विपरीत करनी आसन से पाइये मां बनने का सुख

वे महिलाएं जिन्‍हें स्‍ट्रेस की वजह से बच्‍चा नहीं हो पा रहा है, उनके लिये विपरीत करनी मुद्रा बहुत ही फायदेमंद है। विपरीत करनी योग मुद्रा करने से मानसिक तनाव दूर होता है। इस करने में मन को शांति और मन स्‍थ‍िर हो जाता है। इस योग मुद्रा को करते समय मन को शांत रखें और चाहें तो हल्‍का सा म्‍यूजिक चला लें। यह मुद्रा करने से शरीर का हार्मोन प्राकृतिक रूप से बैलेंस होता है। इसके अलावा भी पैरों में थकान एवं दर्द की स्थिति में इस योग से लाभ होता है। यह आसन रक्त संचार को सुचारू बनाता है। अनिद्रा सम्बनधी रोग में इस आसन का अभ्यास लाभकारी होता है। गर्दन और कंधों में मौजूद तनाव को दूर करने के लिए भी यह व

खाना खाने के बाद वज्रासन करने के फायदे वजन कम करने में

पेट कम करने का सबसे अच्‍छा उपाय वज्रासन करना हो सकता है। प्रतिदिन खाना खाने के बाद वज्रासन करने से यह शरीर में पोषक तत्वों को बेहतर तरीके से अवशोषित करता है। जिससे मेटाबोलिक रेट बढ़ने लगता है और इसकी वजह से शरीर में कैलोरी तेजी से नष्ट होती है। जिससे व्यक्ति की टमी भी फ्लैट रहती है।


 
 

भोजन के बाद वज्रासन करने के फायदे पाचन में

नियमित रूप से खाना खाने के बाद वज्रासन योग करना आपकी पाचन क्रिया में सुधार कर सकता है। आप जब इस योग को करते है तो पाचन अंगों की वैस्कुलेरिटी यानी ब्लड फ्लो बढ़ता है। यदि आप अपच या कब्ज आदि की समस्या से परेशान है तो रूप से इस योग को करें, इससे आपको राहत मिलेगी।

​​कर्मण्येवाधिकारस्ते मां फलेषु कदाचन’ अर्थात कर्म योग

श्रीमद्भगवद्​गीता में योग शब्द का प्रयोग  व्यापक रूप में हुआ है | गीता के प्रत्येक अध्याय के नाम के साथ योग शब्द लगाया गया है जैसे ‘अर्जुन विषाद योग, सांख्य योग, कर्म योग, ज्ञान कर्म सन्यास योग आदि। एक विद्वान् के अनुसार गीता में इस शब्द उपयोग एक उद्देश्य़ से किया गया है। उन का कहना है कि जिस काल में गीता कही गयी थी, उस समय कर्म का अर्थ प्रायः यज्ञादि जैसे अनुष्ठानों के सन्दर्भ में किया जाता था। इसलिए गीता में कर्म के साथ योग शब्द जोड़ कर इसे अनुष्ठानों से अलग कर दिया। इस योग में कर्म को ईश्वर प्राप्ति का एक साधन बताया गया है। गीता में कर्म योग को

सर्वाइकल के लिए योग : मकरासन

मकरासन में मकर का अर्थ है मगरमच्छ। यह आसन सर्वाइकल, स्पॉन्डिलाइटिस, कंधों और पीठ के दर्द के साथ-साथ तनाव को दूर करने में भी सहायक है। इसके साथ ही, इस आसन के और भी बहुत से फायदे हैं।

एक हफ्ते में कितने दिन योगा करना है फायदेमंद? यहां पढ़ें योग से जुड़े कई सवालों के जवाब

योगा संस्कृत के युज शब्द से बना है। इसका अर्थ होता है जोड़ना। यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार और धारण, ध्यान और समाधि के संयोजन से वाह्य जगत से अंतर्मुखी होने की पद्धति है योग। योग करने वाले को योगी कहा जाता है। प्राचीन महर्षियों ने अनुशासित जीवन और निरोगी काया को ध्यान में रखकर योग के बारे में बताया था। आज विश्व के अधिकांश हिस्सों में रोगमुक्त होने और स्वस्थ रहने के लिए लोग योगासनों का निरंतर अभ्यास कर रहे हैं। योग एक विज्ञान है। इसे ठीक तरह से समझे बिना इसका अभ्यास करना नुकसानदेह भी हो सकता है। इसलिए अक्सर इसे विशेषज्ञों की देख-रेख में ही करने की सलाह दी जाती है। जब भी कोई योग शुरू क

ठंड में घेरने वाली उदासी योग से दूर भगाएं

कई लोग बिना ठंड के भी ठंडे हो जाते हैं। फिर इस समय तो वाकई ठंड का मौसम है। दार्शनिकों ने कहा है कि असली मौसम तो मनुष्य के भीतर होता है। बाहर तो केवल नज़ारा है। आइए, इस गहरी बात को जीवन से जोड़कर देखते हैं। मोटे तौर पर हम मनुष्यों के जीवन में तीन मौसम प्रभावी होते हैं और तीनों में हमारी जीवनशैली बदलने लगती है। बाहर से तो अपनी सुविधा से हम मौसम के अनुसार खुद को बदल लेते हैं लेकिन, भीतर हुए बदलाव को नहीं पकड़ पाते और परेशान हो जाते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, योग, शरीर और मन को संतुलित करने का माध्यम है

भारत के विभिन्न हिस्सों में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किये गए जबकि भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र में योग दिवस समारोह में हिस्सा लिया। विदेशों में भारतीय मिशन ने इस संबंध में विशेष कार्यक्रम आयोजित किये।

प्रथम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर देश़ विदेश के लोगों को शुभकामनाएं देते हुए भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि योग, शरीर और मन को संतुलित करने का माध्यम और मानवता, प्रेम, शांति, एकता, सदभाव के भाव को जीवन में उतारने का कार्यक्रम है।

बुजुर्गों के लिए योगासन- भुजंगासन

भुजंगासन करने से बुजुर्गों के शरीर में रक्त प्रवाह सुधरता है और उनकी कमर और कंधों की मसल्स को मजबूती मिलती है। इससे वह काफी ऊर्जावान महसूस करते हैं। इसे करने के लिए जमीन पर पेट के बल लेट जाएं। अब तलवों को रखते हुए एड़ियों को मिलाकर रखें। अब हथेलियों को कंधों के ठीक नीचे रखें और कोहनियों को अपने शरीर के पास रखें। अब गहरी सांस लें और अपनी छाती और सिर को ऊपर की तरफ उठाएं। जितना हो सके अपनी सिर और छाती को पीछे की तरफ खींचे। इसी अवस्था में कुछ सेकेंड रहने की कोशिश करें और फिर सांस छोड़ते हुए आराम से पिछली अवस्था में लौट आएं।

आँखों की रोशनी बढ़ाने के लिए रिलैक्सेशन एक्सरसाइज

आप आँखों का भारीपन और थकान को दूर करने के लिए रिलैक्सेशन एक्सरसाइज को करें। इसे करने के लिए आप सबसे पहले दोनों हाथों को आपस में रगड़ें, इससे आपके हाथ थोड़े गर्म हो जायेंगें। अब हाथों को तुरंत ही अपनी आँखों पर कुछ सेकंड के लिए रखें। फिर हाथों को हटाकर धीरे धीरे ऑंखें खोलें। इस एक्सरसाइज को 2-3 बार करें।

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