अन्य प्राणायाम की तरह नाड़ी शोधन प्राणायाम करने से स्वास्थ्य को कई लाभ होते हैं। लेकिन यदि इस प्राणायाम का अभ्यास करते समय कुछ बातों का ध्यान नहीं रखा जाए तो इससे स्वास्थ्य को कई नुकसान भी हो सकता है। आइये जानते हैं कि नाड़ी शोधन प्राणायाम का अभ्यास करते समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।

यदि आप अस्थमा और हृदय रोगों (heart disease) के मरीज हैं तो नाड़ी शोधन का अभ्यास करते समय अधिक देर तक सांस को रोककर न रखें अन्यथा आपकी समस्या बढ़ सकती है।
यदि आपको गहरी सांस लेने में परेशानी हो रही है तो जबरदस्ती (forcefully) श्वास न खींचे अन्यथा नासिका में दर्द हो सकता है।
खाली पेट (empty stomach) नाड़ी शोधन का अभ्यास करें अन्यथा पेट में दर्द उभर सकता है।
नाड़ी शोधन प्राणायाम का अभ्यास करते समय मुंह से सांस न लें और मुंह या नाक से कोई आवाज (nose sound) न निकालें।
नाड़ी शोधन प्राणायाम का अभ्यास करते समय नासिका द्वार (nostril) को उंगलियों से धीरे से बंद करें या बिल्कुल हल्का दबाव दें।
यदि आपको तेज नींद आ रही हो तो बैठकर नाड़ी शोधन प्राणायाम का अभ्यास न करें।
 

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नाड़ी शोधन प्राणायाम करते समय सावधानियां