किसी भी आसन को करने के लिए शरीर का लचीला होना जरूरी होता है। इस कारण शुरुआत में हर व्यक्ति को परेशानी आती योग करने में। अतः योग कि शुरुआत हमेशा सूर्य नमस्कार से ही करना चाहिए।

सूर्य नमस्कार शरीर के मजबूती और लचीलापन प्रदान करता है। जिससे दूसरे आसन करने में परेशानी नहीं आता। ये रीढ़ की हड्डी, मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करता है और एकाग्रता बढ़ाता है। कुछ दूसरे आसन भी है जो सरल भी है और लाभदायक। जिसे हर नौसिखिया व्यक्ति कर सकता है

वृक्षासन(tree pose) - यह मन की सोच का संतुलन बनाए रखता है और तनाव से बचाता है।

2.सर्वांगासन- इस आसन के कारण रक्त परिसंचरण तंत्र,पाचन तंत्र और स्वांस प्रणाली सही तरीकें से काम करते हैं।

3.हलासन- मधुमेह से बचाता है और रीढ़ की हड्डी को लचीला और मजबूत बनाता है।

4.बलासन (child pose)- ये कंधा,छाती,पीठ के दर्द को कम करता है। कसरत करने के बाद इसे कर सकते है।

5.वज्रासन- ये पाचन तंत्र को सही करता है और खाना जल्दी पचाता है। खाने के बाद पांच मिनट इसे कर सकते है।

समय बीतने के साथ आपका शरीर लचीला, मजबूत होगा और मन संतुलित होने लगेगा तब आप आसनों की संख्या और बढ़ा सकते है। योग करते वक्त इन बातों का ध्यान रखें

  1. शरीर में जोर ना लगाए। इसे चोट लगने के आसार बढ़ सकते है।
  2. हर एक आसन को करने के बाद शवासन 30 संकेड के लिए जरूर करे।
  3. खाना खाने के बाद सिर्फ वज्रासन कर सकते है दूसरे आसन न करे।
  4. ऐसे कपड़े पहने जिससे आपको आसन करने में आसानी हो।

आखिरी और जरूरी बात आपसे कहना चाहुंगा कि योग में आप एक दो दिन में आप निपुण नहीं हो पाएंगे इसमें समय लगता है। अतः धीरज रखे

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नौसिखियों के लिए योग के सबसे अच्छे आसन कौन से हैं?