Anand
1 April 2022
कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि योग में एंटी-डिप्रेंटेंट प्रभाव होते हैं। योग का यह प्रभाव अवसाद के लक्षणों को कम कर सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह शरीर में मौजूद कार्टिसोल नामक हार्मोन के स्तर को कम करने मे सक्षम है। कोर्टिसोल एक तनाव हार्मोन है जो सेरोटोनिन के स्तर को प्रभावित करता है। एक अध्ययन मे अधिक मात्रा में शराब पीने वाले लोगों ने सुदर्शन क्रिया का अभ्यास किया। लगभग 2 सप्ताह के बाद उन व्यक्तियों में अवसाद और कोर्टिसोल के निचले स्तर के कम लक्षण पाए गए। इस तरह से आप भी अपने शरीर को स्वस्थ्य रखने के साथ ही अवसाद को दूर करने के लिए योग अभ्यास कर सकते हैं।
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