गर्भावस्था में थोड़ी मात्रा में गुड़ खा सकते हैं, अधिक गुड़ खाने से समस्या हो सकती है। गुड़ में कैल्शियम और आयरन होता है जो गर्भवती के लिए जरूरी तत्व हैं लेकिन गुड़ की तासीर गर्म होती हैं। गुड़ के अधिक सेवन से प्रेगनेंसी में लूज मोशन
की समस्या हो सकती है। साथ ही गुड़ का नियमित सेवन गर्भावस्था डायबिटीज़ यानि गेस्टेशनल डायबिटिज़ का खतरा पैदा कर सकता है। गुड़ खाने से शरीर में खारिश और फुंसियाँ निकलने का भी डर रहता है इसलिए थोड़ा बहुत खा सकते हैं, अधिक नहीं।

1. गुड़ में आयरन, कैल्शियम और फॉस्‍फोरस जैसे गुण होते हैं जो शरीर में खून की कमी दूर करता है, गुड़ खाने से रेड ब्‍लड सेल्‍स बनते हैं। उसकी प्रतिरक्षा मजबूत होती है। जिससे वह गर्भावस्‍था के दौरान बीमारियों और संक्रमण लड़ने में मदद मिलती है।

2. गुड़ खाने से बच्चे का वजन और सेहत भी अच्छी बनी रहती है। पाचन संबंधी समस्‍या भी गुड़ खाने से ठीक रहती है। इससे हड्डियों को मजबूती मिलती है।

3. नियमित रूप से गुड़ खाने से गर्भवती महिलाओं में दूध की अशुद्धियां कम हो जाती हैं। इसलिए गर्भवती महिलाओं को सातवें महीने से गुड़ खाने के लिए सलाह दी जाती है।

4. गुड़ में फोलेट मौजूद होता है जो गर्भावस्था के दौरान महिला को स्वस्थ बनाये रखता है। इससे गर्भ में पल रहे बच्चे का भी सही विकास होता है।

5. गर्भावस्‍था के दौरान अक्‍सर महिलाओं को जोड़ों में दर्द की शिकायत होती है लेकिन अगर आप इन दिनों गुड़ खाएंगी तो इससे आपकी हड्डियां मजबूत बनेगी और आपके घुटनों को ताकत मिलेगी।

6. गुड़ में सोडियम बहुत ही कम मात्रा में होता है। जिसकी वजह से ये गर्भावस्था के दिनों में ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखता है। किडनी में स्टोन नहीं होता। दिल संबंधी समस्या कम हो जाती हैं।

7. गुड में मौजूद मिनरल और पोटैशियम शरीर में पानी की कमी नहीं होने देते है। जिससे गर्भावस्था के दौरान जो सूजन और दर्द की समस्या के असर को कम करने में मदद मिलती है।

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क्या गर्भावस्था में गुड़ खाना सुरक्षित है?