वृषभासन

आकर्षक फिगर के लिए अधिकतर लड़कियां डाइटिंग करती हैं, लेकिन डाइटिंग करने से शरीर सुडौल नहीं होता, बल्कि दुर्बल हो जाता है। इसीलिए आकर्षक फिगर पाने के लिए योगासन से अच्छा कोई उपाय नहीं है। वृष-भासन एक ऐसा ही आसन है जिसके नियमित अभ्यास से चेहरे की चमक बढ़ती है और फिगर आकर्षक बन जाता है।

वृष-भासन की विधि

जमीन पर बैठ जाइए। अपने दोनों घुटनों को मोड़िए। एक घुटना दूसरे घुटने से थोड़ा आगे रखिए। फिर दोनों पैरों को थोड़ी दूरी पर रखिए ताकि लेफ्ट पैर की एड़ी सीवनी नाड़ी को छुए फिर अपने दोनों हाथों को आगे की ओर इस स्थिति में ले जाइए जैसे कि एक बैल अपने पैरों पर बैठता है।

लाभ

  • इस आसन से शारीरिक शक्ति बढ़ती है। 
  • इस आसन से पेट की दूषित वायु शरीर से बाहर निकल जाती है।
  • यह आसन चित को प्रसन्न करता है।
  • यह आसन शिकारियों तथा बन्दूक चलाने वालों के लिए लाभकारी है।
  • इससे हमारा शरीर बैल के समान शक्तिशाली और कंधे मजबूत होते हैं।
  • जांघ, पैर, हाथ, बाहु, स्कंध, घुटने सभी पुष्ट एवं सुगठित होते हैं।
  • गैस व एसिडिटी की समस्या नहीं होती है। व्यक्ति हल्कापन महसूस करता है।
  • कई प्रकार के शारीरिक लाभ प्राप्त होते हैं।

जमीन पर बैठ जाइए। अपने दोनों घुटनों को मोड़िए। एक घुटना दूसरे घुटने से थोडा आगे रखिए। फिर दोनों पैरों को थोड़ी दूरी पर रखिए ताकि लेफ्ट पैर की ऐड़ी सीवनी नाड़ी को छुए| फिर अपने दोनों हाथों को आगे की ओर इस स्थिति में ले जाइए जैसे कि एक बैल अपने पैरों पर बैठता है।

वृषभासन करने की लाभ:

  • इस आसन से शारीरिक शक्ति बढ़ती है।
  • हाथ, कंधे, बाहें, जांघें और घुटने बलवान होते हैं।
  • इस आसन से पेट की दूषित वायु शरीर से बाहर निकल जाती है।
  • यह आसन चित को प्रसन्न करता है।
  • यह आसन शिकारियों तथा बन्दूक चलाने वालों के लिए लाभकारी है।

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वृषभासन

वृषभासन

आकर्षक फिगर के लिए अधिकतर लड़कियां डाइटिंग करती हैं, लेकिन डाइटिंग करने से शरीर सुडौल नहीं होता, बल्कि दुर्बल हो जाता है। इसीलिए आकर्षक फिगर पाने के लिए योगासन से अच्छा कोई उपाय नहीं है। वृष-भासन एक ऐसा ही आसन है जिसके नियमित अभ्यास से चेहरे की चमक बढ़ती है और फिगर आकर्षक बन जाता है।

वृष-भासन की विधि

जमीन पर बैठ जाइए। अपने दोनों घुटनों को मोड़िए। एक घुटना दूसरे घुटने से थोड़ा आगे रखिए। फिर दोनों पैरों को थोड़ी दूरी पर रखिए ताकि लेफ्ट पैर की एड़ी सीवनी नाड़ी को छुए फिर अपने दोनों हाथों को आगे की ओर इस स्थिति में ले जाइए जैसे कि एक बैल अपने पैरों पर बैठता है।

लाभ

  • इस आसन से शारीरिक शक्ति बढ़ती है। 
  • इस आसन से पेट की दूषित वायु शरीर से बाहर निकल जाती है।
  • यह आसन चित को प्रसन्न करता है।
  • यह आसन शिकारियों तथा बन्दूक चलाने वालों के लिए लाभकारी है।
  • इससे हमारा शरीर बैल के समान शक्तिशाली और कंधे मजबूत होते हैं।
  • जांघ, पैर, हाथ, बाहु, स्कंध, घुटने सभी पुष्ट एवं सुगठित होते हैं।
  • गैस व एसिडिटी की समस्या नहीं होती है। व्यक्ति हल्कापन महसूस करता है।
  • कई प्रकार के शारीरिक लाभ प्राप्त होते हैं।

जमीन पर बैठ जाइए। अपने दोनों घुटनों को मोड़िए। एक घुटना दूसरे घुटने से थोडा आगे रखिए। फिर दोनों पैरों को थोड़ी दूरी पर रखिए ताकि लेफ्ट पैर की ऐड़ी सीवनी नाड़ी को छुए| फिर अपने दोनों हाथों को आगे की ओर इस स्थिति में ले जाइए जैसे कि एक बैल अपने पैरों पर बैठता है।

वृषभासन करने की लाभ:

  • इस आसन से शारीरिक शक्ति बढ़ती है।
  • हाथ, कंधे, बाहें, जांघें और घुटने बलवान होते हैं।
  • इस आसन से पेट की दूषित वायु शरीर से बाहर निकल जाती है।
  • यह आसन चित को प्रसन्न करता है।
  • यह आसन शिकारियों तथा बन्दूक चलाने वालों के लिए लाभकारी है।

বৃষাসন

वृषभासन

বৃষাসন

যোগশাস্ত্রে বর্ণিত আসন বিশেষ। গতিময় ষাঁড়ের রূপ পাওয়া যায় বলে এর নামকরণ করা হয়েছে বৃষাসন (বৃষ + আসন)।

পদ্ধতি
১. প্রথমে হাঁটু গেড়ে বসুন এবং দুই হাতের তালু উপুর করে দুই হাঁটুর উপর রাখুন।
২. এবার শ্বাস নিতে নিতে, দুই হাতের উপর ভর করে, একটি পা পিছনের দিকে প্রসারিত করে দিন।
৩. এবার প্রসারিত এই পায়ের পাতা এক হাত দিয়ে ধরে উপরের দিকে উঠাতে থাকুন। এই সময় অপর হাতটি ভূমিতে রেখে দেহের ভারসাম্য রক্ষা করুন।
৩. এবার বুক টান করে, যতটা পারা যায় ততটা মাথা উঁচু করুন।
৪. এই অবস্থায় ৩০ সেকেণ্ড স্থির হয়ে থাকুন এই সময় শ্বাস-প্রশ্বাস স্বাভাবিকভাবে নিন।
৪. ৩০ সেকেণ্ড পরে, আসন ত্যাগ করে, পা পাল্টিয়ে, আসনটি আবার করুন।
৫. উভয় পা অবলম্বনে আসন শেষ করে, ৩০ সেকেণ্ড শবাসনে বিশ্রাম নিন।

উপকারিতা
১. হাঁটু ও গোড়ালির ব্যাথা উপশম হয়।
২. মেয়েদের ঋতুস্রাবের ব্যথা, অধিক বা অঙ্গপ ঋতুস্রাব হওয়া নিরাময় হয় এই  আসনে শ্বেতপ্রদর রোগের উপশম হয়।
৩. উরু ও যৌনাঙ্গের পাশ্ববর্তী অঞ্চলের পেশী সবল হয়।


जमीन पर बैठ जाइए। अपने दोनों घुटनों को मोड़िए। एक घुटना दूसरे घुटने से थोडा आगे रखिए। फिर दोनों पैरों को थोड़ी दूरी पर रखिए ताकि लेफ्ट पैर की ऐड़ी सीवनी नाड़ी को छुए| फिर अपने दोनों हाथों को आगे की ओर इस स्थिति में ले जाइए जैसे कि एक बैल अपने पैरों पर बैठता है।

वृषभासन करने की लाभ:

  • इस आसन से शारीरिक शक्ति बढ़ती है।
  • हाथ, कंधे, बाहें, जांघें और घुटने बलवान होते हैं।
  • इस आसन से पेट की दूषित वायु शरीर से बाहर निकल जाती है।
  • यह आसन चित को प्रसन्न करता है।
  • यह आसन शिकारियों तथा बन्दूक चलाने वालों के लिए लाभकारी है।