अपनी श्वास का स्मरण रखें - ओशो
Anand
14 March 2021
"अगर तुम अपनी सांस पर काबू पा सको तो अपनी भावनाओं पर काबू पा सकोगे। अवचेतन सांस की लय को बदलता रहता है, अत: अगर तुम इस लय के प्रति और उसमें होने वाले सतत बदलाव के बारे में होश से भर जाओगे तो तुम अपनी अवचेतन जड़ों के बारे में, अवचेतन की गतिविधि के बारे में सजग हो जाओगे।"
दि न्यू एल्केमी
1) जब भी स्मरण हो, दिन भर गहरी सांस लो, जोर से नहीं वरन धीमी और गहरी; और शिथिलता अनुभव करो, तनाव नहीं।
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