वे महिलाएं जिन्‍हें स्‍ट्रेस की वजह से बच्‍चा नहीं हो पा रहा है, उनके लिये विपरीत करनी मुद्रा बहुत ही फायदेमंद है। विपरीत करनी योग मुद्रा करने से मानसिक तनाव दूर होता है। इस करने में मन को शांति और मन स्‍थ‍िर हो जाता है। इस योग मुद्रा को करते समय मन को शांत रखें और चाहें तो हल्‍का सा म्‍यूजिक चला लें। यह मुद्रा करने से शरीर का हार्मोन प्राकृतिक रूप से बैलेंस होता है। इसके अलावा भी पैरों में थकान एवं दर्द की स्थिति में इस योग से लाभ होता है। यह आसन रक्त संचार को सुचारू बनाता है। अनिद्रा सम्बनधी रोग में इस आसन का अभ्यास लाभकारी होता है। गर्दन और कंधों में मौजूद तनाव को दूर करने के लिए भी यह व्यायाम बहुत ही लाभकारी होता है। पीठ दर्द में इस आसन से काफी राहत मिलती है।

विपरीत करनी आसन की विधि- सबसे पहले दीवाल से करीब 3 इंच की दूरी पर चटाई बिछाएं। फिर अपने पैरों को दीवाल की ओर फैला कर लेट जाएं। शरीर के ऊपरी भाग को पीछे की ओर झुकाकर कम्बल पर लेट जाएं इस अवस्था में दोनों पैर दीवाल से ऊपर की ओर होने चाहिए बांहों को शरीर से कुछ दूरी पर ज़मीन से लगाकर रखें। इस अवस्था में हथेलियां ऊपर की ओर की होनी चाहिए. सांस छोड़ते हुए सिर, गर्दन और मेरूदंड को ज़मीन से लगायें इस मुद्रा में 5 से 15 मिनट तक बने रहें घुटनों को मोड़ेते हुए दायीं ओर घूम जाएं और फिर सामान्य अवस्था में बैठ सावधानियां पीठ दर्द और गर्दन दर्द में इस आसन को नहीं करना चाहिये। मासिक धर्म के समय महिलाओं को इस आसन को नहीं करना चाहिये। अगर आपकी आंखों में तकलीफ है तो भी इसे ना करें।

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विपरीत करनी आसन से पाइये मां बनने का सुख