जब आप वशिष्ठासन योग को करते है तो आपको इसे करने के लिए अपने दोनों कूल्हों को फर्श से उठा कर रीढ़ की हड्डी की रेखा में करना पड़ता हैं, तो इससे आप श्रोणि तल की मांसपेशियों का भी उपयोग करते हैं। यह योग दोनों तरफ समान रूप से अभ्यास करने पर कूल्हों में स्थिरता लाने में मदद करेगा। जब कूल्हों में स्थिरता होती है और कोर की मांसपेशियां मजबूत हो जाती हैं, तो यह दोनों रीढ़ की हड्डी का समर्थन करते हैं।

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वशिष्ठासन योग के लाभ कूल्हों और रीढ़ में