ત્રાટક

अथ त्राटकम् ।
निरीक्षेन्निश्चलदृशा सूक्ष्मलक्ष्यं समाहितः । 
अश्रुसम्पातपर्यन्तमाचार्यैस्त्राटकं स्मृतम् ॥३१॥ 
मोचनं नेत्ररोगाणां तन्दाद्रीणां कपाटकम् । 
यत्नतस्त्राटकं गोप्यं यथा हाटकपेटकम् ॥३२॥

હઠયોગપ્રદીપિકામાં ત્રાટક વિશે ઉપર પ્રમાણેનો ઉલ્લેખ કરેલો જોવા મળે છે. જેનો અર્થ સરળ ગુજરાતીમાં એમ કરી શકાય કે અનન્ય ચિત્તથી નિશ્ચલ દૃષ્ટિ વડે સૂક્ષ્મ લક્ષ્યને અશ્રુપાત થાય ત્યાં સુધી, એટલે કે આંખમાંથી આંસુ નીકળે ત્યાં સુધી નિરીક્ષણ કરવું તે ક્રિયા એટલે ત્રાટક. 

त्राटक क्रिया

त्राटक शब्द का उत्पत्ति ‘त्रा’ से हुआ है, जिसका अर्थ है मुक्त करना। यह क्रिया आँखों को साफ करने एवम नेत्रों की रोशनी बढ़ाने के लिए की जाती है। इस क्रिया में आप नेत्रों को सामान्य रूप से किसी निश्चित वस्तु पर केंद्रित करते हैं जो दीपक या जलती हुई मोमबत्ती की लौ हो सकती है। चुनी हुई वस्तु को तब तक देखते रहें जब तक आंखों में पानी नहीं आ जाए या आपके आँख दर्द न करने लगे। जब पानी आ जाए या दर्द करने लगे तो आँखों को बंद करे और फिर सामान्य स्थिति में आकर इसे खोलें। अगर सही माने में देखा जाए तो आँखों को सेहतमंद रखने के लिए यह एक उम्दा योगाभ्यास है। आज हम आपको षट्कर्म की  त्

त्राटक ध्यान - ओशो

ओशो ने अचेतन का सामना करने के लिए एक बहुत ही सरल प्रयोग करने का सुझाव दिया है। यह प्रयोग एक घंटे का है। पहला चरण चालीस मिनट का और दूसरा चरण बीस मिनट का है।

 

Subscribe to त्राटक से सम्मोहन