सिंहासन

सिंहासन करने की  विधि- 

  1. सिंहासन करने के लिए सबसे पहले अपने पैरों के पंजों को आपस में मिलाकर उस पर बैठ जाएं।
  2. फिर दाएं हाथ को दाएं घुटने पर तथा बाएं हाथ को बाएं घुटने पर रखें।
  3. लंबी सांस लें उसके बाद मुंह द्वारा सांस को छोड़ें।
  4. अब गर्दन को सामने की ओर झुकाकर ठोड़ी को गले के नीचे लगाएं।
  5. यदि आपके गर्दन में दर्द हो तो बिना गर्दन झुकाए भी कर सकते हैं।
  6. सांस लेने और छा़ेडने की क्रिया को दो से पांच बार करें।
  7. दोनों भौहों के बीच में देखें। इसके बाद अपने मुंह को खोलें और जीभ को बाहर निकालें।

सिंहासन करने की लाभ- 

  1. सिंहासन से आंखों के लिए बहुत अच्छा है।
  2. इससे आंखों की नसों की कमजोरी की समस्या दूर होती है।
  3. यह एक तरह का एंटीएजिंग आसन है, जो चेहरे की एक्सरसाइज करने के साथ ही चमक बढ़ाता है और त्वचा को कमसिन बनाएं रखता है।

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सिंहासन

सिंहासन

सिंहासन करने की  विधि- 

  1. सिंहासन करने के लिए सबसे पहले अपने पैरों के पंजों को आपस में मिलाकर उस पर बैठ जाएं।
  2. फिर दाएं हाथ को दाएं घुटने पर तथा बाएं हाथ को बाएं घुटने पर रखें।
  3. लंबी सांस लें उसके बाद मुंह द्वारा सांस को छोड़ें।
  4. अब गर्दन को सामने की ओर झुकाकर ठोड़ी को गले के नीचे लगाएं।
  5. यदि आपके गर्दन में दर्द हो तो बिना गर्दन झुकाए भी कर सकते हैं।
  6. सांस लेने और छा़ेडने की क्रिया को दो से पांच बार करें।
  7. दोनों भौहों के बीच में देखें। इसके बाद अपने मुंह को खोलें और जीभ को बाहर निकालें।

सिंहासन करने की लाभ- 

  1. सिंहासन से आंखों के लिए बहुत अच्छा है।
  2. इससे आंखों की नसों की कमजोरी की समस्या दूर होती है।
  3. यह एक तरह का एंटीएजिंग आसन है, जो चेहरे की एक्सरसाइज करने के साथ ही चमक बढ़ाता है और त्वचा को कमसिन बनाएं रखता है।

Simhasana

सिंहासन

Simhasana (Sanskrit: सिंहासन; IAST: Siṁhāsana) or Lion Pose[1] is an asana in hatha yoga and modern yoga as exercise.

Etymology and origins

"Narasimhasana" from an illustrated manuscript of the Joga Pradipika, 1830
The name comes from the Sanskrit words simha (सिंह), meaning "lion", and āsana (आसन), meaning "posture" or "seat". The pose has also been named Narasimhasana, as in the 19th century Joga Pradipika, from Sanskrit नरसिंह Narasimha, a lion-man avatar of the god Vishnu. The posture is described in the tenth century Vimānārcanākalpa.

Description

The practitioner kneels with the buttocks on the inner arches of the feet, stretches the arms forwards with the hands outspread just off the ground, and makes a facial expression with the mouth open wide and the tongue out to resemble a lion. The yoga guru B. K. S. Iyengar notes that this is the traditional pose; he calls it Simhasana I.

Variations

Iyengar's Simhasana II begins from lotus position (Padmasana). The practitioner then stands on the knees and moves the body forwards until the front of the body faces the floor and the shoulders are directly above the hands, the arms straight. The facial expression is the same as before.

Yoga Journal has described a variant "Lion Pose" with the legs as in Muktasana with the facial and hand positions as in Simhasana, suggesting it as a suitable seat for pranayama.


सिंहासन करने की  विधि- 

  1. सिंहासन करने के लिए सबसे पहले अपने पैरों के पंजों को आपस में मिलाकर उस पर बैठ जाएं।
  2. फिर दाएं हाथ को दाएं घुटने पर तथा बाएं हाथ को बाएं घुटने पर रखें।
  3. लंबी सांस लें उसके बाद मुंह द्वारा सांस को छोड़ें।
  4. अब गर्दन को सामने की ओर झुकाकर ठोड़ी को गले के नीचे लगाएं।
  5. यदि आपके गर्दन में दर्द हो तो बिना गर्दन झुकाए भी कर सकते हैं।
  6. सांस लेने और छा़ेडने की क्रिया को दो से पांच बार करें।
  7. दोनों भौहों के बीच में देखें। इसके बाद अपने मुंह को खोलें और जीभ को बाहर निकालें।

सिंहासन करने की लाभ- 

  1. सिंहासन से आंखों के लिए बहुत अच्छा है।
  2. इससे आंखों की नसों की कमजोरी की समस्या दूर होती है।
  3. यह एक तरह का एंटीएजिंग आसन है, जो चेहरे की एक्सरसाइज करने के साथ ही चमक बढ़ाता है और त्वचा को कमसिन बनाएं रखता है।