अपने दैनिक जीवन के सामान्य कामकाज को निपटाते वक्त क्या आपके घुटनों, कन्धों या कलाई में दर्द होता है? क्या आप इन जोड़ों के दर्द के कारण अपने अपनी इच्छानुसार जीवन जीने के आनंद से वंचित है? क्या आप दिन में कई कई बार दर्द निवारक दवाओं के सेवन से परेशान है?
अगर इन प्रश्नों का उत्तर “हाँ” है, तो निश्चित रूप से आप इस दर्द से अत्यंत दुखी है और इससे मुक्त होना चाहते हैं. बढती उम्र के साथ जोड़ों के दर्द होने की सम्भावनाये बढ़ने लगती है. शरीर में हड्डियों का कमजोर होना, उचित व्यायाम और भोजन में आवश्यक पोषक तत्वों के अभाव से जोड़ों के रोग प्रकट होने लगते है व बढ़ने लगते है. हालाँकि दवाओं के उपयोग से इस दर्द से सामयिक लाभ मिलता है पर इसका प्रामाणिक वैकल्पिक उपचार योग में उपलब्ध है जिसके अभ्यास से दर्द मुक्ति में शीघ्र लाभ होता है. योग एक प्राचीन भारतीय तकनीक है जो दर्द को जड़ से उखाड़कर शरीर को रोगमुक्त करती है. योग शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार कर मन को विश्रांति प्रदान करता है.
जोड़ों के उपचार व उन्हें शक्तिशाली बनाने के लिए निम्न योगासन उपयोगी है:


वीर-भद्रासन (Veerbhadrasana) (Warrior pose)

यह आसन घुटनों को सुदृढ़ बनाता है तथा जकड़े हुए कन्धों को सक्रिय करने में सहायक है. यह कन्धों से तनाव मिटा कर शरीर को संतुलन प्रदान करता है.

धनुरासन(Dhanurasana) (Bow pose)

धनुरासन बंध कंधो को खोलता है. यह पीठ को लचीला बनाता है. तथा शरीर से तनाव व जड़ता को दूर करता है.

सेतु-बंध आसन (Setu Bandhasana) (Bridge pose)

यह आसन घुटनों की मांसपेशियों को मजबूत करता है तथा ऑस्टियोपोरोसिस
(अस्थि सुषिरता) रोग में भी लाभकारी है. यह मस्तिष्क को शांत करता है. रोगी को चिन्ता से मुक्त कर शरीर के तनाव को कम करता है.

त्रिकोणासन (Trikonasana) (Triangle pose)

त्रिकोणासन हमारी टांगों , घुटनों व टखनों को मजबूत करने में लाभकारी है. यह सायटिका व कमर-दर्द में भी राहत प्रदान करता है. यह घुटनों की नस, कमर, जंघा की संधि व नितम्ब में खिंचाव उत्पन्न कर उनको गतिशीलता प्रदान करता है.

उस्ट्रासन (Ustrasana) (Camel pose)

यह कंधो व पीठ को मजबूती प्रदान करने वाला एक प्रभावशाली आसन है. इससे रीढ़ की हड्डी के लोच में वृद्धि होती है. शारीरिक मुद्रा में सुधार होता है तथा कमर के अधोभाग का दर्द को घटता है.

मकर अधोमुख श्वानासन (Makara Adho Mukha Svanasana) (Dolphin Plank pose)

यह आसन कंधो व घुटने की नसों में खिंचाव पैदा करता है. यह कलाई , भुजाओ व टांगों को मजबूत करता है, कमर दर्द में लाभकारी है तथा शारीरिक जड़ता को समाप्त करता है. यह आसन औस्टोपोरोसिस रोग से बचाव में भी सहायक है.
आवश्यक सावधानियां:

योगासन से जोड़ों का दर्द बढे नहीं, इसके लिए अभ्यास के दौरान शरीर को सहारा देने वाली वस्तुओं, तकियों व अन्य उपकरणों की सहायता लें. अपनी शारीरिक क्षमता से अधिक जोर न दें. अगर दर्द बढ़ जाता है तो तुरंत योगाभ्यास बंद कर दें व चिकित्सक से परामर्श करें.
पीड़ा मुक्त रहने के कुछ खास नुस्ख़े:
१. हर एक घंटे बाद अपनी टेबल से उठें व कुछ क्षण के लिए अपने शरीर का खिंचाव करे |
२. बैठे हुए व खड़े रहते समय शरीर को सही मुद्रा में रखें. शरीर सीधा व संतुलित हो आगे या पीछे की ओर झुका हुआ न हो |
३. अपने जोड़ों पर अधिक जोर न दें |
४. स्वस्थ आहार लें |
५. व्ययाम द्वारा अपनी मांसपेशियों को सशक्त रखें |

स्वास्थ्य प्रद आहार :

जोड़ तकनीक रूप से शरीर में उपस्थित हड्डियों के संधि स्थल है जिनकी
सहायता शरीर के विभिन्न अंगो का मुड़ना, घूमना, झुकना, विसर्पण करना आदि क्रियाएँ संपन्न होती है. इन संधियों को स्वस्थ व मजबूत बनाये रखना इतना कठिन नहीं है जैसा हम समझते है. इसके लिए हमें सबसे पहले अपने आहार में सुधार करना होगा. विशेषज्ञों के अनुसार जलन व उतेजना पैदा करने वाले भोजन जैसे चीनी व ग्लूटेन प्रधान भोज्य पदार्थों का सेवन कम से कम करना चाहिए. हरी व पतेदार सब्जियां व फल लाभकारी होते है. अपनी जीवन चर्या में आयुर्वेद को अपनाकर भी हम इसकी पीड़ा कम कर सकते हैं.
योग, स्वस्थ जीवन के लिए एक प्राकृतिक व दोष रहित पद्धति है. इसके नियमित अभ्यास से व्यक्ति शारीरिक व मानसिक रूप से तन्दुरस्त रहता है. यह शरीर को ओजवान बनाता है और जीवन में गुणात्मक सुधार लाता है. योग का प्रभाव शनै: शनै: होता है अत: इसे हड़बड़ी में छोड़े नहीं. नियम पूर्वक अपने शरीर को योग का उपहार दीजिये और सभी प्रकार की पीडाओं से सदैव के लिए मुक्ति पाइए।ॐ

url

Article Category

Image
हाथ के जोड़ों का दर्द, जोड़ों का दर्द के कारण, जोड़ों के दर्द की दवा, घुटनों के दर्द का योगासन, किस+विटामिन+की+कमी+से+जोड़ों+में+दर्द+होता+है, जोड़ों में दर्द व सूजन, घुटने का दर्द, जॉइंट पैन Tablet