कटिचक्रासन

कटिचक्रासन क्या है इसके लिए आपको इस शब्द को तोड़कर देखना होगा।  कटिचक्रासन दो शब्द मिलकर बना है -कटि जिसका अर्थ होता है कमर और चक्र जिसका अर्थ होता है पहिया। इस आसन में कमर को दाईं और बाईं ओर मरोड़ना अर्थात् घुमाना होता है। ऐसा करते समय कमर पहिये की तरह घूमती है, इसलिए इसका नाम कटिचक्र रखा गया है।

कटिचक्रासन की विधि

अब बात आती है कि कटिचक्रासन को कैसे किया जाए ? इस आसन से आप अधिक लाभ तभी ले सकते हैं जब इसको टेक्निकली सही तरीके से करते हैं।

तरीका

  • सबसे पहले आप ताड़ासन में आएं।
  • पैरों को एक-दूसरे से बारह इंच दूर रखते हुए जमीन पर जमकर खड़े हो जाएं।
  • अब बांहों को छाती के सामने से बाहर की ओर ऐसे फैलाएं कि हथेलियां आमने-सामने हों।
  • सांस भरे और सांस छोड़ते हुए अपने बांहों को धीरे-धीरे अपने शरीर की दाईं ओर ले जाएं।
  • अपने शरीर को दाईं ओर घुमाइए।
  • शरीर को कमर से मोड़िए और अपनी बांहों को यथासंभव पीछे की ओर ले जाने का प्रयास कीजिए।
  • दाईं ओर घुमाते समय दाईं बांह को सीधा रखना चाहिए और बाईं बांह मुड़नी चाहिए।
  • जब आप अच्छी तरह घूम जाते हैं तो इस स्थिति को बनाए रखें और फिर सांस लेते हुए आप बीच में आएं।
  • यह आधा चक्र हुआ।
  • यही प्रक्रिया बाईं ओर भी दोहराएं।
  • अब एक चक्र हुआ
  • इस तरह से आप पहले 3 से 5 चक्र करें फिर इसको धीरे धीरे बढ़ाते जाएं

कटिचक्रासन के लाभ

  • अगर आप कटिचक्रासन को वैज्ञानिक तरीके से करते हैं और ऊपर बताये गए विधि को अमल करते हैं तो इसके अभ्यास से आप बहुत ज़्यदा फायदा हासिल कर सकते हैं।  यहां पर कुछ महत्वपूर्ण लाभ के बारे में बताया जा रहा है।
  • कटिचक्रासन वजन कम करने के लिए: इस आसन के प्रैक्टिस से आप अपने वजन को कम कर सकते हैं। शर्त  है की आप इसको फ़ास्ट करें या फिर आसन को बहुत देर तक मेन्टेन करें।अगर आप स्टेप्स को ध्यान में रखते हुए करते हैं तो मोटापा भी कम किया जा सकता है।
  • कटिचक्रासन कमर पतली करने के लिए: इस आसान के अभ्यास से आप खास तौर पर औरतें अपनी कमर को पतली कर सकती हैं। यह आपके कमर को स्लिम एवम खूबसूरत बनाता है। यह आप के कमर को सिर्फ खूबसूरत ही नहीं बनाता बल्कि इसको मजबूत भी करता है।
  • कटिचक्रासन छाती चौड़ा करने के लिए: इसके प्रैक्टिस से आप अपने छाती को चौड़ा कर सकते हैं और सांस से सम्बंधित रोगों को कम कर सकते हैं। यह आपके फेपड़े के लिए बहुत ही फायदेमंद योगाभ्यास है।
  • कटिचक्रासन कब्ज को कम करने के लिए: इससे आप अपने कब्ज को कम कर सकते हैं और पाचन संबंधी प्रोब्लेम्स से बच सकते हैं।
  • कटिचक्रासन पसलियों के लिए: पसलियां लोचदार बन जाती हैं, जिससे कई श्वसन रोग यहां तक कि फेफड़ों के क्षय (TB) रोग से भी बचाव हो सकता है।
  • कटिचक्रासन कंधे के मजबूती के लिए: इससे कंधे, गर्दन, बांहें, पेट, पीठ और जांघें मजबूत होती हैं।

कटिचक्रासन  सावधानियां

Comments

कटिचक्रासन एक योग है जोकि तीन शब्दों से मिलकर बना है कटि + चक्र + आसन = कटिचक्रासन | जिसमें कटि = कमर , चक्र = पहिया और आसन = मुद्रा अथार्त क्त आसन में दोनों भुजाओं, गर्दन तथा कमर का व्यायाम होता है इसीलिए इसे कटि चक्रासन कहते हैं। यह आसन खड़े होकर किया जाता है। आयें जानतें हैं कटिचक्रासन योग के फायदे और इस योग को कैसे किया जाए |

क्या है आसन : चित्त को स्थिर रखने वाले तथा सुख देने वाले बैठने के प्रकार को आसन कहते हैं। आसनों का मुख्य उद्देश्य शरीर के मल का नाश करना है। शरीर से मल या दूषित विकारों के नष्ट हो जाने से शरीर व मन में स्थिरता का अविर्भाव होता है। शांति और स्वास्थ्य लाभ मिलता है। शरीर ही मन और बुद्धि की सहायता से आत्मा को संसार के बंधनों से योगाभ्यास द्वारा मुक्त कर सकता है।

शरीर बृहत्तर ब्रह्मांड का सूक्ष्म रूप है। अत: शरीर के स्वस्थ रहने पर मन और आत्मा में संतोष मिलता है। आसन और व्यायाम : आसन एक वैज्ञानिक पद्धति है। ये हमारे शरीर को स्वच्छ, शुद्ध व सक्रिय रखकर मनुष्य को शारीरिक व मानसिक रूप से सदा स्वस्थ बनाए रखते हैं। केवल आसन ही एक ऐसा व्यायाम है जो हमारे अंदर के शरीर पर प्रभाव डाल सकता है। आसन और अन्य तरह के व्यायामों में फर्क है। आसन जहां हमारे शरीर की प्रकृति को बनाए रखते हैं वहीं अन्य तरह के व्यायाम इसे बिगाड़ सकते हैं। जिम या अखाड़े के शरीर- शरीर के साथ किए गए अतिरिक्त श्रम का परिणाम होते हैं जो सिर्फ दिखने के ही होते हैं।

बॉडी की एक्स्ट्रा एनजी एनर्जी को डिस्ट्रॉय करना है तो ही अन्य व्यायामों के चक्कर में पड़े। बाद में ऐसा शरीर तेजी से ढलने लगता है। जबकि योगासन में व्यक्ति सदा जवान बना रहता हैं और उसने न तो घुटने की सर्जनी करना होती है और न ही कंधे की। योग दुनिया के हर तरह के व्यायाम या कसरत से कहीं ज्यादा फायदेमंद और बेहतरीन है। आसन के प्रकार : आसन अनेक प्रकार के माने गए हैं। ‘आसनानि समस्तानियावन्तों जीवजन्तव:। चतुरशीत लक्षणिशिवेनाभिहितानी च।’- अर्थात संसार के समस्त जीव जन्तुओं के बराबर ही आसनों की संख्या बताई गई है। इस प्रकार 84000 आसनों में से मुख्य 84 आसन ही माने गए हैं।

उनमें भी मुख्य आसनों का योगाचार्यों ने वर्णन अपने-अपने तरीके से किया है। मुख्यत: आसनों को चार भागों में विभाजित किया गया है। 1.बैठकर किए जाने वाले आसन। 2.पीठ के बाल लेटकर किए जाने वाले आसन। 3.पेट के बाल लेटकर किए जाने वाले आसन और 4.खड़े होकर किए जाने वाले आसन।

1. बैठकर : पद्मासन, वज्रासन, सिद्धासन, मत्स्यासन, वक्रासन, अर्ध-मत्स्येन्द्रासन, गोमुखासन, पश्चिमोत्तनासन, ब्राह्म मुद्रा, उष्ट्रासन, गोमुखासन। आदि।

2. पीठ के बल लेटकर : अर्धहलासन, हलासन, सर्वांगासन, विपरीतकर्णी आसन, पवनमुक्तासन, नौकासन, शवासन आदि।

3. पेट के बाल लेटकर : मकरासन, धनुरासन, भुजंगासन, शलभासन, विपरीत नौकासन आदि।

4. खड़े होकर : ताड़ासन, वृक्षासन, अर्धचंद्रमासन, अर्धचक्रासन, दो भुज कटिचक्रासन, चक्रासन,, पाद्पश्चिमोत्तनासन आदि।

5. अन्य : शीर्षासन, मयुरासन, सूर्य नम:स्कार आदि।

The name of this yoga posture, Katichakrasana, literally means rotation of the waist. It gives a nice stretch to the waist and helps in making it more flexible and supple. It takes very little time to do the stretch and it benefits your body in many ways. A simple yet very effective yoga posture, Katichakrasana carries the power to heal constipation if practiced regularly and accurately. Pronounce the name of this yoga posture in Sanskrit as Ka-tee-Cha-KRAAHS-un-uh.

Kati = Waist; Chakra = Wheel, Circular Rotation; Asana = Posture, Pose

🤔 How to do Standing Spinal Twist (Katichakrasana)
👉🏻 Stand up straight with your feet together.
👉🏻 As you breathe in, stretch your hands to the front, palms facing each other, parallel to the ground.
👉🏻 Checkpoint: Are your palms at shoulder-width distance from each other?
👉🏻 Exhale and gently twist from the waist to the right and look back over the right shoulder.

Tip from Sri Sri Yoga experts: Keep your feet glued in their place – this gives you a better twist!

👉🏻 Keep the distance between your palms constant. Do you feel the stretch in your lower back?
👉🏻 Breathing in, come back to the center.
👉🏻 Breathing out, turn to your left and repeat the yoga posture on your left side.
👉🏻 Breathing in, come back to the center.
👉🏻 Repeat this yoga pose a few times on both sides and then breathing out, bring your hands down.

Tip from Sri Sri Yoga experts: Keep your movements slow and graceful. Avoid moving your body with a jerk. You get better benefits when you coordinate your movements gracefully with the breath.

😃 Benefits of the Standing Spinal Twist (Katichakrasana)
👉🏻 Good for relieving constipation
👉🏻 Strengthens and improves the flexibility of the spine and waist
👉🏻 Good for arm and leg muscles
👉🏻 Opens up the neck and shoulders and strengthens the abdominal muscles and lower back
👉🏻 Beneficial for those with sedentary or deskbound jobs

❌ Contraindications of the Standing Spinal Twist (Katichakrasana)
👉🏻 Avoid practicing Standing Spinal Twist (Katichakrasana) during pregnancy, or if you have hernia, slip disc, or have had an abdominal surgery recently.
👉🏻 Consult your doctor before practicing this yoga posture if you have chronic spinal disorders.
 

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LEARN ASHTANGA YOGA ARDHA KATICHAKRASANA (HALF WAIST WHEEL POSE) step-by-step & its benefits.

“Ardha means half, “Kati” means waist and “Chakra means wheel .In this asana the body resembles a half wheel.

Steps to practice Ardha Kati Chakrasana:

Stand on your mat. Your spine should be erect, shoulders pulled back and your hands beside your body. As you inhale, slowly raise your right hand up. When you reach the shoulder level, turn your palms up towards the ceiling. Continue to raise the arm up till your triceps touches your right ear. You have to pull your body up from the waist. Do not bend your backwards. This will give a good stretch to your right side. Feel the stretch and exhale.  Bend your neck towards the right and look at your right finger tips. You can hold pose for 15 to 30 seconds with normal breathing. Inhale and slowly come back. As your arm reaches the shoulder level turn your palm down, exhale and bring down your arm completely. Now repeat this on the left side. This exercise can be practiced twice on both sides. 

Benefits:

Ardhakatichakrasana relieves back aches.

It cures constipation.

The stretch on both sides helps to get rid of excess fat around the waist and abdomen, giving a good shape to the body.

It also increases the elasticity of the sides of the body.

It strengthens the back muscles.

Doing this asana early in the morning helps aid bowel movement.
This asana helps those with asthma .By regularly practicing this pose helps them to breathe properly. 
 

Yogasan for page

कटिचक्रासन

कटिचक्रासन

कटिचक्रासन क्या है इसके लिए आपको इस शब्द को तोड़कर देखना होगा।  कटिचक्रासन दो शब्द मिलकर बना है -कटि जिसका अर्थ होता है कमर और चक्र जिसका अर्थ होता है पहिया। इस आसन में कमर को दाईं और बाईं ओर मरोड़ना अर्थात् घुमाना होता है। ऐसा करते समय कमर पहिये की तरह घूमती है, इसलिए इसका नाम कटिचक्र रखा गया है।

कटिचक्रासन की विधि

अब बात आती है कि कटिचक्रासन को कैसे किया जाए ? इस आसन से आप अधिक लाभ तभी ले सकते हैं जब इसको टेक्निकली सही तरीके से करते हैं।

तरीका

  • सबसे पहले आप ताड़ासन में आएं।
  • पैरों को एक-दूसरे से बारह इंच दूर रखते हुए जमीन पर जमकर खड़े हो जाएं।
  • अब बांहों को छाती के सामने से बाहर की ओर ऐसे फैलाएं कि हथेलियां आमने-सामने हों।
  • सांस भरे और सांस छोड़ते हुए अपने बांहों को धीरे-धीरे अपने शरीर की दाईं ओर ले जाएं।
  • अपने शरीर को दाईं ओर घुमाइए।
  • शरीर को कमर से मोड़िए और अपनी बांहों को यथासंभव पीछे की ओर ले जाने का प्रयास कीजिए।
  • दाईं ओर घुमाते समय दाईं बांह को सीधा रखना चाहिए और बाईं बांह मुड़नी चाहिए।
  • जब आप अच्छी तरह घूम जाते हैं तो इस स्थिति को बनाए रखें और फिर सांस लेते हुए आप बीच में आएं।
  • यह आधा चक्र हुआ।
  • यही प्रक्रिया बाईं ओर भी दोहराएं।
  • अब एक चक्र हुआ
  • इस तरह से आप पहले 3 से 5 चक्र करें फिर इसको धीरे धीरे बढ़ाते जाएं

कटिचक्रासन के लाभ

  • अगर आप कटिचक्रासन को वैज्ञानिक तरीके से करते हैं और ऊपर बताये गए विधि को अमल करते हैं तो इसके अभ्यास से आप बहुत ज़्यदा फायदा हासिल कर सकते हैं।  यहां पर कुछ महत्वपूर्ण लाभ के बारे में बताया जा रहा है।
  • कटिचक्रासन वजन कम करने के लिए: इस आसन के प्रैक्टिस से आप अपने वजन को कम कर सकते हैं। शर्त  है की आप इसको फ़ास्ट करें या फिर आसन को बहुत देर तक मेन्टेन करें।अगर आप स्टेप्स को ध्यान में रखते हुए करते हैं तो मोटापा भी कम किया जा सकता है।
  • कटिचक्रासन कमर पतली करने के लिए: इस आसान के अभ्यास से आप खास तौर पर औरतें अपनी कमर को पतली कर सकती हैं। यह आपके कमर को स्लिम एवम खूबसूरत बनाता है। यह आप के कमर को सिर्फ खूबसूरत ही नहीं बनाता बल्कि इसको मजबूत भी करता है।
  • कटिचक्रासन छाती चौड़ा करने के लिए: इसके प्रैक्टिस से आप अपने छाती को चौड़ा कर सकते हैं और सांस से सम्बंधित रोगों को कम कर सकते हैं। यह आपके फेपड़े के लिए बहुत ही फायदेमंद योगाभ्यास है।
  • कटिचक्रासन कब्ज को कम करने के लिए: इससे आप अपने कब्ज को कम कर सकते हैं और पाचन संबंधी प्रोब्लेम्स से बच सकते हैं।
  • कटिचक्रासन पसलियों के लिए: पसलियां लोचदार बन जाती हैं, जिससे कई श्वसन रोग यहां तक कि फेफड़ों के क्षय (TB) रोग से भी बचाव हो सकता है।
  • कटिचक्रासन कंधे के मजबूती के लिए: इससे कंधे, गर्दन, बांहें, पेट, पीठ और जांघें मजबूत होती हैं।

कटिचक्रासन  सावधानियां

Comments

कटिचक्रासन एक योग है जोकि तीन शब्दों से मिलकर बना है कटि + चक्र + आसन = कटिचक्रासन | जिसमें कटि = कमर , चक्र = पहिया और आसन = मुद्रा अथार्त क्त आसन में दोनों भुजाओं, गर्दन तथा कमर का व्यायाम होता है इसीलिए इसे कटि चक्रासन कहते हैं। यह आसन खड़े होकर किया जाता है। आयें जानतें हैं कटिचक्रासन योग के फायदे और इस योग को कैसे किया जाए |

क्या है आसन : चित्त को स्थिर रखने वाले तथा सुख देने वाले बैठने के प्रकार को आसन कहते हैं। आसनों का मुख्य उद्देश्य शरीर के मल का नाश करना है। शरीर से मल या दूषित विकारों के नष्ट हो जाने से शरीर व मन में स्थिरता का अविर्भाव होता है। शांति और स्वास्थ्य लाभ मिलता है। शरीर ही मन और बुद्धि की सहायता से आत्मा को संसार के बंधनों से योगाभ्यास द्वारा मुक्त कर सकता है।

शरीर बृहत्तर ब्रह्मांड का सूक्ष्म रूप है। अत: शरीर के स्वस्थ रहने पर मन और आत्मा में संतोष मिलता है। आसन और व्यायाम : आसन एक वैज्ञानिक पद्धति है। ये हमारे शरीर को स्वच्छ, शुद्ध व सक्रिय रखकर मनुष्य को शारीरिक व मानसिक रूप से सदा स्वस्थ बनाए रखते हैं। केवल आसन ही एक ऐसा व्यायाम है जो हमारे अंदर के शरीर पर प्रभाव डाल सकता है। आसन और अन्य तरह के व्यायामों में फर्क है। आसन जहां हमारे शरीर की प्रकृति को बनाए रखते हैं वहीं अन्य तरह के व्यायाम इसे बिगाड़ सकते हैं। जिम या अखाड़े के शरीर- शरीर के साथ किए गए अतिरिक्त श्रम का परिणाम होते हैं जो सिर्फ दिखने के ही होते हैं।

बॉडी की एक्स्ट्रा एनजी एनर्जी को डिस्ट्रॉय करना है तो ही अन्य व्यायामों के चक्कर में पड़े। बाद में ऐसा शरीर तेजी से ढलने लगता है। जबकि योगासन में व्यक्ति सदा जवान बना रहता हैं और उसने न तो घुटने की सर्जनी करना होती है और न ही कंधे की। योग दुनिया के हर तरह के व्यायाम या कसरत से कहीं ज्यादा फायदेमंद और बेहतरीन है। आसन के प्रकार : आसन अनेक प्रकार के माने गए हैं। ‘आसनानि समस्तानियावन्तों जीवजन्तव:। चतुरशीत लक्षणिशिवेनाभिहितानी च।’- अर्थात संसार के समस्त जीव जन्तुओं के बराबर ही आसनों की संख्या बताई गई है। इस प्रकार 84000 आसनों में से मुख्य 84 आसन ही माने गए हैं।

उनमें भी मुख्य आसनों का योगाचार्यों ने वर्णन अपने-अपने तरीके से किया है। मुख्यत: आसनों को चार भागों में विभाजित किया गया है। 1.बैठकर किए जाने वाले आसन। 2.पीठ के बाल लेटकर किए जाने वाले आसन। 3.पेट के बाल लेटकर किए जाने वाले आसन और 4.खड़े होकर किए जाने वाले आसन।

1. बैठकर : पद्मासन, वज्रासन, सिद्धासन, मत्स्यासन, वक्रासन, अर्ध-मत्स्येन्द्रासन, गोमुखासन, पश्चिमोत्तनासन, ब्राह्म मुद्रा, उष्ट्रासन, गोमुखासन। आदि।

2. पीठ के बल लेटकर : अर्धहलासन, हलासन, सर्वांगासन, विपरीतकर्णी आसन, पवनमुक्तासन, नौकासन, शवासन आदि।

3. पेट के बाल लेटकर : मकरासन, धनुरासन, भुजंगासन, शलभासन, विपरीत नौकासन आदि।

4. खड़े होकर : ताड़ासन, वृक्षासन, अर्धचंद्रमासन, अर्धचक्रासन, दो भुज कटिचक्रासन, चक्रासन,, पाद्पश्चिमोत्तनासन आदि।

5. अन्य : शीर्षासन, मयुरासन, सूर्य नम:स्कार आदि।

The name of this yoga posture, Katichakrasana, literally means rotation of the waist. It gives a nice stretch to the waist and helps in making it more flexible and supple. It takes very little time to do the stretch and it benefits your body in many ways. A simple yet very effective yoga posture, Katichakrasana carries the power to heal constipation if practiced regularly and accurately. Pronounce the name of this yoga posture in Sanskrit as Ka-tee-Cha-KRAAHS-un-uh.

Kati = Waist; Chakra = Wheel, Circular Rotation; Asana = Posture, Pose

🤔 How to do Standing Spinal Twist (Katichakrasana)
👉🏻 Stand up straight with your feet together.
👉🏻 As you breathe in, stretch your hands to the front, palms facing each other, parallel to the ground.
👉🏻 Checkpoint: Are your palms at shoulder-width distance from each other?
👉🏻 Exhale and gently twist from the waist to the right and look back over the right shoulder.

Tip from Sri Sri Yoga experts: Keep your feet glued in their place – this gives you a better twist!

👉🏻 Keep the distance between your palms constant. Do you feel the stretch in your lower back?
👉🏻 Breathing in, come back to the center.
👉🏻 Breathing out, turn to your left and repeat the yoga posture on your left side.
👉🏻 Breathing in, come back to the center.
👉🏻 Repeat this yoga pose a few times on both sides and then breathing out, bring your hands down.

Tip from Sri Sri Yoga experts: Keep your movements slow and graceful. Avoid moving your body with a jerk. You get better benefits when you coordinate your movements gracefully with the breath.

😃 Benefits of the Standing Spinal Twist (Katichakrasana)
👉🏻 Good for relieving constipation
👉🏻 Strengthens and improves the flexibility of the spine and waist
👉🏻 Good for arm and leg muscles
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👉🏻 Beneficial for those with sedentary or deskbound jobs

❌ Contraindications of the Standing Spinal Twist (Katichakrasana)
👉🏻 Avoid practicing Standing Spinal Twist (Katichakrasana) during pregnancy, or if you have hernia, slip disc, or have had an abdominal surgery recently.
👉🏻 Consult your doctor before practicing this yoga posture if you have chronic spinal disorders.
 

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“Ardha means half, “Kati” means waist and “Chakra means wheel .In this asana the body resembles a half wheel.

Steps to practice Ardha Kati Chakrasana:

Stand on your mat. Your spine should be erect, shoulders pulled back and your hands beside your body. As you inhale, slowly raise your right hand up. When you reach the shoulder level, turn your palms up towards the ceiling. Continue to raise the arm up till your triceps touches your right ear. You have to pull your body up from the waist. Do not bend your backwards. This will give a good stretch to your right side. Feel the stretch and exhale.  Bend your neck towards the right and look at your right finger tips. You can hold pose for 15 to 30 seconds with normal breathing. Inhale and slowly come back. As your arm reaches the shoulder level turn your palm down, exhale and bring down your arm completely. Now repeat this on the left side. This exercise can be practiced twice on both sides. 

Benefits:

Ardhakatichakrasana relieves back aches.

It cures constipation.

The stretch on both sides helps to get rid of excess fat around the waist and abdomen, giving a good shape to the body.

It also increases the elasticity of the sides of the body.

It strengthens the back muscles.

Doing this asana early in the morning helps aid bowel movement.
This asana helps those with asthma .By regularly practicing this pose helps them to breathe properly.