योग सभी के लिए फायदेमंद है बच्चों के लिए योग करना एक आनंद पूर्ण घटना है छोटे बच्चे मौज मस्ती में योग कर लेते हैं | और उन्हें योग करना बहुत अच्छा लगता है बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए योग जरूर करना चाहिए योग करने से बच्चों का शारीरिक विकास स्वास्थ्य एवं मानसिक विकास अच्छे से होता है योग करने से बच्चे अपनी पढ़ाई में भी अच्छे से ध्यान दे पाते हैं क्योंकि बच्चे छोटी मोटी बीमारियों से भी बचे रहते हैं | योग सिर्फ बड़ों के लिए ही नहीं, बल्कि छोटे बच्चों के लिए भी एक तरह की कला है। ये बच्चे के जीवन में उत्साह तो पैदा करेगा ही, साथ ही उसे फिट भी रखेगा।शारीरिक फिटनेस को महत्व देते हुए ‘द आर्ट ऑफ लिविंग’ से जुड़ीं निधी गुरेजा का कहना है, 'अगर आप सोते हुए बच्चे को ध्यान से देखें, तो उसका अंगूठा और इंडेक्स फिंगर (फोर फिंगर) एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। यह योग में चिन्मुद्रा आसन है। जब बच्चा जन्म लेता है, तो उसके सभी प्राकृतिक हाव-भाव योगासन से जुड़े होते हैं। बड़ों के साथ बच्चों के जीवन में योग का महत्व लाते हुए अगर यह एक चंचल तरीके से आयोजित किया जाए, तो यह बच्चे में दिलचस्पी पैदा कर उसमें एकाग्रता का स्तर बढ़ाने में भी मदद करेगा।"

बच्चों के लिए योग के स्वास्थ्य संबंधित फायदेः

योग बच्चे के अंदर आत्मविशवास बढ़ाने में मदद करता है।

यह स्ट्रेस को कम कर शक्ति को बढ़ाता है।

यह पसीने के रूप में शरीर से टॉक्सिन निकालने में मदद करता है।

यह रक्त प्रवाह के साथ इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाता है।

यह बच्चे के अंदर तीव्रता, ताकत और शरीर में लचक को बनाए रखता है।
बच्चों के लिए योग  आसन

हेप्पी बेबी पोज़ः यह पोज़ मन और शरीर को राहत देते हुए तनाव और थकान को दूर करने में मदद करता है। यह पेड़ू-जांघ के जोड़ के साथ रीढ़ की हड्डी में भी लचक पैदा करता है।

स्नेक पोज़ः यह पोज़ रीढ़ की हड्डी समेत पैर, हाथ, छाती, कंधे और पेट पर खिंचाव देते हुए उन्हें मजबूत बनाता है।

बटरफ्लाई पोज़ः यह पोज़ शरीर और मन को शांत कर तनाव और थकान को दूर करता है। बच्चे के कूल्हों और टखनों पर खिंचाव लाने के लिए यह काफी अच्छा है।

ऊपर की ओर मुंह करते हुए डॉग पोज़ः यह पोज़ बच्चे की रीढ़ की हड्डी को मजबूत कर उसमें खिंचाव पैदा करता है। अस्थमा जैसी बीमारी को शांत कर स्ट्रेस लेवल को भी कम करता है।

ट्री पोज़ः यह पोज़ थाइज, पिण्डली, पैर और टखनों में खिंचाव लाते हुए शरीर का संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। इसके अलावा यह बच्चे में एकाग्रता भी विकसित करता है।

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योग के फायदे किसी से छिपे नहीं हैं। योग से होने वाले लाभों से लोगों को अवगत कराने के लिए जून के महीने में योगा दिवस भी मनाया जाता है। इतना ही नहीं, पिछले कुछ सालों में लोगों के बीच योग का क्रेज भी काफी बढ़ा है। लेकिन अगर आप सोचते हैं कि इसके फायदे सिर्फ व्यस्क लोगों तक ही सीमित हैं तो आप गलत हैं। सात−आठ साल से अधिक उम्र के बच्चे बेझिझक कई प्रकार के योगासन कर सकते हैं और इसका लाभ उठा सकते हैं। 

योगाभ्यास लड़कियों के लिए भी बेहद लाभकारी माना गया है। इसका अभ्यास करने से उन्हें आगे चलकर मासिक धर्म के दौरान दर्द का अनुभव कम होता है। साथ ही उन्हें मासिक धर्म में अनियमितता या हैवी ब्लीडिंग जैसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता। इसके अतिरिक्त योगाभ्यास लड़कियों के पिट्यूटरी व पाइनल फंक्शन को नियंत्रित करता है, जिसके कारण उनका व्यवहार भी बेहतर होता है।

भले ही योगाभ्यास बच्चों के लिए फायदेमंद हो लेकिन शुरूआती दौर में, बच्चों को कुछ ही योगासनों का अभ्यास करना चाहिए। जैसे ताड़ासन, वीरासन, पश्चिमोत्तानासन, त्रिकोणासन, वृक्षासन, पादहस्तासन, प्रणायाम, सूर्य नमस्कार आदि। यह सभी आसन बच्चों के समग्र विकास में सहायक होते हैं। वहीं जब आप योग करने के अभ्यस्त हो जाएं तो आप अन्य सभी योगासनों का भी अभ्यास कर सकते हैं। 

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