गैस बनने वाली परेशानी को दूर करे ये योग आसान

सान हम आपको बताने वाले हैं, उससे आपको गैस तथा एसीडिटी दोनों से राहत मिलेगी। एक बात जिसका आपको खास ख्‍याल रखना है, वह ये कि योगा करने से पहले पानी बिल्‍कुल भी ना पियें। इस योगा से आपके पेट पर गहरा असर पडे़गा। इन नीचे दिये योग आसन को रोजाना सुबह के समय करें, जिससे आपको कभी पेट में गैस की समस्‍या ना झेलनी पडे़

अष्टांगयोग क्या है

अष्टांग योग महर्षि पतंजलि के अनुसार चित्तवृत्ति के निरोध का नाम योग है (योगश्चितवृत्तिनिरोध:)। इसकी स्थिति और सिद्धि के निमित्त कतिपय उपाय आवश्यक होते हैं जिन्हें 'अंग' कहते हैं और जो संख्या में आठ माने जाते हैं।

अष्टांग योग के अंतर्गत प्रथम पांच अंग (यम, नियम, आसन, प्राणायाम तथा प्रत्याहार)

  • यम,
  • नियम,
  • आसन,
  • प्राणायाम तथा
  • प्रत्याहार

'बहिरंग' और

शेष तीन अंग (धारणा, ध्यान, समाधि) 'अंतरंग' नाम से प्रसिद्ध हैं।

ਅਸ਼ਟੰਗ ਯੋਗ ਕੀ ਹੈ?

ਅਸ਼ਟੰਗ ਯੋਗਾ ਮਹਾਂਰਿਸ਼ੀ ਪਤੰਜਲੀ ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ, ਚਿਤਾਵ੍ਰਿਤੀ ਦੀ ਰੋਕਥਾਮ ਦਾ ਨਾਮ ਯੋਗਾ (ਯੋਗਸੰਤਵਰਤੀ) ਹੈ. ਇਸਦੀ ਸਥਿਤੀ ਅਤੇ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਲਈ ਕੁਝ ਉਪਾਅ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹਨ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ 'ਅੰਗਸ' ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਗਿਣਤੀ ਵਿਚ ਅੱਠ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ.

ਅਸ਼ਟੰਗ ਯੋਗ ਦੇ ਤਹਿਤ ਪਹਿਲੇ ਪੰਜ ਅੰਗ (ਯਾਮ, ਨਿਯਮ, ਆਸਣ, ਪ੍ਰਾਣਾਯਾਮ ਅਤੇ ਪ੍ਰਤਿਹਾਰਾ)।

ਯਾਮਾ,
ਨਿਯਮ,
ਆਸਣ,
ਪ੍ਰਾਣਾਯਾਮ ਅਤੇ
ਕdraਵਾਉਣਾ
'ਬਾਹਰ' ਅਤੇ

ਬਾਕੀ ਤਿੰਨ ਅੰਗ (ਧਾਰਣਾ, ਧਿਆਨ, ਸਮਾਧੀ) ‘ਨੇੜਤਾ’ ਨਾਮ ਨਾਲ ਮਸ਼ਹੂਰ ਹਨ।

इन योगासनों के नियमित अभ्यास से रुकता है बालों का असमय सफेद होना

बालों का असमय सफेद होना अव्यवस्थित दिनचर्या की निशानी है. जब बाल सफेद होने लगते हैं तो फिर लोग उन्हें काला करने के लिए अलग-अलग केमिकल्स का इस्तेमाल करते हैं जो त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं.
अगर आप भी इस समस्या से गुजर रहे हैं तो इन आसान योगासनोंं से आप अपने बालों को सफेद होने से बचा सकते हैं.

शीर्षासन 
शीर्षासन से होने वाले लाभ अनेक है. इसके नियमित अभ्यास से शरीर भी मजबूत बनता है और पेट संबंधित रोग नहीं होते.

बालों के लिए यह आसान सबसे लाभदायक होता है.

ਇਨ੍ਹਾਂ ਯੋਗਾਸਨਾਂ ਦਾ ਨਿਯਮਿਤ ਅਭਿਆਸ ਸਮੇਂ ਦੇ ਚਿੱਟੇ ਵਾਲਾਂ ਨੂੰ ਰੋਕਦਾ ਹੈ

ਅਚਾਨਕ ਚਿੱਟੇ ਵਾਲ ਗੜਬੜੀ ਵਾਲੇ ਰੁਟੀਨ ਦਾ ਸੰਕੇਤ ਹਨ. ਜਦੋਂ ਵਾਲ ਚਿੱਟੇ ਹੋਣੇ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ, ਤਦ ਲੋਕ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਕਾਲਾ ਕਰਨ ਲਈ ਵੱਖੋ ਵੱਖਰੇ ਰਸਾਇਣਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਜੋ ਚਮੜੀ ਨੂੰ ਨੁਕਸਾਨ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦੇ ਹਨ.
ਜੇ ਤੁਸੀਂ ਵੀ ਇਸ ਸਮੱਸਿਆ ਵਿਚੋਂ ਗੁਜ਼ਰ ਰਹੇ ਹੋ, ਤਾਂ ਇਨ੍ਹਾਂ ਆਸਾਨ ਯੋਗਾਂ ਦੀ ਮਦਦ ਨਾਲ ਤੁਸੀਂ ਆਪਣੇ ਵਾਲਾਂ ਨੂੰ ਚਿੱਟੇ ਹੋਣ ਤੋਂ ਬਚਾ ਸਕਦੇ ਹੋ.

ਹੈੱਡਸਟੈਂਡ
ਹੈੱਡਸਟੈਂਡ ਤੋਂ ਲਾਭ ਬਹੁਤ ਹਨ. ਇਸ ਦੇ ਨਿਯਮਤ ਅਭਿਆਸ ਨਾਲ, ਸਰੀਰ ਵੀ ਮਜ਼ਬੂਤ ​​ਬਣ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਪੇਟ ਨਾਲ ਸਬੰਧਤ ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ.

ਇਹ ਸਧਾਰਨ ਵਾਲਾਂ ਲਈ ਸਭ ਤੋਂ ਫਾਇਦੇਮੰਦ ਹੁੰਦਾ ਹੈ.

मन और भावनाओं पर योग

जीवन में सकारात्मक विचारों का होना बहुत आवश्यक है. निराशात्मक विचार असफलता की ओर ले जाता है. योग से मन में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है. योग से आत्मिक बल प्राप्त होता है और मन से चिंता, विरोधाभास एवं निराशा की भावना दूर हो जाती है. मन को आत्मिक शांति एवं आराम मिलता है जिससे मन में प्रसन्नता एवं उत्साह का संचार होता है. इसका सीधा असर व्यक्तित्व एवं सेहत पर होता है.

रोज सुबह करें ये 5 योगासन, दिनभर रहेंगे तरोताजा

योग एक ऐसी प्रकिया है जिसमें शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने का काम होता है। योग के जरिए आपके शरीर और मस्तिष्‍क का मिलन होता है। योग तनाव कम करने से लेकर बीमारियों को कंट्रोल करने और वजन घटाने से लेकर तुरंत ऊर्जा प्रदान करने में सहायक होता है। योग की सरल मुद्राएं आपको व्‍यायाम के तनाव से बचने और तुरंत एनर्जी देने में मदद करती हैं। योग आपको अपने किसी भी काम में सफलता हासिल करने में मदद करता है क्‍योंकि इसके आप आसानी से अपने विचारों पर ध्‍यान लगा सकते हैं।

बालासन

योगाभ्यास के लाभ

योगाभ्यास के बहुत सारे लाभ है नियमित रूप से योग करने से हमारे शरीर की लचक बनी रहती है , और योग के अलग-अलग आसन का प्रभाव शरीर के अलग-अलग अंगों पर पड़ता है | अतः प्रातः काल प्रतिदिन योग करने से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है शरीर के स्वस्थ रहने से विचार करने की क्षमता एवं मन भी प्रसन्न रहता है विद्यार्थियों के लिए तो योग करना अत्यंत आवश्यक है योग करने से विद्यार्थियों की एकाग्रता भी बढ़ती है जो लोग कहीं नौकरी करती हैं या दिनभर एक ही जगह पर बैठे रहते हैं और कोई व्यायाम नहीं कर पाती हैं ऐसे लोग प्रातः काल या जब भी उचित समय मिले नियमित रूप से योगाभ्यास के माध्यम से अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं |

क्या है प्राण ऊर्जा योग

शरीर के समस्त क्रियाकलापों व गतिविधियों का आधार प्राणशक्ति है, जिसे जीवनी शक्ति भी कहा जाता है। यह सारे शरीर को संचालित कर स्वस्थ बनाए रखती है। योग की मान्यता है कि शरीर में अगर प्राण ऊर्जा ठीक प्रकार से प्रवाहित होती रहे, तो शरीर स्वस्थ बना रहता है और यदि प्राण ऊर्जा के प्रवाह में बाधा आ जाए, तो शरीर रोगी हो जाता है।

हाई बीपी के मरीजों के लिए शवासन उपयोगी

शवासन में सांस पर नियंत्रण रखकर शरीर को निर्जीव अवस्था में छोड़ा जाता है। इस अभ्यास में हम इंद्रियों व मन को बाहर के विषयों से हटाते हैं और शरीर व मन को ऊर्जा से भर देते हैं। इस आसन का अभ्यास कोई भी व्यक्ति कर सकता है। हाई ब्लड प्रेशर के रोगी लगातार इस आसन को करें तो बीपी कंट्रोल किया जा सकता है। 

फायदे 
इस अभ्यास को करने से मानसिक तनाव, थकान दूर होकर नई ऊर्जा का संचार होता है। इससे सिरदर्द, अनिद्रा और अवसाद की समस्या नहीं रहती।

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