मन की शांति और सुकून के लिये करें सुखासन

अगर आप योगा करते हैं तो आपको पता होगा कि सुखासन करना कितना आसान होता है। जो लोग सुखासन करते हैं उनका मन एक दम शांत हो जाता है। चित्त की एकाग्रता से धारणा सिद्ध होती है। यह योग श्वास प्रश्वास और ध्यान पर आधारित है। यह योगा की सबसे आसान विधि है इसलिए इसे सुखासन के नाम से जानते हैं। इसको करने से घुटने 90 डिग्री मुडते हैं, जिससे उन्‍हें दर्द से आराम मिलता है। यह आसान प्रणायाम करने से पहले किया जाता है। सुखासन से पैरों का रक्त-संचार कम हो जाता है और अतिरिक्त रक्त अन्य अंगों की ओर संचारित होने लगता है जिससे उनमें क्रियाशीलता बढ़ती है। यह तनाव हटाकर चित्त को एकाग्र कर सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है।

সুখাসন

সুখাসন : সুখ শব্দের সাধারণ অর্থগুলো হলো- হর্ষ, আনন্দ, প্রীতি, স্বাচ্ছন্দ্য, স্বস্তি, তৃপ্তি ইত্যাদি। স্বাচ্ছন্দ্য থাকা যায় এমন ভাবগত অর্থ থেকে এই আসনের নামকরণ করা হয়েছে সুখাসন (সুখ + আসন)।

Sukhasana

Sukhasana or Easy Pose is an asana in hatha yoga, Buddhism, and Hinduism that is similar to any cozy, cross-legged, seated position. Also called the Decent or Pleasant Pose, it is not as simple as the name suggests if you’re accustomed to sitting in a chair. You’ll do a lot of work in the Sukhasana after bringing awareness to your intention and alignment.

सुखासन

सुखासन : ध्यान के लिए सुखासन महत्वपूर्ण आसन है। पद्‍मासन के लिए यह आसन विकल्प‌ हैं।

आसन के लाभ

सुखासन करने से साधक या रोगी का चित्त शांत होता है। पद्‍मासन के लिए यह आसन विकल्प‌ हैं। इससे चित्त एकाग्र होता है। चित्त की एकाग्रता से धारणा सिद्ध होती है। सुखासन से पैरों का रक्त-संचार कम हो जाता है और अतिरिक्त रक्त अन्य अंगों की ओर संचारित होने लगता है जिससे उनमें क्रियाशीलता बढ़ती है। यह तनाव हटाकर चित्त को एकाग्र कर सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है। छाती और पैर मजबूत बनते हैं। वीर्य रक्षा में भी मदद मिलती है।

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