સુત બંધકોણાસન

सुप्त बद्धकोणासन करने की विधि 

  • शवासन की मुद्रा में पीठ के बल लेट जाएं.
  • बांहों को शरीर के दोनों तरफ पैर की दिशा में फैलाकर रखें. इस स्थिति में हथेलियां छत की दिशा में रहनी चाहिए.
  • घुटनो को मोड़ें और तलवों को ज़मीन से लगाकर रखें.
  • दोनों तलवों को नमस्कार की मुद्रा में एक दूसरे के करीब लाकर ज़मीन से लगाएं.
  • जितना संभव हो ऐड़ियों को जंघा की ओर करीब लाएं.
  • इस मुद्रा में 30 सेकेण्ड से 1 मिनट तक बने रहें.
  • हाथों से दोनो जंघा को दबाएं और धीर धीरे सामान्य स्थिति में लौट आएं.

सुप्त बद्धकोणासन करने की लाभ 

  1. हिप्स एवं पेडु में मौजूद तनाव को दूर करने के लिए यह उत्तम व्यायाम होता है.
  2. इस आसन से जंघाओं को रिलैक्स मिलता है.
  3. पैरो में दर्द एवं थकान की स्थिति में इस आसन का अभ्यास लाभप्रद होता है. 

सुप्त बद्धकोणासन करने की सावधानी

  1. सुप्त बद्धकोणासन का अभ्यास करते समय कुछ सावधानियों का भी ख्याल रखना चाहिए.
  2. घुटनों में तकलीफ होने पर आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए.
  3. हिप्स एवं कमर में परेशानी की स्थिति में भी इस आसन का अभ्यास उचित नहीं होता है.

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Anand Tue, 30/Mar/2021 - 10:27

उत्तम व्यायाम...इस आसन से जंघाओं को रिलैक्स एवं हिप्स-पेडु में मौजूद तनाव को दूर होता है

Yogasan for page

સુત બંધકોણાસન

સુત બંધકોણાસન

સુપ્ત बद्धकोणसन की विधि

શવાસનની મુદ્રામાં पीठના બલ લેટ જાઓ. આ સ્થિતિમાં હથેલની છતની દિશા જોઈએ.ઘુતનો કો મોડ અને તલવો કો ज़मीन से लगाकर रखें.દોણો તલવોને નમસ્કારની મુદ્રામાં એક બીજા નજીકના લાકર ज़मीन से देखे। મુદ્રામાં 30 સેકન્ડથી 1 મિનિટ સુધી બની ગયાં.હાથों से दो जंघा को दबाएं और धीर धीरे सामान्य स्थिति में आएं.

સુપ્ત બાંધકોણાસન કરવાની લાભ

હિપ્સ અને પેડુમાં તણાવ દૂર કરવા માટે આ શ્રેષ્ઠ કસરત હતી.

सुप्त बद्धकोणासन की सावधानी

સુપ્ત बद्धकोणासन का अभ्यास करते समय कुछ सावधानियों का भी ख्याल रखना चाहिए। ઘુટણમાં ક્યાંકલીફ થવા પર આસનનો અભ્યાસ ન કરવો જોઈએ.

 


सुप्त बद्धकोणासन करने की विधि 

  • शवासन की मुद्रा में पीठ के बल लेट जाएं.
  • बांहों को शरीर के दोनों तरफ पैर की दिशा में फैलाकर रखें. इस स्थिति में हथेलियां छत की दिशा में रहनी चाहिए.
  • घुटनो को मोड़ें और तलवों को ज़मीन से लगाकर रखें.
  • दोनों तलवों को नमस्कार की मुद्रा में एक दूसरे के करीब लाकर ज़मीन से लगाएं.
  • जितना संभव हो ऐड़ियों को जंघा की ओर करीब लाएं.
  • इस मुद्रा में 30 सेकेण्ड से 1 मिनट तक बने रहें.
  • हाथों से दोनो जंघा को दबाएं और धीर धीरे सामान्य स्थिति में लौट आएं.

सुप्त बद्धकोणासन करने की लाभ 

  1. हिप्स एवं पेडु में मौजूद तनाव को दूर करने के लिए यह उत्तम व्यायाम होता है.
  2. इस आसन से जंघाओं को रिलैक्स मिलता है.
  3. पैरो में दर्द एवं थकान की स्थिति में इस आसन का अभ्यास लाभप्रद होता है. 

सुप्त बद्धकोणासन करने की सावधानी

  1. सुप्त बद्धकोणासन का अभ्यास करते समय कुछ सावधानियों का भी ख्याल रखना चाहिए.
  2. घुटनों में तकलीफ होने पर आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए.
  3. हिप्स एवं कमर में परेशानी की स्थिति में भी इस आसन का अभ्यास उचित नहीं होता है.

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Anand Tue, 30/Mar/2021 - 10:27

उत्तम व्यायाम...इस आसन से जंघाओं को रिलैक्स एवं हिप्स-पेडु में मौजूद तनाव को दूर होता है

सुप्त बद्धकोणासन

સુત બંધકોણાસન

सुप्त बद्धकोणासन करने की विधि 

  • शवासन की मुद्रा में पीठ के बल लेट जाएं.
  • बांहों को शरीर के दोनों तरफ पैर की दिशा में फैलाकर रखें. इस स्थिति में हथेलियां छत की दिशा में रहनी चाहिए.
  • घुटनो को मोड़ें और तलवों को ज़मीन से लगाकर रखें.
  • दोनों तलवों को नमस्कार की मुद्रा में एक दूसरे के करीब लाकर ज़मीन से लगाएं.
  • जितना संभव हो ऐड़ियों को जंघा की ओर करीब लाएं.
  • इस मुद्रा में 30 सेकेण्ड से 1 मिनट तक बने रहें.
  • हाथों से दोनो जंघा को दबाएं और धीर धीरे सामान्य स्थिति में लौट आएं.

सुप्त बद्धकोणासन करने की लाभ 

  1. हिप्स एवं पेडु में मौजूद तनाव को दूर करने के लिए यह उत्तम व्यायाम होता है.
  2. इस आसन से जंघाओं को रिलैक्स मिलता है.
  3. पैरो में दर्द एवं थकान की स्थिति में इस आसन का अभ्यास लाभप्रद होता है. 

सुप्त बद्धकोणासन करने की सावधानी

  1. सुप्त बद्धकोणासन का अभ्यास करते समय कुछ सावधानियों का भी ख्याल रखना चाहिए.
  2. घुटनों में तकलीफ होने पर आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए.
  3. हिप्स एवं कमर में परेशानी की स्थिति में भी इस आसन का अभ्यास उचित नहीं होता है.

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Anand Tue, 30/Mar/2021 - 10:27

उत्तम व्यायाम...इस आसन से जंघाओं को रिलैक्स एवं हिप्स-पेडु में मौजूद तनाव को दूर होता है

সুপ্তবদ্ধ-কোণাসন

સુત બંધકોણાસન

সুপ্তবদ্ধ-কোণাসন : যোগশাস্ত্রে বর্ণিত আসন বিশেষ। কোণাসনের একটি প্রকরণ বিশেষ। শায়িত অবস্থায় কোণাসন তৈরি করা হয় বলে- এই  আসনের নামকরণ করা হয়েছে সুপ্তবদ্ধ কোণাসন।

পদ্ধতি

  1. ১. প্রথমে সোজা হয়ে কোন সমতল স্থানে শুয়ে পড়ুন।
  2. ২. এবার দুই পায়ের তালু একত্রিত করে,  আপনার যৌনাঙ্গের দিকে  আনুন। প্রথম প্রথম পা যৌনাঙ্গের নিকটবর্তী হতে কষ্টকর হবে। তাই এক্ষেত্রে যতটা পারা যায় ততটা কাছাকাছি  আনুন।
  3. ৩. দুই পায়ের অবস্থান ঠিক করে, দুই হাত মাথার উপরের দিকে নিয়ে যান। এরপর দুই হাতের  আঙুলগুলো পরস্পরের সাথে যুক্ত করে ২০ সেকেণ্ড স্থির হয়ে থাকুন। এই সময় শ্বাস-প্রশ্বাস স্বাভাবিক রাখুন।
  4. ৪. এরপর পা প্রসারিত করে স্বাভাবিক অবস্থানে আসুন।
  5. ৫. এরপর ২০ সেকেণ্ড শবাসনে বিশ্রাম নিন।
  6. ৬. এরপর  আসনটি  আরও দুই বার করুন।

উপকারিতা

  1. ১. উরুদ্বয়ের সবলতা বৃদ্ধি পাবে।
  2. ২. যৌনাঙ্গ সতেজ হবে এবং যৌনক্ষমতা বৃদ্ধি পাবে।
  3. ৩. স্নায়ুতন্ত্র সতেজ হবে।

सुप्त बद्धकोणासन करने की विधि 

  • शवासन की मुद्रा में पीठ के बल लेट जाएं.
  • बांहों को शरीर के दोनों तरफ पैर की दिशा में फैलाकर रखें. इस स्थिति में हथेलियां छत की दिशा में रहनी चाहिए.
  • घुटनो को मोड़ें और तलवों को ज़मीन से लगाकर रखें.
  • दोनों तलवों को नमस्कार की मुद्रा में एक दूसरे के करीब लाकर ज़मीन से लगाएं.
  • जितना संभव हो ऐड़ियों को जंघा की ओर करीब लाएं.
  • इस मुद्रा में 30 सेकेण्ड से 1 मिनट तक बने रहें.
  • हाथों से दोनो जंघा को दबाएं और धीर धीरे सामान्य स्थिति में लौट आएं.

सुप्त बद्धकोणासन करने की लाभ 

  1. हिप्स एवं पेडु में मौजूद तनाव को दूर करने के लिए यह उत्तम व्यायाम होता है.
  2. इस आसन से जंघाओं को रिलैक्स मिलता है.
  3. पैरो में दर्द एवं थकान की स्थिति में इस आसन का अभ्यास लाभप्रद होता है. 

सुप्त बद्धकोणासन करने की सावधानी

  1. सुप्त बद्धकोणासन का अभ्यास करते समय कुछ सावधानियों का भी ख्याल रखना चाहिए.
  2. घुटनों में तकलीफ होने पर आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए.
  3. हिप्स एवं कमर में परेशानी की स्थिति में भी इस आसन का अभ्यास उचित नहीं होता है.

Aasan

  • সুপ্তবদ্ধ-কোণাসন

    সুপ্তবদ্ধ-কোণাসন : যোগশাস্ত্রে বর্ণিত আসন বিশেষ। কোণাসনের একটি প্রকরণ বিশেষ। শায়িত অবস্থায় কোণাসন তৈরি করা হয় বলে- এই  আসনের নামকরণ করা হয়েছে সুপ্তবদ্ধ কোণাসন।

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Anand Tue, 30/Mar/2021 - 10:27

उत्तम व्यायाम...इस आसन से जंघाओं को रिलैक्स एवं हिप्स-पेडु में मौजूद तनाव को दूर होता है