कोई भी कार्य किया योगाभ्यास प्रारंभ करने से पूर्व सर्वप्रथम परमपिता परमात्मा का स्मरण आवश्यक करना चाहिए योगाभ्यास से प्रारंभ में सौहार्दपूर्ण वातावरण का भी होना आवश्यक है यह वातावरण प्रार्थना श्लोक धुन गीत मंत्र आदि के द्वारा सहायता से उत्पन्न किया जा सकता है अभ्यास की पूर्ण पूर्ण भावना से युक्त होकर जब मंत्रियों प्रार्थना का उच्चारण किया जाता है तो इससे हमारा मन शांत हो जाता है एकाग्रता शक्ति बढ़ती है तथा हमारा मन कुछ भी अच्छा सीखने का ग्रहण करने के लिए तैयार रहता है

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