जानिए सेतुबंधासन करने की विधि, सेतुबंधासन के फायदे, लाभ के बारे में, सेतु बंधासन संस्कृत भाषा का शब्द है जहां सेतु का अर्थ पुल(Bridge), बंध का अर्थ बांधना (Lock) और आसन का अर्थ मुद्रा (Posture) से है। इस आसन को अंग्रेजी में ब्रिज पोज (Bridge Pose) कहा जाता है। इस आसन को सेतुबंधासन इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस आसन का अभ्यास करते समय शरीर पुल की आकृति (Pose) बनाता है। सेतुबंधासन एक ऐसा आसन है जो थॉयराइड, कमर दर्द और तंत्रिता तंत्र (nervous system) सहित शरीर की कई अन्य समस्याओं को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

शरीर को रोगों से दूर रखने और मांसपेशियों का लचीलापन (flexibility) बढ़ाने के लिए लोगों के बीच यह आसन बहुत लोकप्रिय है। आमतौर पर यह आसन सुबह किया जाता है लेकिन शाम को भी इस आसन का अभ्यास किया जा सकता है। लेकिन शाम को इस आसन का अभ्यास करने से पहले यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि आपके पेट का भोजन अच्छी

Article Category

Image
सेतुबंधासन करने का तरीका, फायदे और सावधानियां