मन और भावनाओं पर योग

जीवन में सकारात्मक विचारों का होना बहुत आवश्यक है. निराशात्मक विचार असफलता की ओर ले जाता है. योग से मन में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है. योग से आत्मिक बल प्राप्त होता है और मन से चिंता, विरोधाभास एवं निराशा की भावना दूर हो जाती है. मन को आत्मिक शांति एवं आराम मिलता है जिससे मन में प्रसन्नता एवं उत्साह का संचार होता है. इसका सीधा असर व्यक्तित्व एवं सेहत पर होता है.

योगासन से दूर होती हैं बीमारियाँ

जमीन पर पद्मासन लगाकर बैठ जाइए। लेफ्ट पैर को उठाइए और राईट जंघा पर लगाइए ताकि लेफ्ट पैर की ऐड़ी नाभि के नीचे आ जाए। फिर राईट पैर को उठाइए और लेफ्ट जंघा पर रखिए ताकि दोनों ऐड़ियां नाभि से नीचे एक दूसरे को मिलें। दोनों हाथों को पीठ के पीछे ले जा कर राईट हाथ से लेफ्ट पैर को और लेफ्ट हाथ से राईट पैर को पकड़िए। पेट को अंदर की ओर चिपकाते हुए कमर के ऊपरी भाग को आगे झुकाइए और जमीन पर लगाइए।

लाभ:

योग क्या है

पतंजलि योग-दर्शन में योग | योग-दर्शन में मोक्ष को अपनाने के लिये तत्वज्ञान पर अधिक बल दिया गया है। योग-दर्शन के अनुसार तत्वज्ञान की प्राप्ति तब तक नहीं हो सकती जब तक मनुष्य चित्त विकारों से परिपूर्ण है। अतः योग-दर्शन में चित्त की स्थिरता को प्राप्त करने के लिये तथा चित्तवृत्ति का निरोध करने के लिए योग-मार्ग की व्याख्या हुई है। योग-दर्शन में योग का अर्थ चित्तवृत्तियों का निरोध है। योग-दर्शन में राजयोग का विवेचन मिलता है। योग-मार्ग की आठ सीढ़ियाँ हैं। इसीलिये इसे अष्टांगयोग भी कहा जाता है।


यह अष्टांग-मार्ग इस प्रकार है

योग एक परिचय

योग भारतीय वैदिक परंपरा की अमूल्य देन है योग का प्रारंभिक ज्ञान वैदिक दर्शन से ही प्राप्त हुआ है ऋग्वेद में सर्वप्रथम योग संबंधी विचारधारा का उल्लेख मिलता है वेद भारतीय अध्यात्म दर्शन की के प्रेरणा स्रोत हैं वेदों में ही मानव मुक्ति हेतु योग दर्शन के ज्ञान का प्रादुर्भाव मिलता है

योग जीवन जीने की एक उत्तम कला है

आज की तेज रफ्तार जिंदगी में अनेक ऐसे पल हैं जो हमारी स्पीड पर ब्रेक लगा देते हैं। हमारे आस-पास ऐसे अनेक कारण विद्यमान हैं जो तनाव, थकान तथा चिड़चिड़ाहट को जन्म देते हैं, जिससे हमारी जिंदगी अस्त-व्यस्त हो जाती है। ऐसे में जिंदगी को स्वस्थ तथा ऊर्जावान बनाये रखने के लिये योग एक ऐसी रामबाण दवा है जो, माइंड को कूल तथा बॉडी को फिट रखता है। योग से जीवन की गति को एक संगीतमय रफ्तार मिल जाती है।

लड़का हो या लड़की योग करो स्वस्थ रहो

योगा, विश्व को आज के शहरीकरण के दौर में स्वस्थ रखने का रामबाण इलाज है, जिसके तर्ज पर ही 21 जून को विश्व योगा दिवस के मनाया जाता है। योग सभी के लिए है और इसका नियमित अभ्‍यास करने से सभी प्रकार की बीमारियां दूर होती हैं। यह न केवल बीमारियों से बचाता है बल्कि नियमित योग करने से शरीर मजबूत होता है। लड़कों को योग क्‍यों करना चाहिए, इससे उनको क्‍या-क्‍या फायदा होगा। इस लेख में इसके बारे में चर्चा करते हैं।

73% योगा टीचर लड़कियां हैं, ऐसे में ह्वाई शुड गर्ल्स हैव ऑल द योगा?

इससे आपकी बॉ़डी फ्लेक्सिबल होगी और दर्द की शिकायत कम होगी।

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