2019 में करें ये 3 योगासन, सालभर रहेंगे स्‍वस्‍थ और फिट

बदलती लाइफस्‍टाइल और बढ़ते प्रदूषण ने हमारी जिंदगी में तमाम तरह के बदलाव किए हैं। इनमें सबसे ज्‍यादा अगर कुछ बदला है तो नई तरह की बीमारियों ने अपनी जड़ें जमा ली है। संक्रामक बीमारियां हमारे शरीर पर अटैक करें, इससे पहले हमें खुद की रक्षा के लिए जरूरी कदम उठा लेने चाहिए,‍ जिससे शरीर रोगमुक्‍त रहे। दरअसल, आने वाले सालों में प्रदूषण कम होने की उम्‍मीद कम हैं, ऐसे में खुद को रोगों से लड़ने के लिए तैयार करना होगा। आज हम आपको 3 ऐसे योगासन के बारे में बता रहे हैं, जिन्‍हें आप अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं। इन तीन योगासनों की खूबियां ये हैं कि, इसे करने से आप कई तरह की बीमारियों से बच सकते हैं

ये 6 वजहें बताती हैं कि जिम में वर्कआउट से काफी बेहतर है योग करना

बहुत समय से यह सवाल लोगों के मन में है कि योगा और जिम में वर्कआउट में क्या बेहतर है। बेहतर स्वास्थ्य के लिए योगा किया जाए या जिम जाया जाए। जब हम वर्कआउट और योगा के फायदों के बारे में विश्लेषण करते हैं तो पता लगता है कि योगा करना जिम जाने से कई गुना बेहतर है। चलिए जानते हैं कि वे कौन से कारण हैं जो योगा को जिम जाने से बेहतर बनाते हैं।

वक्त की कमी की वजह से नहीं कर पाते एक्सरसाइज, ऑफिस में कुर्सी पर बैठे-बैठे आजमाएं ये पांच स्टेप्स

आजकल की व्यस्त जीवनशैली में लोगों के पास व्यायाम करने की फुर्सत नहीं होती। ऑफिस में दिन भर बैठे-बैठे काम करने के बाद कई तरह की लाइफस्टाइल-जनित बीमारियों के चपेट में आने के खतरे बढ़ जाते हैं। इसके अलावा गर्दन में दर्द, कमर दर्द, मोटापा आदि की आशंकाएं भी बढ़ जाती हैं। ऐसे में आज हम आपके लिए कुछ ऐसे व्यायाम लेकर आए हैं जिन्हें आफिस में कुर्सी पर बैठे-बैठे ही कर सकते हैं। इसके लिए आपको सिर्फ 5 स्टेप ही फॉलो करने होते हैं।

हफ्तेभर तक करें सिर्फ ये 2 योगासन, बढ़ जाएगा 5kg वजन!

अकसर लोग सोचते हैं कि योग मेडीटेशन है ये वजन बढ़ाने या फिर वज़न घटाने में कहीं से कारगार नहीं हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं योग के जरिए आप वजन नियंत्रण के आश्चर्यजनक परिणाम पा सकते हैं। बिना किसी नुकसान के आप योग का लाभ अच्छी तरह से उठा सकते हैं।

कम्प्यूटर के सामने बैठे-बैठे करें ये छोटी सी एक्सरसाइज, आंखों की जलन हो जाएगी दूर

करीब 10 घंटे कम्‍प्यूटर के सामने और फिर बाद में मोबाइल, टैब से चिपके रहने के कारण अधिकतर लोगों को आंखों में थकान, जलन और सिरदर्द रहने लगता है। दरअसल हमारी लाइफस्टाइल ऐसी हो गई है, जिससे हमारी आंखों पर लगातार दबाव पड़ता रहता है। अगर आप भी इन्हीं लोगों में शामिल है तो हम आपको कुछ ऐसी एक्सरसाइज बताने जा रहे हैं तो कहीं पर भी बिना आपका ज्यादा समय लिए हो सकती है। काम के दौरान थकान होने पर भी आप आंखों को राहत दे सकते हैं। पहले स्टेप में हथेलियों को रब करें और आंखों पर रख लें। ध्यान रहें कि आंखों पर हथेलियों का दबाव न पड़े। थोड़ी देर बार हाथ हटाएं और आंखों को धीरे-धीरे खोलें। इससे आंखों को तु

लंबाई बढ़ाए उर्ध्वोत्तानासन योगासन

उर्ध्वोत्तानासन को रीढ़ विकृतियों में, कमजोर पैरों की स्थिति में, मोटापे में, ड्रॉपिंग शोल्डर व नैरो चेस्ट की स्थिति में योग चिकित्सक की सलाह अनुसार करना चाहिए तो लाभ मिलेगा। यह अति उत्तम और सरल आसन आपको स्फूर्तिवान और प्रसन्नचित्त बनाए रखने में सक्षम है।

आसन परिचय : उर्ध्व का अर्थ होता है ऊपर और तान का अर्थ तानना अर्थात शरीर को ऊपर की और तानना ही उर्ध्वोत्तानासन है। अनजाने में ही व्यक्ति कभी-कभी आलसवश दोनों हाथ ऊपर करके शरीर तान देता है। शरीर को ऊपर की ओर तानते हुए त्रिबंध की स्थिति में स्थिर रहना चाहिए।

शरीर और मन की शांति के लिये बालासन

माना जाता है कि मां की कोख से अच्‍छी आराम की जगह और कोई नहीं होती। तभी तो जब आप इस अवस्‍था में कभी लेटते हैं तो शरीर और दिमाग दोनों को ही आराम पहुंचता है। बालासन योग का अभ्‍यास आप अपने शरीर को आरामदायक स्थिति में लाने के लिए कर सकते हैं। इस आसन से मेरूदंड और कमर में खींचाव होता है और इनमें मौजूद तनाव दूर होता है। बालाअसन करने के फायदे- यह पीठ, कंधे और गर्दन के तनाव को दूर करता है। शरीर के भीतरी अंगो में लचीलापन लाता है। अगर गर्दन और कमर में दर्द रहता है तो वह भी ठीक हो जाता है। शरीर और दिमाग को शांति देता है। घुटनों और मासपेशियों को स्‍ट्रेच करता है।

मोटापे के लिए झूलन-ढुलकन आसन

मोटापे के लिए झूलन-ढुलकन आसन

झूलन-ढुलन आसन! आपने इस आसन का नाम कम ही सुना होगा। हालांकि बालपन में आपने यह आसन जरूर किया होगा। शरीर का आधार रीढ़ होता है। रीढ़ को मजबूत बनाने के लिए यह आसन बहुत अच्छा है। झूलन-लुढ़कन आसन को करने से रीढ़ की हड्डी और जोड़ पहले से ज्यादा लचकदार और मजबूत होते हैं।

झूलना-लुढ़कना आसन की विधि:- 

(अ)
* सबसे पहले पीठ के बल सीधा लेट जाएं।
* अब दोनों पैरों को मोड़ते हुए वक्ष तक लाएं
* दोनों हाथों की अंगुलियों को आपस में फंसाकर घुटनों के पास पैरों को कसकर पकड़ें।
-यह प्रारंभिक स्थिति है।

रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाए हलासन

इस आसन के अभ्यास की स्थिति में आसन करने वाले व्यक्ति का आकार हल के समान होता है, इसलिए इसे हलासन कहते हैं। अगर आप दिनभर ऑफिस में बैठ कर काम करते हैं और आपकी गर्दन और पीठ हमेशा अकड़ी रहती है तो यह आसन उसे ठीक कर सकता है। शास्त्रों के अनुसर जिस व्यक्ति की रीढ़ की हड्डी जितनी मुलायम व लचीली होगा व्यक्ति उतना ही स्वस्थ एवं लम्बी आयु को प्राप्त करेगा। हलासन के अभ्यास से थायरायड तथा पैराथायरायड ग्रंथियों की अच्छी तरह से मालिश हो जाती है, जिससे गले सम्बन्धी सभी रोग दूर हो जातेहैं। इस आसन को करते समय हृदय व मस्तिष्क को बिना किसी कोशिश की खून की पूर्ति होती है। जिससे हृदय मजबूत होता है और शरीर में खू

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