• सबसे पहले जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं।
  • इसके बाद अपने घुटनों को मोड़ें या झुकाएं और अपने पैरों और कूल्हों (hip) के बीच जमीन पर दूरी बनाए रखें।
  • श्रोणि (pelvis) से दूरी 10 से 12 इंच होनी चाहिए और इसके साथ ही पैरों के घुटने और एड़ियां एक सीधी रेखा में होनी चाहिए।
  • इसके बाद कूल्हों और घुटनों को ऊपर उठाए हुए पोजिशन में ही अपने हाथों के दोनों भुजाओं (arms) को अपने शरीर के नीचे ले जाएं और दोनों हथेलियों को एक दूसरे से मिलाकर इंटरलॉक कर लें। हथेलियां जमीन को छूनी चाहिए।
  • अब श्वास लें और हल्के से अपने पीठ के निचले हिस्से को जमीन से ऊपर उठायें। इस दौरान आपके पीठ के बीच का भाग और ऊपर का भाग भी जमीन से ऊपर उठना चाहिए।
  • इसके बाद धीरे से अपने कंधों को मोड़ें और अपनी ठोड़ी (chin) को बिना मोड़े इससे छाती को छूने की कोशिश करें। अपने शरीर के भार का संतुलन अपने कंधों, भुजाओं और पैरों पर बनाए रखें और हथेलियों को जमीन पर खुला छोड़ दें।
  • अब अपने शरीर के मध्य हिस्से को इस मुद्रा में महसूस करें और अपने दोनों जंघों (thighs) को जमीन पर एक दूसरे के समानांतर रखें।
  • हथेलियों को इंटरलॉक करें और जमीन पर हथेलियों से धक्का देते हुए सिर के धड़ को हल्का सा जमीन से ऊपर उठाने की कोशिश करें। आप चाहें तो अपने हथेलियों की सहायता से पीठ को भी ऊपर उठा सकते हैं।
  • इसके बाद धीरे-धीरे और सामान्यरूप से श्वास लें।
  • इस मुद्रा में 30 सेकेंड से 1 मिनट तक बने रहें और इसी मुद्रा में रहते हुए धीरे-धीरे श्वास छोड़ें और कई बार इस मुद्रा का अभ्यास करें।

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सेतुबंधासन करने की विधि