धूम्रपान के नुकसान से तो हर कोई वाकिफ है, लेकिन इस लत को छोड़ पाने में सभी बेहद लाचार साबित होते हैं। लेकिन ताजा अध्ययन में पता चला है कि योग के जरिए धूम्रपान की लत से छुटकारा पाने में आसानी होती है। प्राण योग के विशेषज्ञ दीपक झा ने बताया कि योग, धूम्रपान छोड़ने का एक समग्र समाधान है। साथ ही दीपक यह भी बताते हैं कि योग केवल धूम्रपान की आदतों से ही लोगों को दूर नहीं रखता बल्कि शरीर पर हुए दुष्प्रभाव को भी दूर कर देता है। धूम्रपान छोड़ने के लिए यूं तो बाजार में तमाम तरह के रासायनिक विकल्प उपलब्ध हैं, लेकिन इनके सहारे धूम्रपान छोड़ना उतना आसान नहीं होता।

सिगरेट के धुएं से निकलने वाला विषाक्त पदार्थ शरीर में प्रवेश कर खून का गाढ़ापन बढ़ा देता है और धीरे-धीरे एक थक्के के रूप में जम जाता है। यह रक्तचाप और हृदय की गति को भी प्रभावित करता है। साथ ही यह धमनियों को संकरा कर अंगों में ऑक्सीजन युक्त रक्त परिसंचरण की मात्रा को कम कर देता है। दीपक झा दावे के साथ कहते हैं, "धूम्रपान के दुष्प्रभावों से बचने के लिए योग एक अच्छा तरीका है। योगासन और श्वसन से संबंधित व्यायाम धूम्रपान के प्रभाव को खत्म करके फेफड़ों की दशा में सुधार लाते हैं। ध्यान और शुद्धि विषाक्त पदार्थो को शरीर से दूर कर कोशिकाओं को उत्साहित करने में मदद करता है।" झा ने कहा, "योग की सहज श्वास तकनीक को प्राणायाम कहते हैं। प्राणायाम से शरीर पूरी तरह से चुस्त रहता है, साथ ही तनाव और चिंता दूर होती है और आत्मविश्वास भी बढ़ता है।" दीपक के अनुसार, निम्नलिखित योगासनों और प्राणायाम से धूम्रपान की लत से छुटकारा पाने में मदद मिलती है। योगासन : सर्वागासन (शोल्डर स्टैंड), सेतु बंधासन (ब्रिज मुद्रा), भुजंगासन (कोबरा पोज), शिशुआसन (बाल पोज)। प्राणायाम : सहज प्राणायाम, भसीदा प्राणायाम, नाड़ी शोधन प्राणायाम (नोस्ट्रिल ब्रीदिंग तकनीक)। उल्लेखनीय है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक दुनियाभर में हर साल लगभग 54 लाख लोगों की तंबाकू के इस्तेमाल की वजह से मौत हो जाती है। औसतन हर छह सेकेंड में एक व्यक्ति की मौत हो रही है जिसमें लगभग हर दसवां व्यक्ति वयस्क होता है।

 

 

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