कई महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान शरीर, खासतौर कमर में काफी दर्द होता है। इस दर्द को दूर करने के लिये आप योगासनों का सहारा ले सकती हैं। योग के पास हर बीमारी का इलाज है इसलिये इन्‍हें एक बार जरुर आजमाइये। नियमित तौर पर इन आसनों को करने से आपकी कमर और अन्‍य हिस्‍से मजबूत बनेंगे। आसन करने से शरीर के हर हिस्‍से स्‍ट्रेच होते हैं तथा खून का संचार अच्‍छी प्रकार से होने लगता है, जिससे शरीर की थकान, पेट की सूजन, गैस और दर्द आदि दूर होते हैं। आइये जानते हैं कि कौन-कौन से हैं वे योगासन जिन्‍हें करने से मासिकधर्म का दर्द दूर हो सकता है।

1: धनुर आसन इस आसन को करने से कब्‍ज, पीठदर्द, थकान और मासिकधर्म के समय होने वाली परेशानियां भी खतम होती हैं। इस आसन को करने से शरीर का पूरा हिस्‍सा खासतौर पर पेट, सीना, जांघे और गला आदि स्‍ट्रेच होते हैं। इस आसन से पीठ की मासपेशियां मजबूत बनती हैं। साथ ही यह पेट के अंगों को उत्तेजित करता है। यह उत्‍तेजना क्रैंप्‍स होने से रोकता है और यूट्रस की ओर खून का संचार करता है, जिससे दर्द, पेट की सूजन आदि मिटती है।

2: मत्स्यासन मत्स्य का अर्थ है- मछली। इस आसन में शरीर का आकार मछली जैसा बनता है। इस आसन को नियमित करने से शरीर की थकान दूर होती है और मासिकधर्म का दर्द कम हो जाता है। इससे गर्दन, पैरों, पीठ और छाती की सभी मासपेशियां स्‍ट्रेच होती हैं, जिससे मासपेशियों को आराम मिलता है और दर्द से छुटकारा मिलता है। यह पेट और पेडू को उत्‍तेजित करता है और पेट की गैस, सूजन और अपच से मुक्‍ती दिलाता है

3: बालासन योग अगर आपके लोअर बैक में पेन है तो यह बालासन योग करने से आपको राहत मिलेगी। आप इसका अभ्‍यास अपने शरीर को आरामदायक स्थिति में लाने के लिए कर सकती हैं। इस आसन से मेरूदंड और कमर में खींचाव होता है और इनमें मौजूद तनाव दूर होता है। बालाअसन करने के फायदे- यह पीठ, कंधे और गर्दन के तनाव को दूर करता है।

4: पासासन मासिकधर्म, साइटिका, हल्‍का पीठ दर्द, कंधे का दर्द या फिर गर्दन के दर्द को ठीक करने में यह पासासन काफी अच्‍छा माना जाता है। यह पोज़ थोड़ा टेढ़ा-मेढ़ा जरुर है लेकिन लगातार अभ्‍यास करने से यह सभी को आ जाता है। इस आसन से पीठ, कमर और एड़ियों की मसापेशियां स्‍ट्रेच होती हैं। यह यूट्रस को उत्‍तेजित करता है और कब्‍ज तथा पाचन को ठीक करता है।

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