पैरों को सामने की ओर फैलाते हुए बैठ जाएँ,रीढ़ की हड्डी सीधी रहे।
घुटनो को मोड़ें और दोनों पैरों को श्रोणि की ओर लाएँ,पाँव के तलवे एक दुसरे को छूते हुए।
दोनों हाथों से अपने दोनों पाँव को कस कर पकड़ लें। सहारे के लिए अपने हाथों को पाँव के नीचे रख सकते हैं।
एड़ी को जननांगों के जितना करीब हो सके लाने का प्रयास करें।
लेकिन हां यह करते वक्त ध्यान रहे कि हाथ सीधे रहें और शरीर भी पूरी तरह सीधा होना चाहिए|
ऐसा इसलिए करना चाहिए ताकि रीढ़ की हड्डी सीधी हो जाए|
लंबी,गहरी साँस ले, साँस छोड़ते हुए घुटनो व् जांघो को फर्श की ओर दबाएँ।
तितली के पंखों की तरह दोनों पैरों को ऊपर नीचे हिलाना शुरू करें। और धीरे धीरे गति बढ़ाएँ ।
जितना संभव हो उतनी तेज़ी से प्रक्रिया को करें| धीमा करते हुए रुकें,गहरी साँस ले,साँस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें
कोहनी से जांघों या घुटनो पर दबाव डाले जिससे घुटने व् जांघ जमीन को छुए।
जाँघो के अंदरुनी हिस्से में खिंचाव महसूस करें और लंबी गहरी साँस लेते रहें। मांसपेशियों को विश्राम दें।
एक लंबी गहरी साँस ले और धड़ को ऊपर लाएँ|
साँस छोड़ते हुए धीरे से मुद्रा से बाहर आएं|
इसके पश्चात अपने पैरों को धीरे-धीरे सीधा कर लें और कुछ समय तक शरीर को ढीला छोड़ दें|
 

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तितली आसन करने का तरीका