वीरासन

वीरासन जांघों, घुटनों, और टखनों में खिचाव लाता है। रजोनिवृत्ति के लक्षणों को दूर करने में मदद करता है। वीरासन गर्भावस्था के दौरान पैरों की सूजन कम करता है। हाई बीपी और अस्थमा के लिए चिकित्सीय है।

 

वीरासन करने की सरल विधि 

  • घुटने मोड़कर जमीन पर बैठ जाएं। बायां घुटना झुकाएं एवं बाएं पांव को पीछे की ओर फैलाएं। अंगूठे भीतर की ओर मोड़कर मुट्ठियां बांधें।
  • दाईं बांह को छाती के सामने तानें तथा बाईं बांह को पीछे की ओर मोड़ें।
  • धड़ को पूरी ताकत के साथ पीछे की ओर झुकाएं तथा बाएं पांव को सीधा रखें।
  • दोनों आंखें खुली रखें तथा पलक नहीं झपकाएं।
  • इसी तरह से दूसरी तरफ से करें
  • यह एक चक्र हुआ।
  • इस तरह से तीन से पांच चक्र तक करें।

वीरासन के लाभ

  1. वीरासन शरीर को शक्ति प्रदान करने में मदद करता है।
  2. यह आसान वीरता के लिए जाना जाता है।
  3. यह आपको साहसी बंनाने में मदद करता है।
  4. सहन शक्ति एवं दृढ़ता को बढ़ाने में काम आता है।
  5. अगर आपको अपनी आलस्यत को दूर भागना है तो इस आसान का अभ्यास जरूर करें।
  6. इससे कमर पतली और छाती चौड़ी होती है।
  7. बहुत अधिक नींद की समस्या से ग्रस्त व्‍यक्ति को यह आसन करना चाहिए।
  8. इस आसान को खाना खाने के बाद करने से पाचन क्रिया तेज हो जाता है और खाना आसानी से पच जाता है।
  9. यह नाभि पर भी अच्छा खासा प्रभाव डालता है।
  10. यह पेट में दबाब डालता है और आपको पेट दर्द एवं गैस की समसयाओं से निजात दिलाता है।
  11. युवावस्था में इस आसन के अभ्यास से बाल का सफेद होना रुक जाता है।
  12. यह आसन पाइल्स को ठीक करने में मदद करता है।
  13. स्त्रियों के मासिकधर्म सम्बन्धी दोष दूर करने में सहायक है।
  14. इसके अभ्यास से जंघाओं एवं घुटनों में लचीलापन आता है जिससे आप ज़मीन पर आसानी से पैरों के बल बैठ सकते हैं। साथ ही साथ यह आजको सुडौल बनाता है।
  15. अगर आपको अधिक नींद आती हो तो इस आसन का अभ्यास करें।

वीरासन की सावधानी

  • अगर आपके पैरों में कोइ चोट आई तो इस आसन का अभ्यास न करें।
  • घुटने में दर्द होने पर इसका अभ्यास बिल्कुल न करें।
  • अभ्यास के दौरान टखनों पर अधिक बल नहीं लगाना चाहिए.

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वीरासन

वीरासन जांघों, घुटनों, और टखनों में खिचाव लाता है। रजोनिवृत्ति के लक्षणों को दूर करने में मदद करता है। वीरासन गर्भावस्था के दौरान पैरों की सूजन कम करता है। हाई बीपी और अस्थमा के लिए चिकित्सीय है।

 

वीरासन करने की सरल विधि 

  • घुटने मोड़कर जमीन पर बैठ जाएं। बायां घुटना झुकाएं एवं बाएं पांव को पीछे की ओर फैलाएं। अंगूठे भीतर की ओर मोड़कर मुट्ठियां बांधें।
  • दाईं बांह को छाती के सामने तानें तथा बाईं बांह को पीछे की ओर मोड़ें।
  • धड़ को पूरी ताकत के साथ पीछे की ओर झुकाएं तथा बाएं पांव को सीधा रखें।
  • दोनों आंखें खुली रखें तथा पलक नहीं झपकाएं।
  • इसी तरह से दूसरी तरफ से करें
  • यह एक चक्र हुआ।
  • इस तरह से तीन से पांच चक्र तक करें।

वीरासन के लाभ

  1. वीरासन शरीर को शक्ति प्रदान करने में मदद करता है।
  2. यह आसान वीरता के लिए जाना जाता है।
  3. यह आपको साहसी बंनाने में मदद करता है।
  4. सहन शक्ति एवं दृढ़ता को बढ़ाने में काम आता है।
  5. अगर आपको अपनी आलस्यत को दूर भागना है तो इस आसान का अभ्यास जरूर करें।
  6. इससे कमर पतली और छाती चौड़ी होती है।
  7. बहुत अधिक नींद की समस्या से ग्रस्त व्‍यक्ति को यह आसन करना चाहिए।
  8. इस आसान को खाना खाने के बाद करने से पाचन क्रिया तेज हो जाता है और खाना आसानी से पच जाता है।
  9. यह नाभि पर भी अच्छा खासा प्रभाव डालता है।
  10. यह पेट में दबाब डालता है और आपको पेट दर्द एवं गैस की समसयाओं से निजात दिलाता है।
  11. युवावस्था में इस आसन के अभ्यास से बाल का सफेद होना रुक जाता है।
  12. यह आसन पाइल्स को ठीक करने में मदद करता है।
  13. स्त्रियों के मासिकधर्म सम्बन्धी दोष दूर करने में सहायक है।
  14. इसके अभ्यास से जंघाओं एवं घुटनों में लचीलापन आता है जिससे आप ज़मीन पर आसानी से पैरों के बल बैठ सकते हैं। साथ ही साथ यह आजको सुडौल बनाता है।
  15. अगर आपको अधिक नींद आती हो तो इस आसन का अभ्यास करें।

वीरासन की सावधानी

  • अगर आपके पैरों में कोइ चोट आई तो इस आसन का अभ्यास न करें।
  • घुटने में दर्द होने पर इसका अभ्यास बिल्कुल न करें।
  • अभ्यास के दौरान टखनों पर अधिक बल नहीं लगाना चाहिए.

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