कसरत, योग और फ़िटनेस की आवश्यकता

अन्य देशों जैसा हमारे यहाँ शारीरिक तन्दुरूस्ती पर खास ध्यान नहीं दिया जाता। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हमारे देशों में जनसंख्या के एक बड़े हिस्से को अपना जीवन यापन करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। पर हम आगे देखेंगे यह ज़रूरी नहीं है कि कड़ी मेहनत से शारीरिक तंदरुस्ती सुनिश्चित हो जाए। शारीरिक कसरत से ताकत भी बढ़ती है और तनाव और थकान को झेलने की क्षमता भी। इससे कुछ स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव होता है, स्वास्थ्य में सुधार होता है और कई एक बीमारियॉं ठीक भी हो जाती हैं। इस अध्याय में शारीरिक तन्दुरूस्ती क्या है इसके बारे में हम जानेंगे और कुछ एक कसरतों के मुख्य अवयवों के बारे में भी।

अगर आप शारीरिक दृष्टि से दिनभर सक्रिय रहते हैं, तो अलग से व्यायाम करना जरूरी नहीं।

अगर आप शारीरिक दृष्टि से दिनभर सक्रिय रहते हैं, तो अलग से व्यायाम करना जरूरी नहीं।

यहां हम शरीर कि बाहरी देह के गठीले पन,यां खूबसूरत अभिनेत्रियां और मॉडल्स जैसे सुगठित शरीर, और किसी खेल में भाग लेने वाले खिलाड़ियों की बात बाद में करेंगे।

ਜੇ ਤੁਸੀਂ ਦਿਨ ਭਰ ਸਰੀਰਕ ਤੌਰ 'ਤੇ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਰਹਿੰਦੇ ਹੋ, ਤਾਂ ਇਹ ਵੱਖਰੇ ਤੌਰ' ਤੇ ਕਸਰਤ ਕਰਨ ਦੀ ਜ਼ਰੂਰਤ ਨਹੀਂ ਹੈ.

ਜੇ ਤੁਸੀਂ ਦਿਨ ਭਰ ਸਰੀਰਕ ਤੌਰ 'ਤੇ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਰਹਿੰਦੇ ਹੋ, ਤਾਂ ਇਹ ਵੱਖਰੇ ਤੌਰ' ਤੇ ਕਸਰਤ ਕਰਨਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਨਹੀਂ ਹੈ.

ਇੱਥੇ ਅਸੀਂ ਬਾਹਰੀ ਸਰੀਰ ਦੇ ਸਰੀਰ, ਖੂਬਸੂਰਤ ਅਭਿਨੇਤਰੀਆਂ ਅਤੇ ਮਾਡਲਾਂ ਵਰਗੇ ਸੁੰਦਰ ਸਰੀਰ ਅਤੇ ਬਾਅਦ ਵਿਚ ਕਿਸੇ ਖੇਡ ਵਿਚ ਹਿੱਸਾ ਲੈਣ ਵਾਲੇ ਖਿਡਾਰੀਆਂ ਬਾਰੇ ਗੱਲ ਕਰਾਂਗੇ.

कसरत के समय उर्जा का इस्तेमाल

फिटनेस या तंदुरुस्ती यह अब जीवन का एक नया मंत्र है। इसके बारे में अपने परिवार और मित्रों में जागृती फैलाएं। लेकिन पहले आप स्वयं फिट रहने की जरुरत है। तंदुरुस्ती से अनेक बीमारियाँ टलती है और जीवन का सही आनंद भी इसी से मिलता है।

बचपन से इसकी आदत होनी चाहिए। आप स्वयं सोचे की आप फिट या तंदुरुस्त है या नहीं। उम्र और कामकाज के अनुरुप फिटनेस के मायने बदलते है। हर एक खेल के लिए फिटनेस की अलग जरूरतें होती है। फिटनेस के लिए हमको अलग अलग व्यायाम जरुरी है। आमतौर पर ऐसे व्यायाम के लिए शरीर में सिंपथॅटीक तंत्रिका तंत्र कृतीशील होती है। इसके चलते एक मस्ती का अनुभव होता है।

 

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