योग करना सामान्य मनुष्य के लिए तो स्वास्थ्यवर्धक है, और कैंसर से पीड़ित व्यक्ति को योग के अभ्यास विधायक उर्जा से भर देते हैं | और स्तन कैंसर की महिलाओं के लिए योग के आसन इलाज के दौरान और इलाज के बाद भी अत्यंत जरूरी होते हैं|

एक शोध में पता चला है कि स्तन कैंसर के इलाज के बाद यदि कम से कम तीन महीनों तक नियमित रूप से योगाभ्यास किया जाए , तो इससे थकान और सूजन काफी हद तक कम होती है। अमेरिका की ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान के प्रोफेसर और मनोरोग विशेषज्ञ जेनिस कीकॉल्ट-ग्लासेर ने कहा, "कुछ महीनों तक लगातार योगाभ्यास करने से स्तन कैंसर से उबरे मरीजों को काफी फायदा पहुंचता है।" उन्होंने कहा, "नियमित योगाभ्यास के सकारात्मक परिणाम उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है जिनको थकान और सूजन की समस्या रहती है।" योगा करने से हमारे शरीर को कई प्रकार के लाभ मिलते हैं जिसका अनुमान शायद ही हम इस जिंदगी में लगा सकते हैं।

शोध के दौरान शोधकर्ताओं ने 200 लोगों से छोटे छोटे समूहों में 12 सप्ताह तक सप्ताह में दो बार योगाभ्यास करने के लिए कहा। जबकि महिलाओं के एक समूह को योग न करने और नियमित दिनचर्या जारी रखने के लिए कहा गया। जिन महिलाओं ने नियमित रूप से योगाभ्यास किया था, उनमें थकान की समस्या 57 प्रतिशत तक कम पाई गई और सूजन 20 प्रतिशत तक घट गई। पत्रिका 'क्लिनिकल ओनकोलॉजी' के मुताबिक, शोध में भाग लेने वाली सभी महिलाएं शोध के ठीक पहले स्तर कैंसर के उपचार से गुजरी थीं। गलासेर ने कहा, "कई अध्ययनों में पता चला है कि योगाभ्यास से कई तरह के फायदे हैं, लेकिन यह सबसे महत्वपूर्ण और बड़ी खोज है।"  स्तन कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अभियान चला रही कैंसर सोसायटी की मानद सचिव अर्चना गोविल कहती हैं मासिक धर्म की जल्द शुरूआत और रजोनिवृत्ति विलंब से होना भी स्तन कैंसर का कारण होता है। अब भारत की महिलाएं स्‍तन कैंसर की चपेट में बहुत तेजी से आ रही हैं।

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स्तन कैंसर के उपचार के बाद योग करना लाभदायक