Anand
14 March 2021
कोई भी कार्य किया योगाभ्यास प्रारंभ करने से पूर्व सर्वप्रथम परमपिता परमात्मा का स्मरण आवश्यक करना चाहिए योगाभ्यास से प्रारंभ में सौहार्दपूर्ण वातावरण का भी होना आवश्यक है यह वातावरण प्रार्थना श्लोक धुन गीत मंत्र आदि के द्वारा सहायता से उत्पन्न किया जा सकता है अभ्यास की पूर्ण पूर्ण भावना से युक्त होकर जब मंत्रियों प्रार्थना का उच्चारण किया जाता है तो इससे हमारा मन शांत हो जाता है एकाग्रता शक्ति बढ़ती है तथा हमारा मन कुछ भी अच्छा सीखने का ग्रहण करने के लिए तैयार रहता है
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