધાઓને પોષણ મળે છે.

उत्कटासन का शाब्दिक अर्थ है - तीव्र मुद्रा या शक्तिशाली मुद्रा।

उत्कटासन में ज्यादा देर तक रुकने के लिए आपको थोड़ी दृढ़ता दिखानी होगी! उत्कटासन करने से पूर्व इसके अंतर्विरोध पढ़ना जरूर सुनिश्चित करें।

 

उत्कटासन करने की प्रक्रिया 

  1. दोनों पैरों के बीच थोडा फासला रखते हुए सीधे खड़े हो जाएँ।
  2. हाथों को सामने की ओर फैलाते हुए हथेली ज़मीन की ओर, कुहनियां सीधी रहे। घुटनो को मोड़ते हुए धीरे से श्रोणि को नीचे लाएँ जैसे कि आप एक काल्पनिक कुर्सी पर बैठे हैं।
  3. इसी स्थिति में बने रहें। उत्कटासन में अच्छा महसूस करने के लिए कल्पना करें कि बैठे बैठे आप अखबार पढ़ रहे हैं या लैपटॉप पर टाइपिंग कर रहे हैं।
  4. ध्यान रहे की आपके हाथ जमीन के समानांतर हों।
  5. सजगता के साथ रीढ़ की हड्डी को खींचते हुए सीधा बैठें, विश्राम करें।
  6. साँस लेते रहें और अखबार के पन्नें पलटते हुए राष्ट्रीय व् अन्तर्राष्टीय खबरों का आनंद लें।
  7. धीरे धीरे कुर्सी में और नीचे बैठे लेकिन ध्यान रहे कि आपके घुटने आपकी उँगलियों से आगे न जाएँ।
  8. धीरे धीरे नीचे जाते रहें और फिर सुखासन में बैठ जाएँ। अगर आप चाहे तो पीठ के बल लेट सकते हैं, और विश्राम कर सकते हैं।

श्री श्री योग विशेषज्ञ द्वारा हिदायत: मुस्कुराते हुए यह आसान करें, इससे आसन में बने रहना आसान रहेगा। खड़े होकर किये जाने वाले सभी आसनों के बाद(तदोपरांत) कुर्सी आसन करना एक उत्तम विचार है।फिर आप (उसके पश्चात) बैठकर किये जाने वाले आसन या लेटकर किये जाने वाले आसन कर सकते हैं।

उत्कटासन के लाभ 

  1. रीढ़ की हड्डी,कूल्हों एवं छाती की मांसपेशियों का अच्छा व्यायाम हो जाता है।
  2. पीठ के निचले हिस्से को मज़बूती प्रदान करता है।
  3. जांघो, एड़ी,पैर व् घुटनो की मांसपेशियों को ताकत मिलती है।
  4. शरीर में संतुलन व् मन में दृढ़ता आती है।

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अब फिट रहने के लिए आपको घंटो जिम में पसीना बहाने की बिल्कुल जरुरत नहीं. FitTak पर आपको मिलेंगी बहुत सी आसान एक्सरसाइज और योगा टिप्स जिन्हें आप अपने रोज़ाना के रूटीन में शामिल करके रह पाएँगे एकदम फिट और हैल्दी. 

साथ ही मिलेंगे घरेलू नुस्खे जिनसे आप हेल्थ और ब्यूटी रिलेटेड तमाम परेशानियों से घर बैठे निजात पाएंगे. 

बिना हेल्दी फ़ूड के हेल्थ की बात करना अधूरा सा है इसीलिए FitTak पर आपको मिलेंगी ढेरों हेल्दी रेसिपीज़ भी जो हैल्दी होने के साथ-साथ होंगी इतनी स्वादिष्ट की आप उंगलियां चाट-चाट कर खाएंगे और हैल्दी खाने को मना नहीं कर पाएंगे.