किसी भी आसन का अभ्यास शुरू करने से पहले उसके सही तरीकों के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेना चाहिए अन्यथा उस आसन का पूरा लाभ हमें नहीं मिल पाता है।

तो आइये जानते हैं कि पश्चिमोत्तानासन करने का सही तरीका क्या है –

जमीन पर दोनों पैरों को एकदम सीधे फैलाकर बैठ जाएं। दोनों पैरों के बीच में दूरी न हो और जितना संभव हो पैरों को सीधे रखें। इसके साथ ही गर्दन, सिर और रीढ़ की हड्डी को भी सीधा रखें।
इसके बाद अपनी दोनों हथेलियों को दोनों घुटनों (knees) पर रखें।
अब अपने सिर और धड़ (trunk) को धीरे से आगे की ओर झुकाएं और अपने घुटनों को बिना मोड़े हाथों की उंगलियों से पैरों की उंगलियों को छूने की कोशिश करें।
इसके बाद गहरी श्वास लें और धीरे से श्वास को छोड़ें। अपने सिर और माथे को दोनों घुटनों से छूने की कोशिश करें।
बांहों को झुकाएं और कोहनी (elbow)से जमीन को छूने की कोशिश करें।
श्वास को पूरी तरह छोड़ दें और इसी मुद्रा में कुछ देर तक बने रहें।
कुछ सेकेंड के बाद वापस पहली वाली मुद्रा में आ जाएं।
अब सामान्यरूप से श्वास लें और इस आसन को 3 से 4 बार दोहराएं।
पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास खाली पेट किया जाता है। लेकिन यदि आप किसी कारणवश भोजन करने के बाद इस आसन का अभ्यास करना चाहते हैं तो यह सुनिश्चित कर लें कि आसन करने से लगभग 6 घंटे पहले भोजन कर लें। भोजन सही तरीके से पचने के बाद आसन का अभ्यास करने में शरीर को पर्याप्त ऊर्जा मिलती है। इस योगासन का अभ्यास करने का बेहतर समय सुबह होता है लेकिन शाम को भी इसका अभ्यास किया जा सकता है।

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पश्चिमोत्तानासन करने का तरीका