सुखासन, सिद्धासन, पद्मासन, वज्रासन में बैठें। हमारे मुँह का " ० " आकार करके उससे जीव्हा को बाहर निकालना, हमरी जीव्हा भी " ० " आकार की हो जायेगी, उसी भाग से हवा अन्दर खीचनी है। और मुँह बन्द करके से साँस को नाक से बाहर छोड़ दे। लाभ url प्राणायाम 65 views Book traversal links for चंदभेदी प्राणायाम ← कपालभाति प्राणायाम ⤊ Up प्रणव प्राणायाम →