अस्थमा फेंफड़ों से संबंधित बीमारी है। अस्थामा में छाती और गला संवेदनशील रहता है। अस्थामा का मरीज, धूल, धुवां या ज्यादा कोल्ड वातावरण बर्दाश्त नहीं कर सकता। जहां ज्यादा ऑक्सिजन नहीं है वहां रहने में भी उसे तकलीफ होती है। योग से अस्थमा से छुटकारा पाया जा सकता है। अस्थमा अनुभव निम्न लक्षणों में से एक या एक से अधिक के साथ अधिकांश लोगों को  हो सकता है

  • खाँसी. अस्थमा से खाँसी अक्सर रात या सुबह में भी बदतर है, यह सोने के लिए मुश्किल बना. कभी कभी खाँसी अपने ही लक्षण है. कभी कभी खाँसी, बलगम या कफ लाता है.
  • घरघराहट. घरघराहट एक सीटी या चरचरानेवाला ध्वनि जब आप साँस है.
  • सीने में जकड़न. इस तरह कुछ निचोड़ या अपने सीने पर बैठे महसूस कर सकता हूँ.
  • सांस की तकलीफ. कुछ लोगों का कहना है कि वे उनकी सांस पकड़ नहीं सकता है, या वे बेदम लग रहा है, या बाहर सांस की. आप जैसे आप अपने फेफड़ों के पर्याप्त हवा नहीं मिल बाहर कर सकते हैं महसूस हो सकता है.

अस्थामा में जहां आसन लाभदायक हैं वहीं योग क्रियाओं में सूत्रनेती, जलनेती, बंध और मुद्राएं भी जबरदस्त रूप से असरकार सिद्ध हुई है।

योग आसन : आसनों की शुरुआत आप अंगसंचालन से करें। अंग संचालन में अभ्यस्त होने के बाद क्रमश: बैठकर सिद्धासन, वक्रासन, अर्ध मत्येंद्रआसन करें। शवासन में लेटकर पवन मुक्तासन और हलासन करें। मकरासन में लेटकर भुजंगासन और धनुरासन करें। खड़े रहकर पर्वतासन, कटिचक्रासन और फिर चाहें तो सूर्य नमस्कार भी कर सकते हैं, सभी आसनों के विलोम आसन जरूर करें। 

प्राणायम योग : प्राणायम में शुरुआत में अच्छे से अनुलोम-विलोम का अभ्यास करें और फिर इसके बाद किसी योग चिकित्सक से पूछकर कपालभाती और भस्त्रिका प्राणायम का अभ्यास कर सकते हैं।

मुद्रा योग : योग मुद्राओं में तड़ागी, अग्नि, गोरक्ष मन, प्रणाम, हस्तपात और महामुद्रा करना चाहिए।

 

अस्थमा -क्या करें और क्या न करें

ऐसा करें

  • धूल से बचें और धूल -कण अस्थमा से प्रभावित लोगों के लिए एक आम ट्रिगर है |
  • एयरटाइट गद्दे .बॉक्स स्प्रिंग और तकिए के कवर का इस्तेमाल करें ये वे चीजें है जहां पर अक्सर धूल-कण होते है जो अस्थमा को ट्रिगर करते है
  • पालतू जानवरों को हर हफ्ते नहलाएं.इससे आपके घर में गंदगी पर कंट्रोल रहेगा |
  • अस्थमा से प्रभावित बच्चों को उनकी उम्र वाले बच्चों के साथ सामान्य गतिविधियों में भाग लेने दें |
  • अस्थमा के बारे में अपनी और या अपने बच्चे की जानकारी बढाएं इससे इस बीमारी पर अच्छी तरह से कंट्रोल करने की समझ बढेगी |
  • बेड सीट और मनपसंद स्टफड खिलोंनों को हर हफ्ते धोंए वह भी अच्छी क्वालिटीवाल एलर्जक को घटाने वाले डिटर्जेंट के साथ |
  • सख्त सतह वाले कारपेंट अपनाए |
  • एलर्जी की जांच कराएं इसकी मदद से आप अपने अस्थमा ट्रिगर्स मूल कारण की पहचान कर सकते है |
  • किसी तरह की तकलीफ होने पर या आपकी दवाइयों के आप पर बेअसर होने पर अपने हमसे संर्पक करें |

ऐसा न करें

  • यदि आपके घर में पालतू जानवर है तो उसे अपने विस्तर पर या बेडरूम में न आने दें |
  • पंखोंवाले तकिए का इस्तेमाल न करें |
  • घर में या अस्थमा से प्रभावित लोगों के आस -पास धूम्रपान न करें संभव हो तो धूम्रपान ही करना बंद कर दें क्योंकि अस्थमा से प्रभावित कुछ लोगों को कपडों पर धुएं की महक से ही अटैक आ सकता है |
  • मोल्ड की संभावना वाली जगहों जैसे गार्डन या पत्तियों के ढेरों में काम न करें और न ही खेलें |
  • दोपहर के वक्त जब परागकणों की संख्या बढ जाती है बाहर न ही काम करें और न ही खेलें |
  • अस्थमा से प्रभावित व्यक्ति से किसी तरह का अलग व्यवहार न करें |
  • अस्थमा का अटैक आने पर न घबराएं.इससे प्रॉब्लम और भी बढ जाएगी. ये बात उन माता-पिता को ध्यान देने वाली है जिनके बच्चों को अस्थमा है अस्थमा अटैक के दौरान बच्चों को आपकी प्रतिक्रिया का असर पडता है यदि आप ही घबरा जाएंगे तो आपको देख उनकी भी घबराहट और भी बढ सकती है |

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अस्थमा से मुक्ति