योग करें,हृदय-रोग से मुक्त रहें

आज की लाइफ स्टाइल में अपनी सेहत का खयाल रखने के लिए भी हम पर्याप्त समय नहीं निकाल पाते। व्यस्त दिनचर्या का असर धीरे-धीरे हमारे दिल पर भी पड़ने लगता है जिससे बाद में बड़ी समस्या खड़ी हो जाती है। अगर योग का थोड़ा सहयोग लें तो हम अपने दिल का खयाल रख सकते हैं। 

अपने हृदय में शांति का अनुभव करें - ओशो

यह बड़ी सरल विधि है, परंतु चमत्कारिक ढंग से कार्य करती है। कोई भी इसे कर सकता है। अपनी आंखें बंद कर लो और दोनों कांखों के बीच के स्थान को महसूस करो; हृदय-स्थल को, अपने वक्षस्थल को महसूस करो। पहले केवल दोनों कांखों के बीच अपना पूरा अवधान लाओ, पूरे होश से महसूस करो। पूरे शरीर को भूल जाओ और बस दोनों कांखों के बीच हृदय-क्षेत्र और वक्षस्थल को देखो, और उसे अपार शांति से भरा हुआ महसूस करो। जिस क्षण तुम्हारा शरीर विश्रांत होता है तुम्हारे हृदय में स्वतः ही शांति उतर आती है। हृदय मौन, विश्रांत और लयबद्ध हो जाता है। और जब तुम अपने सारे शरीर को भूल जाते हो और अवधान को बस वक्षस्थल पर ले आते हो और उसे श

हृदय रोगों में योगासनों के लाभ

भारत में हर साल दिल की विमरियो या हार्ट अटैक से लाखो मौत होती हैं यह बीमारी मानसिक तनाव दूषित खान पान व्लड प्रेशर आदि कारणों से होती है योग एक जरिया है जिससे हम अपने दिल को बीमारियों से सुरक्षित रख सकते हैं। ऐसे योगासन हैं, जिसमें सबसे ज्यादा फोकस सांसों पर होता है, जिससे हमारा रेस्पिरेटरी सिस्टम दुरुस्त रहता है।दिल की बीमारियों को कार्डिवस्‍कुलर डिजीज कहा जाता है। चिकित्‍सीय भाषा में दिल की बीमारियों के लिए यही शब्‍दावली इस्‍तेमाल की जाती है। रजिस्‍ट्रार जनरल ऑफ इंडिया और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के एक नए शोध के मुताबिक भारत में बड़ी संख्‍या में लोग दिल की बीमारियों के कारण गंव

योग से संभव है , साइनोसाइटिस का इलाज

साइनोसाइटिस गालों एवं ललाट की हड्डियों के साइनस (गड्ढों) में जलन या सूजन की स्थिति को कहते हैं। जब किसी कारणवश साइनस के संकरे प्रवेश मार्ग में रुकावट आ जाती है तो सिर दर्द, भारीपन, गालों एवं ललाट पर सूजन तथा आंखों में दर्द जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। यौगिक क्रियाओं के नियमित अभ्यास से इससे मुक्ति पाई जा सकती है।

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