उत्तानासन

उत्तानासन (Uttanasana) भी योग विज्ञान का ऐसा ही आसन है। उत्तानासन को अंग्रेजी में Intense Forward-Bending Pose, Intense Stretch Pose, Standing Forward Bend, Standing Forward Fold Poseया Standing Head to Knees Pose भी कहा जाता है। ये आसन पूरे शरीर को अच्छी स्ट्रेच देता है और दिमाग में ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ाने में भी मदद करता है।

इसीलिए इस आर्टिकल में मैं आपको उत्तानासन क्या है, के अलावा उत्तानासन के फायदे, उत्तानासन करने का सही तरीका, विधि और सावधानियों के बारे में जानकारी दूंगा।

उत्तानासन करने की विधि

सीधे खड़े हों और अपने हाथ अपने शरीर के साइड में रखें। साँस छोड़ते हुए कूल्हे के जोड़ों से झुकें ध्यान रहे कि कमर के जोड़ों से नहीं झुकना है। नीचे झुकते समय साँस छोड़ें। याद रहे कि सभी आगे झुकने वाले आसनों की तरह उत्तानासन में उदेश्य धड़ को लंबा करना होता है। अगर आप में इतना लचीलापन हो की आप अपनी उंगलियाँ या हथेली ज़मीन पर टीका सकें, दो टिकाएं। अगर आपके लिए यह करना संभव ना हो तो ज़बरदस्ती ऐसा करने की कोशिश ना करें क्योंकि ऐसा करने से आपकी हॅम्स्ट्रिंग में चोट लग सकती है। ऐसी स्तिथि में अपने फॉरार्म्स को क्रॉस करें और अपनी कोहनी पक्कड़ लें। आसन में रहते हुए श्वास बिल्कुल ना रोकें। जब साँस अंदर लें, तब धड़ को थोड़ा सा उठायें और लंबा करने की कोशिश करें। जब साँस को छोड़ें, तब आगे की तरफ और गहराई से झुकने की कोशिश करें। कुल मिला कर पाँच बार साँस अंदर लें और बाहर छोड़ें ताकि आप आसन में 30 से 60 सेकेंड तक रह सकें। धीरे धीरे जैसे आपके शरीर में ताक़त और लचीलापन बढ़ने लगे, आप समय बढ़ा सकते हैं 90 सेकेंड से ज़्यादा ना करें। कोशिश करें की आपकी पीठ सीधी रहे। टाँगों को सीधा रखें। अपने सिर को आराम से लटकने दें ताकि आपके गर्दन की मांसपेशियों पर ज़ोर ना पड़े। धड़ को ऊपर लाते समय साँस अंदर लें। ध्यान रहे कि आप अपनी पीठ को सीधा ही रखें और अपने कूल्हे के जोड़ों से ही वापिस उपर आयें।

 

उत्तानासन करने के फायदे

  1. मस्तिष्क को शांत करता है और तनाव व हल्के अवसाद में राहत देने में मदद करता है।
  2. जिगर और गुर्दों के बेहतर कार्य पद्धति में मदद करता है।
  3. हैमस्ट्रिंग, पिंडली, और कूल्हों में ज़रूरी खिचाव पैदा करता है।
  4. जांघों और घुटनों को मज़बूत करता है।
  5. रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज़) के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।

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उत्तानासन

उत्तानासन

उत्तानासन (Uttanasana) भी योग विज्ञान का ऐसा ही आसन है। उत्तानासन को अंग्रेजी में Intense Forward-Bending Pose, Intense Stretch Pose, Standing Forward Bend, Standing Forward Fold Poseया Standing Head to Knees Pose भी कहा जाता है। ये आसन पूरे शरीर को अच्छी स्ट्रेच देता है और दिमाग में ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ाने में भी मदद करता है।

इसीलिए इस आर्टिकल में मैं आपको उत्तानासन क्या है, के अलावा उत्तानासन के फायदे, उत्तानासन करने का सही तरीका, विधि और सावधानियों के बारे में जानकारी दूंगा।

उत्तानासन करने की विधि

सीधे खड़े हों और अपने हाथ अपने शरीर के साइड में रखें। साँस छोड़ते हुए कूल्हे के जोड़ों से झुकें ध्यान रहे कि कमर के जोड़ों से नहीं झुकना है। नीचे झुकते समय साँस छोड़ें। याद रहे कि सभी आगे झुकने वाले आसनों की तरह उत्तानासन में उदेश्य धड़ को लंबा करना होता है। अगर आप में इतना लचीलापन हो की आप अपनी उंगलियाँ या हथेली ज़मीन पर टीका सकें, दो टिकाएं। अगर आपके लिए यह करना संभव ना हो तो ज़बरदस्ती ऐसा करने की कोशिश ना करें क्योंकि ऐसा करने से आपकी हॅम्स्ट्रिंग में चोट लग सकती है। ऐसी स्तिथि में अपने फॉरार्म्स को क्रॉस करें और अपनी कोहनी पक्कड़ लें। आसन में रहते हुए श्वास बिल्कुल ना रोकें। जब साँस अंदर लें, तब धड़ को थोड़ा सा उठायें और लंबा करने की कोशिश करें। जब साँस को छोड़ें, तब आगे की तरफ और गहराई से झुकने की कोशिश करें। कुल मिला कर पाँच बार साँस अंदर लें और बाहर छोड़ें ताकि आप आसन में 30 से 60 सेकेंड तक रह सकें। धीरे धीरे जैसे आपके शरीर में ताक़त और लचीलापन बढ़ने लगे, आप समय बढ़ा सकते हैं 90 सेकेंड से ज़्यादा ना करें। कोशिश करें की आपकी पीठ सीधी रहे। टाँगों को सीधा रखें। अपने सिर को आराम से लटकने दें ताकि आपके गर्दन की मांसपेशियों पर ज़ोर ना पड़े। धड़ को ऊपर लाते समय साँस अंदर लें। ध्यान रहे कि आप अपनी पीठ को सीधा ही रखें और अपने कूल्हे के जोड़ों से ही वापिस उपर आयें।

 

उत्तानासन करने के फायदे

  1. मस्तिष्क को शांत करता है और तनाव व हल्के अवसाद में राहत देने में मदद करता है।
  2. जिगर और गुर्दों के बेहतर कार्य पद्धति में मदद करता है।
  3. हैमस्ट्रिंग, पिंडली, और कूल्हों में ज़रूरी खिचाव पैदा करता है।
  4. जांघों और घुटनों को मज़बूत करता है।
  5. रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज़) के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।

উত্তানাসন

उत्तानासन

উত্তরাধিকার পদ্ধতি
সোজা হয়ে দাঁড়িয়ে আপনার হাতগুলি আপনার শরীরের পাশে রাখুন। নিতম্বের জয়েন্টগুলি থেকে শ্বাস ফেলা, কোমরের জয়েন্টগুলি থেকে বাঁক না নেওয়ার বিষয়ে সাবধানতা অবলম্বন করুন। নিচু অবস্থায় নিঃশ্বাস ছাড়ুন। মনে রাখবেন যে সমস্ত ফরোয়ার্ড ঝোঁক রাগগুলির মতো, উত্তরসানায় লক্ষ্য হল ধড় দীর্ঘ করা। আপনার যদি এতটা নমনীয়তা থাকে যে আপনি আঙ্গুল বা তালটি মাটিতে রাখতে পারেন, দুটি কব্জা। যদি এটি করা আপনার পক্ষে সম্ভব না হয় তবে জোর করে এটি করার চেষ্টা করবেন না কারণ এটি করা আপনার হ্যামস্ট্রিংয়ের ক্ষতি করতে পারে। এমন পরিস্থিতিতে আপনার ফর্মটি অতিক্রম করুন এবং আপনার কনুই দৃ firm় করুন। পাদদেশে থাকাকালীন শ্বাস প্রশ্বাস বন্ধ করবেন না। আপনি যখন শ্বাস ফেলাবেন, তারপরে ধড়টি সামান্য তুলুন এবং লম্বা করার চেষ্টা করুন। শ্বাস ছাড়ার সময়, তারপরে এগিয়ে এবং গভীরভাবে ঝুঁকতে চেষ্টা করুন। মোট, পাঁচ বার শ্বাস নিন এবং শ্বাস ছাড়ুন যাতে আপনি 30 থেকে 60 সেকেন্ডের জন্য ভঙ্গিতে থাকতে পারেন। ধীরে ধীরে আপনার শরীরে শক্তি এবং নমনীয়তা বাড়তে শুরু করার সাথে সাথে আপনি সময়টি 90 সেকেন্ডের বেশি না বাড়িয়ে দিতে পারেন। আপনার পিছনে সোজা রাখার চেষ্টা করুন। পা সোজা রাখুন। আপনার মাথাটি আরামে ঝুলতে দিন যাতে আপনার ঘাড়ের পেশীগুলি চাপ না পড়ে। ধড় উপরে আনার সময় শ্বাস প্রশ্বাস নিন। মনে রাখবেন যে আপনি আপনার পিছনে সোজা রাখছেন এবং আপনার নিতম্বের জয়েন্টগুলি থেকে ফিরে আসবেন।

 

উত্তরসানা করার উপকারিতা
মস্তিষ্ককে শান্ত করে এবং চাপ এবং হালকা হতাশা থেকে মুক্তি পেতে সহায়তা করে।
লিভার এবং কিডনির আরও ভাল কার্যকারিতা করতে সহায়তা করে।
হ্যামস্ট্রিংস, বাছুর এবং পোঁদগুলিতে প্রয়োজনীয় প্রসারিত উত্পাদন করে।
উরু এবং হাঁটুকে শক্তিশালী করে।
মেনোপজের লক্ষণগুলি হ্রাস করতে সহায়তা করে।

 


उत्तानासन (Uttanasana) भी योग विज्ञान का ऐसा ही आसन है। उत्तानासन को अंग्रेजी में Intense Forward-Bending Pose, Intense Stretch Pose, Standing Forward Bend, Standing Forward Fold Poseया Standing Head to Knees Pose भी कहा जाता है। ये आसन पूरे शरीर को अच्छी स्ट्रेच देता है और दिमाग में ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ाने में भी मदद करता है।

इसीलिए इस आर्टिकल में मैं आपको उत्तानासन क्या है, के अलावा उत्तानासन के फायदे, उत्तानासन करने का सही तरीका, विधि और सावधानियों के बारे में जानकारी दूंगा।

उत्तानासन करने की विधि

सीधे खड़े हों और अपने हाथ अपने शरीर के साइड में रखें। साँस छोड़ते हुए कूल्हे के जोड़ों से झुकें ध्यान रहे कि कमर के जोड़ों से नहीं झुकना है। नीचे झुकते समय साँस छोड़ें। याद रहे कि सभी आगे झुकने वाले आसनों की तरह उत्तानासन में उदेश्य धड़ को लंबा करना होता है। अगर आप में इतना लचीलापन हो की आप अपनी उंगलियाँ या हथेली ज़मीन पर टीका सकें, दो टिकाएं। अगर आपके लिए यह करना संभव ना हो तो ज़बरदस्ती ऐसा करने की कोशिश ना करें क्योंकि ऐसा करने से आपकी हॅम्स्ट्रिंग में चोट लग सकती है। ऐसी स्तिथि में अपने फॉरार्म्स को क्रॉस करें और अपनी कोहनी पक्कड़ लें। आसन में रहते हुए श्वास बिल्कुल ना रोकें। जब साँस अंदर लें, तब धड़ को थोड़ा सा उठायें और लंबा करने की कोशिश करें। जब साँस को छोड़ें, तब आगे की तरफ और गहराई से झुकने की कोशिश करें। कुल मिला कर पाँच बार साँस अंदर लें और बाहर छोड़ें ताकि आप आसन में 30 से 60 सेकेंड तक रह सकें। धीरे धीरे जैसे आपके शरीर में ताक़त और लचीलापन बढ़ने लगे, आप समय बढ़ा सकते हैं 90 सेकेंड से ज़्यादा ना करें। कोशिश करें की आपकी पीठ सीधी रहे। टाँगों को सीधा रखें। अपने सिर को आराम से लटकने दें ताकि आपके गर्दन की मांसपेशियों पर ज़ोर ना पड़े। धड़ को ऊपर लाते समय साँस अंदर लें। ध्यान रहे कि आप अपनी पीठ को सीधा ही रखें और अपने कूल्हे के जोड़ों से ही वापिस उपर आयें।

 

उत्तानासन करने के फायदे

  1. मस्तिष्क को शांत करता है और तनाव व हल्के अवसाद में राहत देने में मदद करता है।
  2. जिगर और गुर्दों के बेहतर कार्य पद्धति में मदद करता है।
  3. हैमस्ट्रिंग, पिंडली, और कूल्हों में ज़रूरी खिचाव पैदा करता है।
  4. जांघों और घुटनों को मज़बूत करता है।
  5. रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज़) के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।