जॉगिंग शुरू करने की तैयारी

रनिंग के लिए बहुत कम उपकरणों की आवश्यकता होती है, लेकिन इसके लिए अच्छे रनिंग शूज आवश्यक है। जॉगिंग के दौरान आपके जोड़ों और मांसपेशियों पर आपके शरीर के दबाव का तीन से पांच गुना अधिक होता है, जो आपके निचले शरीर पर काफी तनाव बढ़ाता है। गलत जूतों के साथ दौड़ना (यानी किसी भी प्रकार का जूता जो दौड़ने के लिए नहीं बनाया गया है) चोट लगने और जोड़ों में दर्द का कारण बन सकता है। इसलिए जॉगिंग के लिए सही शूज का चयन करें।

ज़रूरत से अधिक जॉगिंग ना करें

किसी भी कार्य को एक निश्चित मात्रा में करना चाहिए। क्योंकि कोई भी कार्य जो हमारे लिए लाभदायक होता है उसे अत्यधिक करने से वह हमारे लिए हानिकारक हो सकता है। उसी प्रकार जॉगिंग को जरूरत से ज्यादा ना करें क्योंकि वह हमारे स्वस्थ के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

जॉगिंग की शुरुआत कैसे करे सही तरीका

यदि आप एक बिगिनर है और जॉगिंग करने की शुरुआत कर रहें है तो आपके एक अच्छे रनर बनने के लिए आठ सप्ताह के लिए 30 मिनिट की जॉगिंग रूटीन अपनानी है।

पीठ दर्द को जड़ से खतम करे मार्जारी आसन

मार्जारी आसन एक बहुत ही सरल आसन है जो कि खासतौर पर रीढ़ को लचीला बनाने के लिये किया जाता है। रीढ़ हमारे शरीर का स्‍तंभ होता है, अगर यह ठीक नहीं रहेगा तो आप ठीक से काम नहीं कर पाएंगे। मार्जारी आसन करने में बहुत ही आसान है। अगर आपको पीठ दर्द रहता है तो आप के लिये यह मार्जारी आसन बहुत लाभकारी होगा। पीठ दर्द की वजह से शरीर के अन्‍य भाग जैसे, कंधों में दर्द, मांसपेशियों में लोच की कमी, वजन का घटना, गर्दन में दर्द, कमजोरी और कभी-कभी सिरदर्द की भी शिकायत हो सकती है। मार्जारी आसन महिलाओं के लिए विशेष रूप से लाभदायक है। गर्भावस्था के दौरान पहले तीन महीने तक मार्जारी आसन का अभ्यास किया जा सकता है। यह

नाभि का टलना दूर करता है सुप्तवज्रासन

सुप्त का अर्थ होता है सोया हुआ अर्थात वज्रासन की स्थिति में सोया हुआ। इस आसन में पीठ के बल लेटना पड़ता है, इसिलिए इस आसन को सुप्त-वज्रासन कहते है, जबकि वज्रासन बैठकर किया जाता है

विधिः 

हरिकासन पेट की समस्या के लिए रामबाण

असंतुलित खाना और असंयमित दिनचर्या पेट से जुड़ी हर समस्या की मुख्य वजह है। कब्ज, गैस व एसीडिटी पेट से जुड़ी कुछ ऐसी प्राब्लम्स हैं जो हर उम्र के लोगों में देखी जाती है। इस समस्या से निपटने के लिए योग सबसे अच्छा और आसान तरीका है। हरिकासन के लिए थोड़ा समय निकाले आपको यह आसन हमेशा के लिए इस समस्या से निजात दिला सकता है। पेट साफ  रखने के लिए हरिकासन काफी फायदेमंद है। इस आसन को पद्मासन की ही तरह खाने के बाद भी किया जा सकता है। हरिकासन प्रार्थना व ध्यान के लिए भी लाभकारी है। इस आसन में काफी समय तक बैठा जा सकता है। इसलिए अधिकांश ऋषि-मुनि, योगी आदि इस आसन की मुद्रा में ही बैठते थे।

ब्रेस्ट साइज बढ़ाना चाहती हैं, तो आज से शुरू कर दें गोमुखासन

योग ब्रेस्ट साइज बढ़ाने के लिए काफी सही उपचार है। इससे किसी भी तरह का नुकसान नहीं होता है। ऐसे में गोमुखासन करने से आपको फर्क जरूर दिखेगा।

लाभदायक है त्रिकोणासन

शरीर का बाह्य रूप से ही नहीं भीतरी रूप से भी ठोस होना मौजूदा जीवनशैली की जरूरत है। ऐसे में सिर्फ खानपान पर आश्रित रहना सही नहीं है। जरूरत इससे कुछ ज्यादा की है। त्रिकोणासन इसमें हमारी मदद कर सकता है। सामान्यतः त्रिकोणासन चैड़े सीने की चाह रखने वालों के लिए लाभकर है। लेकिन त्रिकोणासन के तिगुने लाभ हैं। यह शारीरिक रूप से फिट रहने की चाह रखने वालों को अवश्य करना चाहिए। पेट, कूल्हे और कमर के बेहतरीन शेप के लिए तो त्रिकोणासन से बेहतर और कुछ है ही नहीं। यह आसन सिर्फ कुछ शारीरिक अंगों पर ही कारगर नहीं है वरन हमारी मांसपेशियों के लिए भी त्रिकोणासन सहायक है। कहने का मतलब यह है त्रिकोणासन हमारे संपूर

कटिचक्रासन : डाइबिटीज को रखें कंट्रोल में हमेशा

वर्तमान समय में हर उम्र वाले लोगों में डाइबिटीज के रोगी देखे जा सकते हैं। डाइबिटीज एक ऐसा रोग है जो अगर एक बार इंसान को लग जाए तो उसे जिंदगी भर दवाईयां खानी पड़ती है। अगर आपके साथ भी यही समस्या है तो योग के कटिचक्रासन के माध्यम से आप इस पर काबू पा सकते हैं।

भूचरी आसन दिमाग तेज रखने और याददाश्त बढ़ाने के ल‌िए

काम में ध्यान न लगे या फिर पढ़ी हुई चीजें न याद रहें, याददाश्त और दिमाग से जुड़ी छोटी-छोटी समस्याओं का पुख्ता उपचार योग में मौजूद है।

ऐसे में योग की भूचरी मुद्रा का नियमित अभ्यास न सिर्फ याददाश्त बढ़ाने में मदद करता है बल्कि यह मानसिक शांति देता है और फोकस बढ़ाता है। साथ ही, इसके नियमित अभ्यास से बहुत अधिक गुस्से पर काबू पाया जा सकता है।

जानिए, इस मुद्रा की सही विधि और आप खुद आजमाकर देखिए।

– इसे करने के लिए सुखासन में यानी पालथी मारकर सीधे बैठें और कमर सीधी रखें।

– अब हथे‌लियों को ऊपर की ओर करके अपनी जांघों या घुटनों पर रखें। आराम महसूस करें।

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