सूर्य मुद्रा

सूर्य मुद्रा -सर्वप्रथम वज्रासन / पद्मासन या सुखासन में बैठ जाइए।
अब अनामिका उंगली को अंगूठे की जड़ में स्पर्श कीजिए एवं अंगूठे से उसके प्रथम पोर को दवाते हुए बाकी तीन उंगलियाँ सीधी रखिए।
हाथों को घुटनो पर रखिए हथेलियों को आकाश की तरफ रखेंगे।
आँखे बंद रखते हुए श्वांस सामान्य बनाएँगे।
अपने मन को अपनी श्वांस गति पर केंद्रित रखिए।

सूर्य मुद्रा करने की लाभ-

  1. शरीर का वजन कम कर मोटापे से छुटकारा दिलाती है।
  2. मानसिक तनाव में लाभप्रद।
  3. पाचन क्रिया को स्वस्थ करती है।
  4. मन को शांत करती है।
  5. शरीर में ऊर्जा का स्तर बड़ाती है।

सूर्य मुद्रा करने की विधि :

  1. सिद्धासन,पदमासन या सुखासन में बैठ जाएँ |
  2. दोनों हाँथ घुटनों पर रख लें हथेलियाँ उपर की तरफ रहें |
  3. अनामिका अंगुली (रिंग फिंगर) को मोडकर अंगूठे की जड़ में लगा लें एवं उपर से अंगूठे से दबा लें |
  4. बाकि की तीनों अंगुली सीधी रखें |

सूर्य मुद्रा करने की सावधानियां : .

  1. अधिक कमजोरी की अवस्था में सूर्य मुद्रा नही करनी चाहिए |
  2. . सूर्य मुद्रा करने से शरीर में गर्मी बढ़ती है अतः गर्मियों में मुद्रा करने से पहले एक गिलास पानी पी लेना चाहिए |

सूर्य मुद्रा करने का समय व अवधि :

  • प्रातः सूर्योदय के समय स्नान आदि से निवृत्त होकर इस मुद्रा को करना अधिक लाभदायक होता है |
  • सांयकाल सूर्यास्त से पूर्व कर सकते हैं |
  • सूर्य मुद्रा को प्रारंभ में 8 मिनट से प्रारंभ करके 24 मिनट तक किया जा सकता है |

सूर्य मुद्रा करने की चिकित्सकीय लाभ :

  1. सूर्य मुद्रा को दिन में दो बार 16-16 मिनट करने से कोलेस्ट्राल घटता है |
  2. अनामिका अंगुली पृथ्वी एवं अंगूठा अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करता है , इन तत्वों के मिलन से शरीर में तुरंत उर्जा उत्पन्न हो जाती है |
  3. सूर्य मुद्रा के अभ्यास से मोटापा दूर होता है | शरीर की सूजन दूर करने में भी यह मुद्रा लाभकारी है |
  4. सूर्य मुद्रा करने से पेट के रोग नष्ट हो जाते हैं |
  5. इस मुद्रा के अभ्यास से मानसिक तनाव दूर हो जाता है |
  6. इसके अभ्यास से प्रसव उपरांत का मोटापा नष्ट होकर शरीर पहले जैसा बन जाता है |

सूर्य मुद्रा करने की आध्यात्मिक लाभ :

  • सूर्य मुद्रा के अभ्यास से व्यक्ति में अंतर्ज्ञान जाग्रत होता है |

Comments

  • इसे सूरज की मुद्रा के रूप में भी जाना जाता है। इससे शरीर के तापमान को बनाये रखने और दृष्टि को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। इसके कुछ अन्य फायदे निम्नलिखित हैं:
  • यह शरीर में ताप उत्पन्न करता है। इसलिये अगर आपको ठंड के मौसम में सर्दी लग रही हो, तो इस मुद्रा को अपनायें।
  • आपके शरीर में मेटाबॉलिज्म को बढ़ाती है।
  • आपके शरीर में पाचन में मदद करती है।
  • आपकी बॉडी में फैट कंटेंट को घटाती है।