गैस बनने वाली परेशानी को दूर करे ये योग आसान

सान हम आपको बताने वाले हैं, उससे आपको गैस तथा एसीडिटी दोनों से राहत मिलेगी। एक बात जिसका आपको खास ख्‍याल रखना है, वह ये कि योगा करने से पहले पानी बिल्‍कुल भी ना पियें। इस योगा से आपके पेट पर गहरा असर पडे़गा। इन नीचे दिये योग आसन को रोजाना सुबह के समय करें, जिससे आपको कभी पेट में गैस की समस्‍या ना झेलनी पडे़

योग से गैस की दिक्कत को यूं करें गायब

पेट गैस को अधोवायु बोलते हैं। इसे पेट में रोकने से कई बीमारियां हो सकती हैं, जैसे एसिडिटी, कब्ज, पेटदर्द, सिरदर्द, जी मिचलाना, बेचैनी आदि। लंबे समय तक अधोवायु को रोके रखने से बवासीर भी हो सकती है। आयुर्वेद कहता है कि आगे जाकर इससे नपुंसकता और महिलाओं में यौन रोग होने की भी आशंका हो सकती है।

गैस बनने के लक्षण 
पेट में दर्द, जलन, पेट से गैस पास होना, डकारें आना, छाती में जलन, अफारा। इसके अलावा, जी मिचलाना, खाना खाने के बाद पेट ज्यादा भारी लगना और खाना हजम न होना, भूख कम लगना, पेट भारी-भारी रहना और पेट साफ न होने जैसा महसूस होना।

कब्ज़ से मुक्ति पाने के लिये करें योगआसन

यदि मल सख्त हो और रोज न आये तो उसे कब्ज़ कहेंगे। बहुत अधिक समय से इस समस्या के होने के कारण इसको पुराना कब्ज़ कहते हैं। इसमें मल बहुत सख्त हो जाता है तथा मल को बाहर करने के लिये जोर लगाना पड़ता है। मल को नर्म करने के लिये आवश्यक है कि उस में पानी की मात्रा अधिक हो।  विभिन्न प्रकार के आसनों को नियमित रूप से करने पर हर प्रकार के कब्ज़ से राहत मिलती है। 

कब्ज़ दूर करने के लिये योगआसन 

कपालभाति : 

ਕਬਜ਼ ਤੋਂ ਛੁਟਕਾਰਾ ਪਾਉਣ ਲਈ ਯੋਗਾ ਆਸਣ ਕਰੋ

ਜੇ ਟੱਟੀ ਸਖਤ ਹੈ ਅਤੇ ਰੋਜ਼ ਨਹੀਂ ਆਉਂਦੀ, ਤਾਂ ਇਸਨੂੰ ਕਬਜ਼ ਕਿਹਾ ਜਾਵੇਗਾ. ਲੰਬੇ ਸਮੇਂ ਤੋਂ ਇਸ ਸਮੱਸਿਆ ਦੇ ਕਾਰਨ, ਇਸਨੂੰ ਗੰਭੀਰ ਕਬਜ਼ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ. ਇਸ ਵਿਚ, ਟੱਟੀ ਬਹੁਤ ਸਖਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਟੱਟੀ ਨੂੰ ਬਾਹਰ ਕੱ toਣ ਲਈ ਜ਼ੋਰ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨੀ ਪੈਂਦੀ ਹੈ. ਟੱਟੀ ਨੂੰ ਨਰਮ ਕਰਨ ਲਈ, ਇਸ ਵਿਚ ਜ਼ਿਆਦਾ ਮਾਤਰਾ ਵਿਚ ਪਾਣੀ ਹੋਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ. ਵੱਖ-ਵੱਖ ਕਿਸਮਾਂ ਦੇ ਗਲੀਚੇ ਦੀ ਨਿਯਮਤ ਵਰਤੋਂ ਹਰ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀ ਕਬਜ਼ ਤੋਂ ਛੁਟਕਾਰਾ ਪਾਉਂਦੀ ਹੈ.

ਯੋਗਸਨ ਕਬਜ਼ ਤੋਂ ਛੁਟਕਾਰਾ ਪਾਉਣ ਲਈ

ਕਪਲਭਤੀ:

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