प्राणायाम एवं ध्यान पर बैठने की मुद्राएँ

प्राणायाम एवं ध्यान पर बैठने की मुद्राएँ

योग में पाँच सर्वश्रेष्ठ बैठने की अवस्थाएँ/स्थितियाँ हैं :
सुखासन - सुखपूर्वक (आलथी-पालथी मार कर बैठना)।

सिद्धासन - निपुण, दक्ष, विशेषज्ञ की भाँति बैठना।

वज्रासन - एडियों पर बैठना।

अर्ध पद्मासन - आधे कमल की भाँति बैठना।

पद्मासन - कमल की भाँति बैठना।

ध्यान लगाने और प्राणायाम के लिये सभी उपयुक्त बैठने की अवस्थाओं के होने पर भी यह निश्चित कर लेना जरूरी है कि :
शरीर का ऊपरी भाग सीधा और तना हुआ है।

सिर, गर्दन और पीठ एक सीध में, पंक्ति में हैं।

योग में पाँच सर्वश्रेष्ठ बैठने की अवस्थाएँ/स्थितियाँ हैं

योग में पाँच सर्वश्रेष्ठ बैठने की अवस्थाएँ/स्थितियाँ हैं :
सुखासन - सुखपूर्वक (आलथी-पालथी मार कर बैठना)।

सिद्धासन - निपुण, दक्ष, विशेषज्ञ की भाँति बैठना।

वज्रासन - एडियों पर बैठना।

अर्ध पद्मासन - आधे कमल की भाँति बैठना।

पद्मासन - कमल की भाँति बैठना।

ध्यान लगाने और प्राणायाम के लिये सभी उपयुक्त बैठने की अवस्थाओं के होने पर भी यह निश्चित कर लेना जरूरी है कि :
शरीर का ऊपरी भाग सीधा और तना हुआ है।

सिर, गर्दन और पीठ एक सीध में, पंक्ति में हैं।

कंधों और पेट की मांसपेशियों में तनाव न हो।

हाथ घुटनों पर रखें हैं।

चिन्मय मुद्रा

विधि-
सर्वप्रथम वज्रासन / पद्मासन या सुखासन में बैठ जाइए।
अब तर्जनी उंगली के अग्र भाग को अंगूठे के अग्र भाग से स्पर्श कीजिए व बाकी तीन उंगलियों को मुट्ठी बाँधने की स्थिति में मोड़ लीजिए  ।
हाथों को घुटनो पर रखिए हथेलियों को आकाश की तरफ रखेंगे।
आँखे बंद रखते हुए श्वांस सामान्य बनाएँगे।
अपने मन को अपनी श्वांस गति पर केंद्रित रखिए।

लाभ-

आदि मुद्रा

विधि-
सर्वप्रथम वज्रासन / पद्मासन या सुखासन में बैठ जाइए।
अब अंगूठे को अंदर की और रखते हुए बाकी चारों उंगलियों को अंदर की और मुट्ठी बाँधने की स्थिति में मोड़ लीजिए सभी उंगलियों के अग्र भाग को हथेली से स्पर्श करते हुए । हाथों को घुटनो / जांघों पर रखेंगे  ।
आँखे बंद रखते हुए श्वांस सामान्य बनाएँगे।
अपने मन को अपनी श्वांस गति पर व मुद्रा पर  केंद्रित रखिए।

लाभ-

Subscribe to योग मुद्रा की परिभाषा