स्तन कैंसर में योगाभ्यास का महत्व

योग करना सामान्य मनुष्य के लिए तो स्वास्थ्यवर्धक है, और कैंसर से पीड़ित व्यक्ति को योग के अभ्यास विधायक उर्जा से भर देते हैं | और स्तन कैंसर की महिलाओं के लिए योग के आसन इलाज के दौरान और इलाज के बाद भी अत्यंत जरूरी होते हैं|

एसिडिटी से हैं परेशान तो इन योगासनों का करें नियमित अभ्यास

नियमित योग करने वाले कई बीमारियों से बचे रहते हैं. एसिडिटी भी उनमें से एक है. एसीडिटी आधुनिक जीवनशैली की वजह से होने वाली आम समस्या है. खाने-पीने में जरा भी अनियमितता हुई नहीं कि एसिडिटी गले पड़ गई. इससे बचने के लिए लोग कई तरह की औषधियों और दवाइयों का इस्तेमाल करते हैं फिर भी परेशान रहते हैं.
एसीडिटी की समस्याओं से बचने के लिए अपनाएं ये आसान से योगासन-

मत्स्यासन
यह आसन मांसपेशियों के लिए बहुत लाभदायक है. इसके नियमित अभ्यास से एसिडिटी की समस्या से राहत मिलती है.

योग से गैस की दिक्कत को यूं करें गायब

पेट गैस को अधोवायु बोलते हैं। इसे पेट में रोकने से कई बीमारियां हो सकती हैं, जैसे एसिडिटी, कब्ज, पेटदर्द, सिरदर्द, जी मिचलाना, बेचैनी आदि। लंबे समय तक अधोवायु को रोके रखने से बवासीर भी हो सकती है। आयुर्वेद कहता है कि आगे जाकर इससे नपुंसकता और महिलाओं में यौन रोग होने की भी आशंका हो सकती है।

गैस बनने के लक्षण 
पेट में दर्द, जलन, पेट से गैस पास होना, डकारें आना, छाती में जलन, अफारा। इसके अलावा, जी मिचलाना, खाना खाने के बाद पेट ज्यादा भारी लगना और खाना हजम न होना, भूख कम लगना, पेट भारी-भारी रहना और पेट साफ न होने जैसा महसूस होना।

योग का महत्व

यह प्रमाणित तथ्य हैं की योग मुद्रा, ध्यान और योग में श्वसन की विशेष क्रियाओं द्वारा तनाव से राहत मिलती है, योग मन को विभिन्न विषयों से हटाकर स्थिरता प्रदान करता है और कार्य विशेष में मन को स्थिर करने में सहायक होता है.

हम मनुष्य किसी चीज़ की ओर तभी आकर्षित होते हैं जब उनसे हमें लाभ मिलता है. जिस तरह से योग के प्रति हमलोग आकर्षित हो रहे हैं वह इस बात का संकेत हैं कि योग के कई फायदे हैं. योग को न केवल हमारे शरीर को बल्कि मन और आत्मिक बल को सुदृढ़ और संतुष्टि प्रदान करता है. दैनिक जीवन में भी योग के कई फायदे हैं, आइये! इनसे परिचय करें.

योग के प्रकार

हमारे शरीर में अलग अलग अंगों और विभिन्‍न प्रकार के स्‍वास्‍थ्‍य लाभों को प्राप्‍त करने के लिए योग किया जाता है। लेकिन योग के कई प्रकार होते हैं आइए संक्षिप्‍त में जाने योग के प्रकार जो हमें कई प्रकार के लाभ दिलाते हैं।

वि‍नीसा योग (Vinyasa Yoga)
अष्‍टांग योग (Ashtanga Yoga)
आयंगर योग (Iyengar Yoga)
बिक्रम योग (Bikram Yoga)
जिवामुक्ति योग (Jivamukti Yoga)
पावर योग (Power Yoga)
शिवानंद योग (Sivananda Yoga)
यिन योग (Yin Yoga)
 

प्रसव के बाद करे अनुलोम विलोम प्राणायाम

अनुलोम विलोम प्राणायाम रक्त परिसंचरण में सुधार के लिए और उत्कृष्ट साँस लेने बहुत ही अच्छा प्राणायाम हैं। यह प्रसव के बाद करने के लिए अच्छा योग आसन है। यह प्राणायाम दिल की रुकावटों (heart blockages) को दूर करता है। यह तनाव, चिंता और अवसाद को भी स्वाभाविक रूप से दूर करता है।

कपालभाति प्राणायाम फॉर हेल्थी लिवर

कपालभाति प्राणायाम एक साँस लेने का व्यायाम है जो लीवर में होने वाले रोगों जैसे- लिवर सिरोसिस, पीलिया, हेपेटाइटिस और अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए लाभदायक होता है। कपालभाति प्राणायाम योग जो लीवर को उत्तेजित करता है और विभिन्न प्रकार की लीवर की समस्याओं को प्रभावी ढंग से ठीक करता है।

अधिक समय तक सेक्स करे अनुलोम विलोम प्राणायाम से

अनुलोम विलोम प्राणायाम एक साँस लेने की तकनीक है और यह श्वसन एलर्जी, राइनाइटिस (rhinitis), साइनसाइटिस (sinusitis), सर्दी और खांसी जैसी कई समस्याओं को हल करने में मदद करने के लिए जानी जाती है। इसके अलावा अनुलोम विलोम प्राणायाम यौन आनंद को बढ़ाने में भी मदद करता है और संभोग की भावना को रोकता है। यह स्खलन में देरी करने में भी मदद करता है और पूरे शरीर को ताकत देता है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को जमीन पर बिछा कर सुखासन या वज्रासन में बैठ जाएं।

बाल उगाने के लिए योग भस्त्रिका प्राणायाम

भस्त्रिका प्राणायाम बालों को झड़ने से रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण योग है और यह एक सुपरचार्ज मोड प्राणायाम भी है। यह फेफड़ों को स्वस्थ रखता है और पूरे शरीर में रक्त परिसंचरण में सुधार करता है जो  बालों का झड़ना भी रोकता है और बालों के उगने में मदद करता है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को जमीन पर बिछा कर पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं। अपनी आँखों को बंद कर लें और अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। फिर अपनी तर्जनी को अंगूठे से मिलाएं। अब एक गहरी साँस अन्दर लें और फिर बलपूर्वक उसके बाहर निकालें। फिर से बलपूर्वक अन्दर की ओर साँस लें और फिर से बलपूर्वक उसे बाहर निकले। इस भस्त्र

लो बीपी के लिए योग सूर्यभेदी प्राणायाम

सूर्यभेदी प्राणायाम मन को नियंत्रित करने में मदद करता है और सांस लेने की दर को धीमा करता है। जैसे ही ऑक्सीजन प्रवेश करती है और विषाक्त पदार्थ शरीर से बाहर निकलते हैं। यह दिमाग को शांत करता है जिससे सिर ठंडा रहता है और चक्कर नहीं आते हैं। यह एक उन्नत प्राणायाम है इसे योग शिक्षक के मार्गदर्शन में किया जाना चाहिए।

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