बालासन

बालासन करने की विधि 

किसी भी आसन का अभ्यास शुरू करने से पहले उसे करने के सही तरीके के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए। इसका कारण यह है कि सही तरीके से आसन का अभ्यास(practice) न करने से शरीर में समस्या उत्पन्न हो सकती है। आइये जानते हैं बालासन करने का सही तरीका क्या है।

  1. सबसे पहले जमीन या चटाई पर अपनी एड़ी ऊंची करके बैठ जाएं और सांस(breath in) लें।
  2. अपने पैरों के दोनों घुटनों को एक दूसरे से चिपकाकर या एक दूसरे से थोड़ी दूरी पर रखें।
  3. इसके बाद धीरे से आगे की ओर इस तरह से झुकें कि आपका माथा जमीन को छू जाए। इस दौरान हल्के(slowly) से अपनी सांस छोड़ें।
  4. अपने दोनों हाथों को शरीर के दोनों तरफ रखें और ध्यान दें कि आपकी हथेलियां(palm) शरीर को छूती रहें।
  5. इसके बाद अपनी भुजाओं (arms) को जमीन या चटाई पर आगे की ओर बढ़ाएं और हथेलियों को जमीन पर फैला कर छोड़ दें।
  6. इस मुद्रा में आने के बाद धीरे-धीरे अपने सीने को जांघों(thigh) की ओर दबाव देकर लाएं।
  7. आपका सीना दोनों जांघों(thighs) से छूना चाहिए औऱ हथेलियां शरीर के बिल्कुल आगे जमीन पर फैली होनी चाहिए।
  8. इस मुद्रा में 45 सेकेंड से 1 मिनट तक बने रहें और धीरे-धीरे लगातार सांस लेते रहें।
  9. इस दौरान कम से कम 4 से 12 बार सांस लेने औऱ छोड़ने का अभ्यास करते रहें और मन में विचार लाएं कि आपके मस्तिष्क एवं शरीर से विकार बाहर निकल रहे हैं।
  10. इसके बाद अपनी हथेलियों को कंधे के नीचे लाएं और धीरे-धीरे अपने शरीर के ऊपरी हिस्से(upper body) को उठाएं और पहले की पोजिशन में वापस लौट आएं और एड़ियों पर बैठकर सांस लें। इन सभी क्रियाओं को बिल्कुल आराम से करें।
  11. इस योग मुद्रा का अभ्यास कई बार करें।

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বালাসন

बालासन

বালাসন

যোগশাস্ত্রে বর্ণিত আসন বিশেষ। বাল শব্দের একাধিক অর্ধ রয়েছে। এখানে বাল শব্দটি বালক সমার্থে গৃহীত।

পদ্ধতি
১. প্রথমে দুই পা মুড়ে, গোড়ালির উপর নিতম্ব রেখে বসুন।
২. এবার দুই কান স্পর্শ করে দুই হাত মাথার উপরে তুলুন।
৩. এবার স্বাভাবিকভাবে শ্বাস ছাড়তে ছাড়তে দুই হাত সোজা রেখে মাথাসহ সামনের দিকে ঝুঁকে পড়ুন। কপাল মাটিতে ঠেকিয়ে হাত দুটো পিছনের দিকে নিয়ে আসুন। এই সময় হাত দুটো পায়ের পাতা বরাবর থাকবে এবং হাতের তালু আকাশের দিকে ফেরানো থাকবে। বুক ও পেট উরুর সাথে সংযুক্ত অবস্থায় থাকবে।
৪. এই অবস্থায় ৩০ সেকেণ্ড স্থির থাকুন এবং শ্বাস-প্রশ্বাস স্বাভাবিকভাবে চালাতে থাকুন।
৫. ৩০ সেকেণ্ড পর আসন ত্যাগ করে শবাসনে বিশ্রাম নিন। এইভাবে মোট তিনবার আসনটি করুন।

উপকারিতা
১। হাত, পা, পিঠ ও কাঁধের ব্যায়াম হয়।
২। পেটের চর্বি হ্রাস পায়।
৩। অজীর্ণ ও কোষ্ঠকাঠিন্য দূর হয়। 

 


बालासन करने की विधि 

किसी भी आसन का अभ्यास शुरू करने से पहले उसे करने के सही तरीके के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए। इसका कारण यह है कि सही तरीके से आसन का अभ्यास(practice) न करने से शरीर में समस्या उत्पन्न हो सकती है। आइये जानते हैं बालासन करने का सही तरीका क्या है।

  1. सबसे पहले जमीन या चटाई पर अपनी एड़ी ऊंची करके बैठ जाएं और सांस(breath in) लें।
  2. अपने पैरों के दोनों घुटनों को एक दूसरे से चिपकाकर या एक दूसरे से थोड़ी दूरी पर रखें।
  3. इसके बाद धीरे से आगे की ओर इस तरह से झुकें कि आपका माथा जमीन को छू जाए। इस दौरान हल्के(slowly) से अपनी सांस छोड़ें।
  4. अपने दोनों हाथों को शरीर के दोनों तरफ रखें और ध्यान दें कि आपकी हथेलियां(palm) शरीर को छूती रहें।
  5. इसके बाद अपनी भुजाओं (arms) को जमीन या चटाई पर आगे की ओर बढ़ाएं और हथेलियों को जमीन पर फैला कर छोड़ दें।
  6. इस मुद्रा में आने के बाद धीरे-धीरे अपने सीने को जांघों(thigh) की ओर दबाव देकर लाएं।
  7. आपका सीना दोनों जांघों(thighs) से छूना चाहिए औऱ हथेलियां शरीर के बिल्कुल आगे जमीन पर फैली होनी चाहिए।
  8. इस मुद्रा में 45 सेकेंड से 1 मिनट तक बने रहें और धीरे-धीरे लगातार सांस लेते रहें।
  9. इस दौरान कम से कम 4 से 12 बार सांस लेने औऱ छोड़ने का अभ्यास करते रहें और मन में विचार लाएं कि आपके मस्तिष्क एवं शरीर से विकार बाहर निकल रहे हैं।
  10. इसके बाद अपनी हथेलियों को कंधे के नीचे लाएं और धीरे-धीरे अपने शरीर के ऊपरी हिस्से(upper body) को उठाएं और पहले की पोजिशन में वापस लौट आएं और एड़ियों पर बैठकर सांस लें। इन सभी क्रियाओं को बिल्कुल आराम से करें।
  11. इस योग मुद्रा का अभ्यास कई बार करें।

बालासन

बालासन

बालासन करने की विधि 

किसी भी आसन का अभ्यास शुरू करने से पहले उसे करने के सही तरीके के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए। इसका कारण यह है कि सही तरीके से आसन का अभ्यास(practice) न करने से शरीर में समस्या उत्पन्न हो सकती है। आइये जानते हैं बालासन करने का सही तरीका क्या है।

  1. सबसे पहले जमीन या चटाई पर अपनी एड़ी ऊंची करके बैठ जाएं और सांस(breath in) लें।
  2. अपने पैरों के दोनों घुटनों को एक दूसरे से चिपकाकर या एक दूसरे से थोड़ी दूरी पर रखें।
  3. इसके बाद धीरे से आगे की ओर इस तरह से झुकें कि आपका माथा जमीन को छू जाए। इस दौरान हल्के(slowly) से अपनी सांस छोड़ें।
  4. अपने दोनों हाथों को शरीर के दोनों तरफ रखें और ध्यान दें कि आपकी हथेलियां(palm) शरीर को छूती रहें।
  5. इसके बाद अपनी भुजाओं (arms) को जमीन या चटाई पर आगे की ओर बढ़ाएं और हथेलियों को जमीन पर फैला कर छोड़ दें।
  6. इस मुद्रा में आने के बाद धीरे-धीरे अपने सीने को जांघों(thigh) की ओर दबाव देकर लाएं।
  7. आपका सीना दोनों जांघों(thighs) से छूना चाहिए औऱ हथेलियां शरीर के बिल्कुल आगे जमीन पर फैली होनी चाहिए।
  8. इस मुद्रा में 45 सेकेंड से 1 मिनट तक बने रहें और धीरे-धीरे लगातार सांस लेते रहें।
  9. इस दौरान कम से कम 4 से 12 बार सांस लेने औऱ छोड़ने का अभ्यास करते रहें और मन में विचार लाएं कि आपके मस्तिष्क एवं शरीर से विकार बाहर निकल रहे हैं।
  10. इसके बाद अपनी हथेलियों को कंधे के नीचे लाएं और धीरे-धीरे अपने शरीर के ऊपरी हिस्से(upper body) को उठाएं और पहले की पोजिशन में वापस लौट आएं और एड़ियों पर बैठकर सांस लें। इन सभी क्रियाओं को बिल्कुल आराम से करें।
  11. इस योग मुद्रा का अभ्यास कई बार करें।