उत्तानपादासन नाम संस्कृत से लिया गया हैं, उत्तानपादासन मुद्रा का नाम दो शब्दों “उत्तान” और “पाद” से मिलकर बना हैं, जिसमे “उत्तान” शब्द का अर्थ ऊपर उठा हुआ और “पाद” शब्द का अर्थ पैर होता हैं। पीठ के बल लेट कर यह आसन किया जाता हैं इसलिए इसे उत्तानपादासन नाम दिया गया हैं, यह पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए अच्छा है। इसे द्विपादासन के नाम से भी जाना जाता हैं, द्विपादासन में “द्वि” अर्थात दोनों का खड़ा होना और “पदा” का अर्थ हैं पैर, इसका पूरा अर्थ दोनों पैरो का खड़ा होना। आइये हम उत्तानपादासन करने का तरीका और उसके फायदे के बारे में जानते हैं।

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उत्तानपादासन योग क्या है