ઉડ્ડિયાન બંધ

ઉડ્ડિયાન બંધ : ઉડ્ડિયાન શબ્દનો અર્થ ઉડવું કે ઉર્ધ્વ ગમન એવો થાય છે. બંધની આ પ્રક્રિયામાં પેઢાંના સ્નાયુઓ (abdominal organs) એકસાથે અંદરની તરફ અને ઉપરની દિશામાં ખેંચવામાં આવે છે. એથી આ બંધને ઉડ્ડિયાન બંધ તરીકે ઓળખવામાં આવે છે. 

ખાસ નોંધ

ઉડ્ડિયાન બંધ પેટ સાફ થયા પછી એટલે કે ખાલી પેટે કરવો જરૂરી છે. 

उड्डीयान बंध

जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ने लगती है, वैसे-वैसे हमारी त्वचा ढीली होने लगती है और साथ ही हमारा पेट बढ़ने लगता है। हमारे शरीर की जिन नदियों में रक्त बहता है, वो भी कमजोर हो जाता है। ऐसी समस्या से हर किसी को गुजरना पड़ता है, लेकिन जब हम उड्डियान बंध को करते हैं, तो इससे हमारी बढ़ती हुई आयु पर असर होता है। इसको करने से व्यक्ति अपने आप को तरोताजा और युवा महसूस करता है। इस बंध के कारण हमारी आँख, कान, नाक और मुंह अर्थात हमारे सातों द्वार बंद हो जाते हैं। जिसके फलस्वरूप प्राण सुषुम्ना में प्रविष्ट होकर ऊपर की ओर उड़ान भरने लगते हैं। यही कारण है कि हम इसे उड्डीयान बंध कहते हैं, उड्डीयान बंध, बंध योग&n

જાલંધર બંધ

જાલંધર બંધ : સંસ્કૃતમાં જાલનો અર્થ ગુંચળું કે જાળું એવો થાય છે અને ધરનો અર્થ ધારણ કરવું કે ટેકો આપવો એવો થાય છે. જાલંધર બંધ નાડીઓના સમુહ કે ગુંચળાને ઉર્ધ્વ કરવામાં કે ઉપર ઉઠાવવામાં સહાય કરે છે. 

આપણે આગળના લેખમાં જોયું કે ઉડ્ડિયાન બંધ દ્વારા નાડીસમુહોને અંદરની તરફ અને ઉર્ધ્વ દિશામાં ખેંચવામાં આવે છે. જાલંધર બંધ એ પ્રયત્નોને ઉપરના ભાગથી એટલે કે કંઠ કે ગળાના ભાગથી ટેકો આપે છે. અંગ્રેજીમાં એથી જ જાલંધર બંધને throat lock તરીકે ઓળખવામાં આવે છે. 

जालन्धर बन्ध

सर्वप्रथम सुखासन में बैठेंगे। इस बँध में गले की मासपशियों का परिचालन होता है हमारे सिर में बहुत सी वात नाड़िया होती है हम यह भी कह सकते हैं कि उनका जाल होता है जिससे हमारे शरीर का संचालन होता है और ऐसे में इसका स्वस्थ रहना अति आवश्यक है जालन्धर बंध ऐसा बंध है जिसे सारे सिर का व्यायाम होता है इस बंध को करने से सोलह नाड़ियों पर प्रभाव पड़ता है वो नाडिया कुछ इस प्रकार से हैं

योग बंध

प्राणमय कोश की साधना में बन्धों का प्रमुख स्थान है। ध्यानात्मक आसनों से पूर्ण लाभ उठाने के लिए उनके साथ-साथ तीन बंध साधने चलने की व्यवस्था योगियों ने की है। प्राणायाम के लिए ये बंध पूरक एवं सहयोगी सिद्ध झेते हैं। इनका पूर्ण फल स्वतन्त्रतः तो नहीं, ध्यानात्मक आसनों व प्राणायाम के साथ ही मिलता है जो मानसिक एवं आध्यात्मिक उत्कर्ष के रूप में होता है। ये कुल तीन हैं- (१) मूल बंध (२) उड्डियान बंध, और (३) जालंधर बंध।  (१) मूल बंध- प्राणायाम करते समय गुदा के छिद्रों को सिकोड़कर ऊपर की ओर खींचे रखना मूल-बंध कहलाता है। गुदा को संकुचित करने से ‘अपान’ स्थिर रहता है। वीर्य का अधः प्रभाव रुककर स्थिरत

महा बन्ध

जब साधक योग के अन्तरंग साधन में प्रविष्ट होता है, तय उसे अनेक प्रकार के लाभ प्राप्त होने लगते हैं, प्रत्याहार, धारण, ध्यान और समाधि इन चारों को योग के अंतरंग साधन कहते हैं, प्रत्याहार और धारणादि के अभ्यास काल में कुँडलिनी शक्ति जाग्रत करनी पड़ती हैं, कुण्डलिनी शक्ति के उत्थान के समय में और होने के पश्चात् साधक की बुद्धि अत्यन्त तीव्र हो जाती है, शरीर अत्यन्त तेजोमय बनता है, कुण्डलिनी उत्थान के लिये खेचरी मुद्रा, महामुद्रा, महाबन्ध मुद्रा, महावेद मुद्रा, विपरीत करणी मुद्रा, ताडन मुद्रा, परिधान युक्ति, परिचालन मुद्रा और शक्ति चालन मुद्रा आदि उत्कृष्ट अनेक मुद्राओं का अभ्यास करना पड़ता है। आगे

মূলবন্ধাসন

যোগশাস্ত্রে বর্ণিত একটি আসন বিশেষ। এই আসনের অনুশীলনে শরীরের মূল গ্রন্থি ও স্নায়ুকে সুস্থ ও সক্রিয় করে বলে, এর নামকরণ করা হয়েছে মূলবন্ধাসন (মূলবন্ধ +আসন)।

পদ্ধতি

১. দণ্ডাসনে উপবেশন করুন।
২. এবার দুই পায়ের হাঁটু ভাজ করে, দুই পায়ের পদতল এক করুন এবার দুই পায়ের গোড়ালি উপরে তুলে ধরুন এবং পায়ের অগ্রভাগ মাটিতে স্থাপন করুন।
৩. এবার হাত দুটো উরুর দুই পাশে স্থাপন করুন এক্ষেত্রে হাতের আঙুলগুলো পিছনের দিকে প্রসারিত করুন।
৪. শ্বাস-প্রশ্বাস স্বাভাবিক রেখে ২০ সেকেণ্ড স্থির হয়ে থাকুন।
৫. এরপর ২০ সেকেণ্ড শবাসনে বিশ্রাম নিন।
৬. এরপর আসনটি আরও দুইবার করুন

મૂલ બંધ

મૂલ બંધ (basal lock) 

સંસ્કૃતમાં મૂલ શબ્દનો અર્થ વૃક્ષના મુળિયાં કે કોઈ વસ્તુનો આધાર એમ કરવામાં આવે છે. પરંતુ યૌગિક રીતે મૂલ શબ્દ કરોડરજ્જુનો છેક નીચેનો ભાગ કે છેડો - એ અર્થમાં વાપરવામાં આવે છે. આ બંધ કરોડરજ્જુના સૌથી નીચેના કેન્દ્ર કે મુળ સાથે સંકળાયેલો હોવાથી એને મૂલ બંધ કહેવામાં આવે છે. અંગ્રેજીમાં એને basal lock કહેવામાં આવે છે. 

मूल बंध

मूलबंध का जब आप नियमित रूप से अभ्यास करते हो तब अपान वायु पूर्णरुपेण नियंत्रित हो जाती है आज हम आपको मुलबंध क्या है, विधि और फायदे के बारे में जानकारी देंगें गुदाद्वार को सर्वथा बंद करने की क्रिया को  मूलबंध के नाम से जाना जाता है।

Subscribe to बंध