आज के आधुनिक जीवनशैली के कारण लोगों को कई तरह की बीमारियाँ, जैसे- डाइबीटिज, हाई ब्लड-प्रेशर, हर्ट डिजीज आदि हो रहे हैं जिसके कारण किडनी के ऊपर बहुत बूरा प्रभाव पड़ रहा है। इसलिए किडनी की बीमारी आज तेजी से बढ़ रही हैं। इस रोग का पता पहले अवस्था में ही नहीं चलता है, इसलिए किडनी को स्वस्थ रखना बहुत ज़रूरी हो जाता है।गुर्दे( Kidney) को नुकसान में कई चरणो में वर्गीकृत किया जाता है। योग केवल प्रारंभिक चरण मे मददगार होना पाया जाता है।
     प्राणायाम और ध्यान दोनों गुर्दे के कई विकारो में काबू पाने में मददगार और महत्वपूर्ण व्यवहार कर रहे हैं। इसके अलावा  ऊतकों को ऑक्सीजन की आपूर्ति में सुधार और शरीर के सुरक्षा तंत्र में सुधार के लिए उपयोगी है।
     यह आसनो से गुर्दे( Kidney)  विकारो के संबंधित खिलाफ लड़ने के लिए सक्षम बनाता है। गुर्दे के functionings में सुधार लाने में बहुत मददगार पाए जाते है। प्रमुख आसनो में पश्चिमोत्तमसाना(Paschimottamasana),बद्धकोणासन( Baddha konasana),उपविस्ताकोनासन(Upavishta konasana) और अर्ध मत्स्येन्द्रासन( Ardh matsyendrasana) शामिल है। ये सभी योग मुद्राओ एक अनुभवी योग गुरु या एक Naturopathist से अभ्यास किया जाए।

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गुर्दे की समस्यायों लिए करें योग