अगर आप शारीरिक दृष्टि से दिनभर सक्रिय रहते हैं, तो अलग से व्यायाम करना जरूरी नहीं।

यहां हम शरीर कि बाहरी देह के गठीले पन,यां खूबसूरत अभिनेत्रियां और मॉडल्स जैसे सुगठित शरीर, और किसी खेल में भाग लेने वाले खिलाड़ियों की बात बाद में करेंगे।

देखिए एक आम व्यक्ति के लिए इतना व्यायाम काफी है, जिसने उसके शरीर के हर अंग को सक्रियता मिले, और जो भी वो खाता है वो पूरी तरह से इस्तमाल किया जाए। जैसे खाना ऊर्जा में परिवर्तित होगा तो उस ऊर्जा को जाया न करके उसका इस्तेमाल करे, कार्य करके जैसे चलना, घर के काम, बाहर के काम, मस्तिष्क के काम इत्यादि। जैसे ही हम दोनों पक्षों को यानि, खाना और ऊर्जा का सही इस्तमाल को बराबर नहीं रखेंगे तो शरीर को इसकी मार सहनी पड़ेगी।

जैसे जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारी पाचन क्रिया में बदलाव आते है,जहां छोटी उम्र में आप कुछ भी खाकर हज़म कर लेते है वहीं उम्र बढ़ने के साथ उतने ही कार्यशील होने के बावजूद खाना हज़म करने में तकलीफ होती है, वजह आपके शरीर के अंदरूनी अंग, जो धीरे धीरे अपनी कार्यक्षमता कम करते जा रहे है। इसलिए उम्र के साथ आपको अपने खान पान में बदलाव लाने होंगे। व्यायाम का मतलब है, जितना खाए उसे निकले भी उर्जा के रूप में। तो अपनी उम्र की ध्यान में रखकर वो खाए जिसे आसानी से निकाल सकें ज्यादा खाएंगे तो वो वसा के रूप में शरीर की चर्बी बढ़ा कर आपका वजन बढ़ा देगा।

अब आते है, सुगठित शरीर को पाने कि बात पर, तो उसके लिए आपको न सिर्फ कड़े नियम लागू करने होंगे व्यायाम को लेकर बल्कि खाने पीने में बेहद सावधानीयां बरतनी होगी। रोजाना कठोर व्यायाम जैसे साइकिलिंग, जोगिंग और व्यायामशाला में जाकर आप वजन उठाकर अपने शरीर के खास हिस्सों को सजीला बना सकते है। लेकिन प्रोटीन और दूसरी वसा रहित चीज़े, हरी सब्जियां, शक्कर रहित चीज़े, केवल बिना कार्बोहाइड्रेड के फल ही खा सकते है।

गठीला शरीर खास तौर पर बड़ी उम्र में कायम रखने के लिए आपको सतत प्रयास और परिश्रम को अपनी जीवनशैली में शामिल करना होगा। और खान पान में बेहद सही मापदंड।

मेरी अपनी निजी सोच ये है, की आप संतुलित खाए और सक्रिय रहें,शारीरिक रूप से और हमेशा शरीर के साथ मानसिक स्वस्थ का ख्याल रखें तो खास तौर पर व्यायाम की जरूरत नहीं होगी।

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