यौगिक क्रियाएं

योगिक क्रिया शरीर की आंतरिक शुद्धि की विशेष तकनीक है जिसका वर्णन हठयोग के ग्रंथों में पाया जाता है योगी को योगी ने अपने अनुभव और अभ्यास द्वारा इंहें भी विकसित किया है जिस प्रकार हम सामान्य मनुष्य अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए दांतो की सफाई वालों की सफाई स्नान धुले वस्त्र पहनना आदि दैनिक नित्य कर्म करते हैं उसी प्रकार एक योगी योग साधना में लीन होने से पूर्व शरीर की आंतरिक शुद्धि के लिए श्रेष्ठ कर्मों का सहारा लेता है एवं का योग साधना में योग का अभ्यास करता है उन्हें कहते हैं कपालभाति योग द्वारा शरीर में तत्वों को बाहर निकालने का प्रयास किया जाता है अनावश्यक मानवाधिकार शरीर में जमा हो गया त

योग करें, धूम्रपान से छुटकारा पाएं

धूम्रपान के नुकसान से तो हर कोई वाकिफ है, लेकिन इस लत को छोड़ पाने में सभी बेहद लाचार साबित होते हैं। लेकिन ताजा अध्ययन में पता चला है कि योग के जरिए धूम्रपान की लत से छुटकारा पाने में आसानी होती है। प्राण योग के विशेषज्ञ दीपक झा ने बताया कि योग, धूम्रपान छोड़ने का एक समग्र समाधान है। साथ ही दीपक यह भी बताते हैं कि योग केवल धूम्रपान की आदतों से ही लोगों को दूर नहीं रखता बल्कि शरीर पर हुए दुष्प्रभाव को भी दूर कर देता है। धूम्रपान छोड़ने के लिए यूं तो बाजार में तमाम तरह के रासायनिक विकल्प उपलब्ध हैं, लेकिन इनके सहारे धूम्रपान छोड़ना उतना आसान नहीं होता।

योग से संभव है , साइनोसाइटिस का इलाज

साइनोसाइटिस गालों एवं ललाट की हड्डियों के साइनस (गड्ढों) में जलन या सूजन की स्थिति को कहते हैं। जब किसी कारणवश साइनस के संकरे प्रवेश मार्ग में रुकावट आ जाती है तो सिर दर्द, भारीपन, गालों एवं ललाट पर सूजन तथा आंखों में दर्द जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। यौगिक क्रियाओं के नियमित अभ्यास से इससे मुक्ति पाई जा सकती है।

योग और व्यायाम में मुख्यत: क्या अंतर है?

व्यायाम आपके शरीर को स्वस्थ बनाने में सहायक है.

योगा का मतलब जोड़ना.

योगा में अलग अलग आसन होते है जो करते समय श्वास लेते और छोड़ते है. इससे शरीर और मन दोनोंको फायदा पहुँचता है.

योगा करते समय सामान्यता जब शरीर को आगे की ओर झुकना पड़ता है उस समय श्वास बाहर छोड़ते है और जब शरीर पीछे की ओर झुकना पड़ता है, उस समय श्वास को अंदर लेते है.

पैदल चलने के बहोत सारे फायदे है।

ब्रेन स्ट्रोक – आपको जानकर आश्चर्य होगा की अगर एक सप्ताह में सिर्फ 2 घंटे भी पैदल चला जाये तो इससे ब्रेन स्ट्रोक का खतरा 30% तक कम हो जाता है।

दिल – क्या आपको पता है प्रतिदिन 30 से 60 मिनट तक पैदल चलने से दिल का दौरा पड़ने का खतरा काफी हद तक टल जाता है।

मधुमेह – अगर प्रतिदिन 30 से 40 मिनट भी पैदल चला जाये तो इससे मधुमेह का खतरा करीब 29% तक घट जाता है।

डिप्रेशन – आज के समय में डिप्रेशन एक आम बीमारी बनकर उभर रहा है लेकिन अगर प्रतिदिन 30 से 45 की वॉक की जाये तो डिप्रेशन का खतरा करीब 36% तक कम हो जाता है।

जिम जाने के क्या फायदे एवं नुकसान हैं?

मैं आजकल अपने एक दोस्त को ट्रेन कर रहा हूँ, मैं जिम जाने का कोई खास शौक़ीन नहीं हूँ पर उनको ट्रेन करने जाता हूँ और खुद बिना मशीन के अपने आप को ट्रेन करता हूँ.

मैं काफ़ी सालों बाद जिम गया पर मुझे कोई खास बदलाव नहीं नज़र आया, सब कुछ आज भी वैसे ही चल रहा है - वो ही आधी अधूरी जानकारी और गलत ढंग से कराई और की जा रही कसरत.

अगर आपको यह पोस्ट पूरा नहीं पढ़ना है, तो नीचे जाकर इसका सार पढ़ लीजिये.

मैं जब मेरे दोस्त को कार्डिओ ट्रेनिंग के लिए ट्रेडमिल पर चलाता और दौड़ाता हूँ, तब मैं वहां आये हुए लोगों को भी ध्यान से देखता हूँ.

बनाएं पतली कमर, घटाएं तोंद

आजकल मैदे और बेसन से बनी चीजें खाने का प्रचनल बढ़ गया है साथ ही कोक से भी पेट का कबाड़ा होते जा रहा है। इसके अलावा और भी कई कारण है जिससे पेट अब तोंद या कहे टैंक बन गया है।

फ्लैट स्टमक की इच्छा रखने वालों के लिए यहां कुछ योग टिप्स दिए जा रहे हैं। शरीर की अतिरिक्त चरबी घटाने में योग काफी मदद करता है, लेकिन इसके साथ आपको खानपान भी सुधारना होगा।

योगासन 
वैसे रोजाना आप नौकासन, उष्ट्रासन और त्रिकोणासन करके आप फ्लैट स्टमक बना सकते हैं। योगाभ्यास और सही डायट का कॉम्बिनेशन आपके पेट को तोंद से टोन कर सकता है।

शीर्षासन से ठीक रहता है ब्लड सर्कुलेशन

सिर के बल उल्टा हो जाने को शीर्षासन कहा जाता है। इसमें सिर या हाथों के बल अलग-अलग कोणों में शरीर को उल्टा किया जा सकता है। पूरे शरीर का संतुलन सिर या हाथों पर टिका होता है। योग शास्त्र में इसके कई फायदे बताए हैं।

लाभ 

ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है, मस्तिष्क में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ने से दिमाग सक्रिय होता है, ग्रंथियों की कार्य प्रणाली दुरूस्त होती है, पेट में स्थित अंगों जैसे आमाशय, लिवर, किडनी आदि एक्टिव होते हैं और पाचन तंत्र ठीक रहता है। ईसा पूर्व विख्यात ग्रीक फिजिशियन हिप्पोक्रेट्स भी रोगी को रस्सियों और पुली की सहायता से सीढियों पर उल्टा लटकाते थे।

प्रस्तावना

योग भारतीय संस्कृति का एक आधार स्तंभ है l जो प्राचीन काल से आधुनिक काल तक हमारे काल से जुड़ा हुआ है l इस योग का महत्व प्राचीन काल से भी था तथा आधुनिक काल में भी इसका महत्व और अधिक बढ़ा है l प्रिय पाठक योग एक ऐसी विद्या है जिसके द्वारा मन को अविद्या अस्मिता आदि देशों से बचाकर वृत्तियों से रहित कर परमात्मा में लीन करने का विज्ञान प्राप्त होता है एक सामान्य ज्ञान से लेकर उच्च कोटि के साधकों के लिए योग के अलग-अलग मार्गों का निर्देश अलग-अलग भागों में किया गया है इन सभी भागों में साधना एवं साधन की विधि अलग-अलग हो सकती है परंतु इन

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हठ प्रदीपिका एवं हिरण संहिता में योग अर्थात श्रीनाथ गुरु को प्रणाम करके योगी स्वर आत्माराम केवल राज रोक की प्राप्ति के लिए हट विद्या का उपदेश करते हैं हिरण संगीता में हठयोग के सप्त साधनों पर प्रकाश डालते हुए कहा गया अर्थात शोधन धैर्य लाग्यो प्रत्यक्ष और नैनीताल J7 शरीर सूती के साधन हैं जिन्हें सामान्य तथा प्रसाधन की संज्ञा दी जाती है इन सब साधनों के लाभों पर प्रकाश डालते हुए हिरण ऋषि कहते हैं 

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