योग से जुड़ी सात भ्रांतियां

सद्‌गुरु: इस पूरी धरती पर ज्यादातर लोग योग को ‘आसन’ समझ बैठते हैं। योग विज्ञान ने जीवन से जुड़े तकरीबन हर पहलू के बारे में तमाम तरह की बातें उजागर की हैं, लेकिन आज दुनिया योग के सिर्फ शारीरिक पहलू को ही जानती है। जबकि योगिक पद्धति में आसनों को बहुत कम महत्व दिया गया है। दो सौ से भी अधिक योग सूत्रों में से मात्र एक सूत्र आसनों के लिए है। लेकिन किसी तरीके से यही एक सूत्र आजकलं खासी अहमियत पा रहा है।

योग क्या है ? योग के 10 फायदे

योग शब्द संस्कृत की ‘युज’ धातु से बना है जिसका अर्थ है जोड़ना यानि शरीर,मन और आत्मा को एक सूत्र में जोड़ना |योग के महान ग्रन्थ पतंजलि योग दर्शन में योग के बारे में कहा गया है|

“ योगश्च चित्तवृत्ति निरोध : “ l

यानि मन की वृत्तियों पर नियंत्रण करना ही योग है l

गीता में कहा गया है – योग: कर्मसु कौशलम l

यानि कर्मों में कौशल या दक्षता ही योग है।

योग के 10 फायदे  / Benefits of Yoga in Hindi

खूबसूरती को लंबे समय तक बनाए योग

योगासन के आसनों में खास बात होती है कि हर आसन अपने आप में पूर्ण होता है। योग के इन आसनों के जरिए सेहतमंद तो आप खुद को बना ही सकते है बल्कि योग के जरिए आप अपने सौंदर्य और खूबसूरती को लंबे समय तक बनाए रख सकते है। योग के ये आसन आपकी त्वचा को ढीली नहीं पड़ने देंगे। योगासन के ये आसान आसन और पोज आपके यौवन के साथ आपकी खूबसूरती को भी बनाए रखेंगे। योग के ये आसन आपको सौंदर्य से लबालब कर देंगे। हमारे चेहरे में ही सौंदर्य और खूबसूरती का राज छिपा है जिसे अपनाकर मनचाहा सौंदर्य और यौवन पाया जा सकता है। हम अपने चेहरों को एक निश्चित आकार देकर और आसान आसनों के जरिए सुंदरता और यौवन को लंबे समय तक बनाए रख सकते

क्या योग इस्लाम विरोधी है?

इस्लाम मतलब आप किस इस्लाम कि बात कर रहे है? ज़्यादातर मुस्लमान जिस हन्नाफी इस्लाम का अमल करते है उसके हिसाब से योग इस्लाम विरोधी नही है।

यदि आप वहाब्बी इस्लाम कि बात करतें हैं तो ज़िंदगी में जो चिज़े सब लोग करते है उस में से 80–90% चिज़े जैसे गाना गाना, फिल्में देखना, बिना हिजाब घर से बाहर निकलना, टी वी देखना वैगैरा सब इस्लाम विरोधी है। फिर योग तो दुर कि बात है।


योग शब्द यूजिर योगे से बना है जिसका अर्थ है जोड़ना

योग’ और ‘मेडिटेशन’ के बीच क्या अंतर है?

योग एक सम्पूर्ण प्रक्रिया व प्रणाली है जबकि मेडिटेशन या ध्यान महज एक भाग है अष्टांगिक योग प्रणाली का।

योग का अर्थ है - “मिलन”। जीव की समष्टिगत चेतना का व्यष्टिगत चेतना से एकाकार होना ही योग है।

पातंजल योगसूत्र के अनुसार - “योगश्चित्तवृत्ति निरोधः” —

अर्थात, चित्त की समस्त वृत्तियों यथा - प्रमाण-विपर्यय-विकल्प-निद्रा और स्मृति रूप समस्त वृत्तियों का पूरी तरह से निरुद्ध हो जाना ही योग है।

योग समाधि को भी कहते हैं क्योंकि यह ‘योग’ शब्द “युज् समाधौ” से निष्पन्न होता है, ना कि “युजिर् योगे” संयोग अर्थ वाली युजिर धातु से।

दुनिया को क्यों है योग की ज़रूरत

आधुनिक युग ने मनुष्य को इतना प्रायौगिक बना दिया है कि वह हर चीज़ को वैज्ञानिक दृष्टि से परखने की कोशिश करता है। अगर उसका मस्तिष्क उस बात को मान लेता है तो वह उसे अपने जीवन में उतारने की कोशिश करता है। अगर ऐसा नहीं हो पाता तो वह अपने मस्तिष्क का इस्तेमाल करके वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाते हुए उसका हल निकालने का प्रयत्न करता है। विज्ञान के कामयाब सफर ने आज मनुष्य की जिंदगी को आसान और खुबसूरत बना दिया है। यही वजह है कि आज जीवन के हर रंग और रूप में हर स्तर पर आपको विज्ञान की झलक देखने को मिल जाएगी। आज हम कह सकते हैं कि आज का युग वैज्ञानिक युग है। आज विज्ञान ने हर क्षेत्र में तेज़ी से विकास किया है।

योग करें और किडनी को मजबूत बनाए

किडनी शरीर के मुख्य अंगों में से एक है। शरीर में किडनी का काम है रक्त में से पानी और बेकार पदार्थों को अलग करना। इसके अलावा शरीर में रसायन पदार्थों का संतुलन, लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में भी सहायता करता है। इसका एक और कार्य है विटामिन-डी का निर्माण करना, जो शरीर की हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत बनाता है

कर्मयोग से तात्पर्य

“अनासक्त भाव से कर्म करना”। कर्म के सही स्वरूप का ज्ञान।

कर्मयोग दो शब्दों से मिलकर बना है – ‘कर्म’ तथा ‘योग’ ।

कर्मयोग के सन्दर्भ ग्रन्थ – गीता, योगवाशिष्ठ एवं अन्य।

1. कर्मों का मनोदैहिक वर्गीकरण –

योग करते समय रहें सावधान... और बनें स्वास्थ्य

कहते हैं जहां भोग है वहां रोग है. जहां योग है वहां निरोग, लेकिन गलत योग रोगी बना सकता है. यानी योग करते समय सावधान रहें.

एक्सरसाइज करना अच्छी बात है. यह शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखती है. लेकिन अधकचरा ज्ञान कभी-कभी आपको बड़ी मुश्किल में डाल सकता है. 

इसलिए एक्सरसाइज करने से पहले कुछ बातें जरूर ध्यान कर लें. फिट रहने के कुछ खास मंत्र होते हैं जिन्हें आप अपनी दिनचर्या में यदि शामिल कर लें तो आप फिटनेस की ओर निरंतर बढ़ते चले जायेंगे.

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