সেতুবন্ধাসন

যোগশাস্ত্রে বর্ণিত এক প্রকার এক প্রকার আসন। দেহকে উপরে তুলে সেতুর ভঙ্গিমা দেওয়া হয় বলে, এর এরূপ নামকরণ করা হয়েছে। এর বর্ধিত প্রকরণটি পার্শ্ব-সেতুবন্ধাসন নামে পরিচিত।

Setu Bandhasana

Setu Sarvangasana is in the lying down and Intermediate Level of Aasanas category. Also called Setu Bandhasana, Dwi Pada Pitham, Shoulder Pose, Two-Legged Table, Half Wheel Pose, Kandhrasana, it has more scientific benefits as compared to other types of asanas.

Setu Sarvangasana comes from three Sanskrit names. Setu means “bridge,” Bandha means “bind” or “lock,” and asana means “posture” or “seat.” The name, therefore, suggests that the posture resembles a bridge. It is the spine that forms a bridge-like curve in this pose.

સેતુબંધાસન

भूमि पर सीधे लेट जाइए। दोनों घुटनों को मोड़कर रखिए। कटिप्रदेश को ऊपर उठा कर दोनों हाथो को कोहनी के बल खड़े करके कमर के नीचे लगाइये। अब कटि को ऊपर स्थिति रखते हुए पैरों को सीधा किजिए। कंधे व सिर भूमि पर टिके रहें। इस स्थिति में 6-8 सेंकण्ड रहें। वापस आते समय नितम्ब एवं पैरों को धीरे-धीरे जमीन पर टेकिए। हाथो को एकदम कमर से नहीं हटाना चाहिये। शवासन में कुछ देर विश्राम करके पुनः अभ्यास को 4-6 बार दोहराएं।

सेतुबंधासन

भूमि पर सीधे लेट जाइए। दोनों घुटनों को मोड़कर रखिए। कटिप्रदेश को ऊपर उठा कर दोनों हाथो को कोहनी के बल खड़े करके कमर के नीचे लगाइये। अब कटि को ऊपर स्थिति रखते हुए पैरों को सीधा किजिए। कंधे व सिर भूमि पर टिके रहें। इस स्थिति में 6-8 सेंकण्ड रहें। वापस आते समय नितम्ब एवं पैरों को धीरे-धीरे जमीन पर टेकिए। हाथो को एकदम कमर से नहीं हटाना चाहिये। शवासन में कुछ देर विश्राम करके पुनः अभ्यास को 4-6 बार दोहराएं।

ভটনাসন

ভটনাসন

যোগশাস্ত্রে বর্ণিত আসন বিশেষ। এর বর্ধিত প্রকরণগুলো হলো― বদ্ধ পরিবৃত্ত-ভটনাসন, বদ্ধ ভটনাসন, সুপ্তভটনাসন।

পদ্ধতি
১. প্রথমে সোজা হয়ে দাঁড়ান।
২. এরপর ডান হাঁটু ভাজ করে, এর হাঁটু মাটিতে রাখুন বাম পাকে সামনের দিকে ভাঁজ করে এর পাতা মাটির উপর রাখুন।
৩. এবার ডান পায়ের উর্ধাংশ উপরের দিকে তুলে বাম পায়ের উরুর উপর রাখুন।
৪. এবার মেরুদণ্ড সোজা করে, দুই হাত বুকের কাছে তুলে নমস্কারের ভঙ্গিতে রেখে ২০ সেকেণ্ড স্থির হয়ে থাকুন এরপর পা বদল করে আসনটি আবার করুন।
৫. এরপর আসন ত্যাগ করে শবাসনে বিশ্রাম করুন

वातायनासन

इस आसन को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर चटाई बिछा लें। अब चटाई में सीधे खड़े हो जाएं। दोनों पैरों के घुटनों को आपस में मिला लें। एड़िया, सिर का पिछला भाग और नितंब सीधा हो, अब अपने दाहिनी टांग को घुटने से मोड़ लें और इस टांग के पांव को बांई टांग के जंघा पर रख लें। अब दोनों हाथों से नमस्कार की मुद्रा बना लें। इसके बाद अपनी बाई टांग के घुटने को धीरे धीरे सामने की तरफ मोड़ लें और दाहिने घुटने को धीरे धीरे बाएं पैर की एड़ी के पास जमीन से सटा लें। इस आसन को करते समय श्वास को सामान गति में ही लेते रहें। आप इस मुद्रा में जितनी बार रूक सकें, उतना आपके लिए फायदा होगा। ठीक इसी तरह से दूसरे पैर से इस आसन को

Trikonasana

This asana helps to strengthen the muscles in the hip and chest region. It also helps to reduce lower back pain. Trikonasana is generally considered as a good warm-up exercise to improve general health.

How to do Trikonasana?

त्रिकोणासन

त्रिकोण आसन  का अभ्यास खड़ा रहकर किया जाता है.यह आसन  पार्श्व कोणासन से मिलता जुलता है.इस योग से हिप्स, पैर, टखनों, पैरों और छाती का व्यायाम होता है.यह मु्द्रा कमर के लिए भी लाभप्रद है.इस मुद्रा का अभ्यास किस प्रकार करना चाहिए.इस मुद्रा की अवस्था क्या है एवं इससे क्या लाभ मिलता है आइये इसे देखें.

ઉત્તાનપાદાસન

ઉત્તાનપાદાસન : ઉત્તાનપાદાસન એટલે ઉત્તાન + પાદ. ઉત્તાન શબ્દનો અર્થ થાય છે ઉઠાવવું અને પાદ એટલે પગ. ઉત્તાનપાદાસનમાં પગને ઉઠાવવામાં આવે છે.  તેથી આ આસનને ઉત્તાનપાદાસન કહેવામાં આવે છે. આ આસનને દ્વિપાદાસન પણ કહેવામાં આવે છે.

મૂળ સ્થિતિ : સ્વચ્છ આસન પર સીધા સૂઈ જાઓ.

પદ્ધતિ :

उत्तान पादासन

मानव शरीर के लिए योग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका सम्बंध शरीर के अंगों, अन्तःकरण और आत्मा से है। योग के द्वारा हम शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्त हो जाते हैं और हम शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते हैं। हमारी बौद्धिक शक्ति भी तीव्र होती है। योग के कारण कई लोगों का जीवन तनाव मुक्त हो गया है। योग के कारण कई लोग आज ख़ुशहाल और समृद्ध जीवन जी रहे हैं। आप भी योग को अपने जीवन में अपनाएं। तो आइए ऐसे ही एक आसान उत्तानपादासन के करने की विधि को सीखते हैं –

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