'यम' है योग का प्रथम अंग

यह हम सब को संभाले हुए है। निश्चित ही यह मनुष्य का मूल स्वभाव भी है। यम से मन मजबूत और पवित्र होता है। मानसिक शक्ति बढ़ती है। इससे संकल्प और स्वयं के प्रति आस्था का विकास होता है। 

यम के पाँच प्रकार हैं- (1) अहिंसा, (2) सत्य, (3) अस्तेय, (4) ब्रह्मचर्य और (5) अपरिग्रह

ਯਾਮਾ ਯੋਗਾ ਦਾ ਪਹਿਲਾ ਭਾਗ ਹੈ

ਇਹ ਸਾਡੇ ਸਾਰਿਆਂ ਨੂੰ ਸੰਭਾਲ ਰਿਹਾ ਹੈ. ਯਕੀਨਨ ਇਹ ਮਨੁੱਖ ਦਾ ਮੁ natureਲਾ ਸੁਭਾਅ ਵੀ ਹੈ. ਯਮ ਦੁਆਰਾ ਮਨ ਨੂੰ ਮਜਬੂਤ ਅਤੇ ਸ਼ੁੱਧ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ. ਮਾਨਸਿਕ ਤਾਕਤ ਵੱਧਦੀ ਹੈ. ਇਹ ਆਪਣੇ ਵਿਚ ਦ੍ਰਿੜਤਾ ਅਤੇ ਵਿਸ਼ਵਾਸ ਦੇ ਵਿਕਾਸ ਵੱਲ ਅਗਵਾਈ ਕਰਦਾ ਹੈ.

ਇੱਥੇ ਪੰਜ ਕਿਸਮਾਂ ਦੀਆਂ ਯਮ ਹਨ - (1) ਅਹਿੰਸਾ, (2) ਸੱਤਿਆ, (3) ਅਸਟਯਾ, (4) ਬ੍ਰਹਮਾਚਾਰੀਆ ਅਤੇ (5) ਅਪਰਿਗ੍ਰਹਿ

योग जीवन जीने की एक उत्तम कला है

आज की तेज रफ्तार जिंदगी में अनेक ऐसे पल हैं जो हमारी स्पीड पर ब्रेक लगा देते हैं। हमारे आस-पास ऐसे अनेक कारण विद्यमान हैं जो तनाव, थकान तथा चिड़चिड़ाहट को जन्म देते हैं, जिससे हमारी जिंदगी अस्त-व्यस्त हो जाती है। ऐसे में जिंदगी को स्वस्थ तथा ऊर्जावान बनाये रखने के लिये योग एक ऐसी रामबाण दवा है जो, माइंड को कूल तथा बॉडी को फिट रखता है। योग से जीवन की गति को एक संगीतमय रफ्तार मिल जाती है।

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