હરિકાસન

हरिकासन को करने की विधि

  • किसी समतल स्थान पर कंबल या योग मेट बिछा ले और उस पर बैठ जाए।
  • इसके बाद अपने दोनों पैरों को घुटनों के पास से मोड़ ले और उन्हें नितम्ब के पीछे की तरफ ले जाए।
  • साथ ही अपने पंजों को आसन के समान बना कर उसके ऊपर बैठ जाए।
  • इसके बाद आपस में घुटनों को मिला ले और अपने हाथों की हथेलियों को घुटनो पर रखे, ध्यान रखे की आपके हाथ सीधे रहे ।
  • साथ ही छाती, सिर, गर्दन और पीठ को भी एकदम सीधा रखें।
  • इस अवस्था में सांसों को सामान्य रखे।
  • आपको बता दे की इस आसन की कोई निर्धारित समय सीमा नहीं होती है, आप अपनी क्षमता अनुसार जितना चाहे बैठ सकते है।

हरिकासन को करने के फायदे

  • हरिकासन को भोजन के बाद भी कर सकते है।
  • हरिकासन को नियमित रूप से करने पर यह पैरो की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
  • पाचन क्रिया को सुचारु रूप से चलाने में हरिकासन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
  • इस आसन को करने से पेट में होने वाली एसिडिटी, कब्ज जैसी समस्याएं दूर हो जाती है।
  • हरिकासन के द्वारा घुटने तथा रीढ़ की हड्डी को मजबूती मिलती है।
  • हरिकासन को करते समय ध्यान रखने योग्य बाते
  • यदि आपके घुटनो में कोई गंभीर चोट या फिर दर्द है तो इस आसन को नहीं करना चाहिए।

Yogasan for page

હરિકાસન

હરિકાસન

હરિકાસન કરવાની રીત

કોઈપણ સમતલ સ્થાન પર કંબલ અથવા યોગ મેટ બિછા લે અને તે પર બેસીને. બેઠો.इसके बाद आपस में घुटनों को मिला और अपने हाथों की हथेलियों को घुटनो पर रखे, ध्यान रखे की आपके हाथ के साथ ही छाती, सिर, गर्दन और पीठ को भी सीधा रखें। રખે। તમને જણાવો કે આ આસનની કોઈ નિર્ધારિત સમયમર્યાદા નથી, તમે તમારી ક્ષમતા અનુસાર જીતી શકો છો.

હરિકાસન કરવાનો ફાયદો

હરિકાસન કો ભોજન બાદ પણ કરી શકે છે.હરિકાસનને નિયમિત રૂપથી આ પગની માંસપેશીઓને મજબૂત બનાવે છે। એસિડિટી, કબ્જ જેવી સમસ્યા દૂર થાય છે.હરિકાસન દ્વારા ઘૂટને કારણે રીની હડ્ડી મજબૂતી મળે છે.હરીકાસનને તે સમયે ધ્યાન રાખવું યોગ્ય વાતેયદિ ઘુટનોમાં કોઈ ગંભીર યાતના કે પછી તમારી પીડા છે તે આસનને નથી કરવું જોઈએ.

 


हरिकासन को करने की विधि

  • किसी समतल स्थान पर कंबल या योग मेट बिछा ले और उस पर बैठ जाए।
  • इसके बाद अपने दोनों पैरों को घुटनों के पास से मोड़ ले और उन्हें नितम्ब के पीछे की तरफ ले जाए।
  • साथ ही अपने पंजों को आसन के समान बना कर उसके ऊपर बैठ जाए।
  • इसके बाद आपस में घुटनों को मिला ले और अपने हाथों की हथेलियों को घुटनो पर रखे, ध्यान रखे की आपके हाथ सीधे रहे ।
  • साथ ही छाती, सिर, गर्दन और पीठ को भी एकदम सीधा रखें।
  • इस अवस्था में सांसों को सामान्य रखे।
  • आपको बता दे की इस आसन की कोई निर्धारित समय सीमा नहीं होती है, आप अपनी क्षमता अनुसार जितना चाहे बैठ सकते है।

हरिकासन को करने के फायदे

  • हरिकासन को भोजन के बाद भी कर सकते है।
  • हरिकासन को नियमित रूप से करने पर यह पैरो की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
  • पाचन क्रिया को सुचारु रूप से चलाने में हरिकासन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
  • इस आसन को करने से पेट में होने वाली एसिडिटी, कब्ज जैसी समस्याएं दूर हो जाती है।
  • हरिकासन के द्वारा घुटने तथा रीढ़ की हड्डी को मजबूती मिलती है।
  • हरिकासन को करते समय ध्यान रखने योग्य बाते
  • यदि आपके घुटनो में कोई गंभीर चोट या फिर दर्द है तो इस आसन को नहीं करना चाहिए।

हरिकासन

હરિકાસન

हरिकासन को करने की विधि

  • किसी समतल स्थान पर कंबल या योग मेट बिछा ले और उस पर बैठ जाए।
  • इसके बाद अपने दोनों पैरों को घुटनों के पास से मोड़ ले और उन्हें नितम्ब के पीछे की तरफ ले जाए।
  • साथ ही अपने पंजों को आसन के समान बना कर उसके ऊपर बैठ जाए।
  • इसके बाद आपस में घुटनों को मिला ले और अपने हाथों की हथेलियों को घुटनो पर रखे, ध्यान रखे की आपके हाथ सीधे रहे ।
  • साथ ही छाती, सिर, गर्दन और पीठ को भी एकदम सीधा रखें।
  • इस अवस्था में सांसों को सामान्य रखे।
  • आपको बता दे की इस आसन की कोई निर्धारित समय सीमा नहीं होती है, आप अपनी क्षमता अनुसार जितना चाहे बैठ सकते है।

हरिकासन को करने के फायदे

  • हरिकासन को भोजन के बाद भी कर सकते है।
  • हरिकासन को नियमित रूप से करने पर यह पैरो की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
  • पाचन क्रिया को सुचारु रूप से चलाने में हरिकासन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
  • इस आसन को करने से पेट में होने वाली एसिडिटी, कब्ज जैसी समस्याएं दूर हो जाती है।
  • हरिकासन के द्वारा घुटने तथा रीढ़ की हड्डी को मजबूती मिलती है।
  • हरिकासन को करते समय ध्यान रखने योग्य बाते
  • यदि आपके घुटनो में कोई गंभीर चोट या फिर दर्द है तो इस आसन को नहीं करना चाहिए।